बार-बार गर्म करके खाते हैं खाना? आयुर्वेद और मेडिकल साइंस की ये चेतावनी जरूर पढ़ें

2 days ago

अदिति शुक्ला (इंटरनेट डेस्क)। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास इतना भी समय नहीं होता कि वे आराम से बैठकर ताजा खाना खा सकें। सुबह ऑफिस की जल्दी, दिनभर की व्यस्तता और रात को थकान, इन सबके बीच ज्यादातर लोग एक बार खाना बना कर रख देते हैं और जरूरत पड़ने पर बार-बार गर्म करके खाते रहते हैं। कई बार तो दो से तीन दिन का खाना लोग फ्रीज कर के रख लेते हैं। सुनने में ये बात आम लग सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही आदत आपकी सेहत को धीरे-धीरे बीमार बना सकती है।

बार-बार गर्म किया गया खाना है हार्मफुल

- आयुर्वेद और मेडिकल साइंस दोनों ही इस आदत को खतरनाक मानते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, बार-बार गर्म किया गया खाना 'अमवर्धक' और 'वीर्यहीन' हो जाता है। यानि ऐसे भोजन से शरीर को न तो ताकत मिलती है और न ही यह अच्छे से पचता है। धीरे-धीरे यह शरीर में टॉक्सिन पैदा करता है, जो बीमारियों की जड़ है।

- वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कहता है कि पका हुआ भोजन दोबारा गर्म करना है तो उसका तापमान कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, और यह प्रोसेस सिर्फ एक बार करना चाहिए। बार-बार गर्म करने से पोषण खत्म हो जाता है और कुछ खाद्य पदार्थों में कैंसर कारक केमिकल बनने लगते हैं।


ये फूड सबसे ज्यादा नुकसान करते हैं

- प्रोटीन युक्त खाना – अंडा, चिकन या पनीर बार-बार गर्म करने से प्रोटीन की संरचना बिगड़ जाती है। यह शरीर के लिए हानिकारक और पचाने में मुश्किल हो जाता है।

- स्टार्च वाले पदार्थ – पके हुए चावल में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो दोबारा गर्म करने पर भी पूरी तरह नष्ट नहीं होते। आलू, ब्रेड या पास्ता बार-बार गर्म करने पर 'एक्रिलामाइड' नामक जहरीला केमिकल बनाते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

- हरी सब्जियां – पालक, चुकंदर या मेथी जैसी सब्जियां गर्म करने पर नाइट्रेट्स से 'नाइट्रोसामाइन' बनते हैं, जो डीएनए को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का कारण बन सकते हैं।

- तले हुए व्यंजन – समोसे, पकौड़े या पराठे बार-बार गर्म करने से उनमें ट्रांस फैट्स और हानिकारक यौगिक बन जाते हैं, जो दिल की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।


ICMR और WHO की गाइडलाइन

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने 2024 की अपनी आहार गाइडलाइन में साफ कहा है कि तेल को बार-बार गर्म करने से कैंसर और हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। वहीं WHO बार-बार गर्म करने से बचने की सलाह देता है।

सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं –

- पका हुआ खाना 90 मिनट के भीतर फ्रिज में रखें।
- 24 घंटे से ज्यादा पुराना खाना न खाएं।
- बचा हुआ भोजन सिर्फ एक बार गर्म करें और कम से कम 70°C तक गरम करें।


आयुर्वेद का नजरिया

आयुर्वेद के अनुसार, ताजा पका हुआ खाना ही सबसे पौष्टिक और 'प्राणवान' होता है। जब खाना ठंडा होकर दोबारा गर्म किया जाता है, तो उसमें से 'प्राण' यानी जीवन शक्ति निकल जाती है। यही कारण है कि आयुर्वेद 3 घंटे से ज्यादा पुराना खाना खाने से मना करता है। साथ ही यह भी सलाह दी जाती है कि भोजन को पचाने के लिए हल्दी, अदरक, काली मिर्च जैसे मसालों का इस्तेमाल करें और भोजन में घी का प्रयोग करें, ताकि पाचन अग्नि मजबूत हो सके।

क्या करें और क्या न करें

- हमेशा ताजा भोजन बनाएं और खाने की कोशिश करें।
- जरूरत पड़ने पर ही खाना स्टोर करें और ज्यादा से ज्यादा एक बार गर्म करें।
- तेल को बार-बार इस्तेमाल न करें।
- बासी चावल, आलू और तले हुए पकवान दोबारा गर्म करने से बचें।

Read Full Article at Source