बिहार को खटाखट मिल रहे हैं पैसे तो क्यों नाक-भौं सिकोड़ रहे हैं तेजस्वी यादव?

1 month ago

आम बजट में बिहार के विकास से जुड़ी योजनाओं के लिए खटाखट पैसे दिए जाने की घोषणा से देश के साथ राज्य की राजनीति भी गरमा गई है. राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बिहार का नाम लिए बिना अन्य राज्यों के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर बिहार में भी यह मुद्दा गरमा गया है. यहां की मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने बजट में बिहार के लिए की गई योजनाओं को पुरानी घोषणाओं का रिपैकेजिंग बताया है. उन्होंने कहा कि विशेष सौगात के नाम पर बिहार की जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया है.

बुधवार को बिहार विधानसभा में यह मुद्दा उछला. विपक्षी दल इस आर्थिक सहायता को स्पेशल पैकेज के नाम पर झुनझुना बता रहे थे तो वहीं सीएम नीतीश कुमार बेहद आक्रामक दिखे. उन्होंने सदन के भीतर ही कहा कि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के लिए कांग्रेस पार्टी को माफी मांगना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम 2005 से राज्य में हर काम कर रहे हैं. हमलोगों ने ही बिहार के विकास से जड़े सभी काम किए हैं.

दरअसल, केंद्रीय बजट में इस बार बिहार में एक्सप्रेस-वे, हाईवे, गंगा पर पुल, बिजली प्लांट, बाढ़ पर नियंत्रण आदि कार्यों के लिए 59 हजार करोड़ रुपये देने की बात कही गई है. इससे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहद गदगद हैं. वहीं विपक्षी दल इस आवंटन में खामियां निकालने में जुटे हैं.

2025 का चुनाव
पैकेज को लेकर बिहार में बवाल के पीछे की पूरी कहानी अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव है. इस पैकेज ने राज्य की राजनीति का नैरेटिव बदल दिया है. अभी तक तेजस्वी यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सरकार में रहते हुए शिक्षकों को दी गई बहाली को मुद्दा बनाने में जुटे थे. वह बीते चुनाव से ही राज्य में 10 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा करते आ रहे हैं. नीतीश के साथ सरकार में रहते हुए उनके इस वादे पर अमल भी हुआ और राज्य में करीब 2.5 शिक्षकों की बहाली हुई. फिर सरकार से हटने के बाद तेजस्वी अपनी हर सभा में इसका श्रेय लेते दिखे. लोकसभा चुनाव के दौरान भी तेजस्वी यादव ने सरकारी नौकरी को अहम मुद्दा बनाया. इसका उन्हें फायदा भी हुआ. राज्य में इंडिया गठबंधन एक से बढ़कर 10 सीटों तक पहुंच गई.

अब सबकी नजर सितंबर-अक्टूबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है. अगर केंद्र की ओर से आर्थिक सहायता की यह बात जनता तक पहुंच गई तो तेजस्वी के चुनावी अभियान को एक बड़ा डेंट लग जाएगा. इस कारण तेजस्वी इस पैकेज को बहुत अहमियत नहीं दे रहे हैं. वह इसे पुरानी योजनाओं की रिपैकेजिंग करार दे रहे हैं.

जेडीयू को मिलेगी मजबूती
बजट में बिहार को मिले पैसे से सबसे ज्यादा राजनीतिक फायदा जेडीयू को मिलने की संभावना है. जेडीयू यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि मोदी सरकार को उसके समर्थन के बदले बिहार को इतना पैसा मिला है. जेडीयू 2005 में बिहार की सत्ता में आने के वक्त से ही विशेष राज्य के दर्जे की मांग करती रही है. ऐसे में जेडीयू की मजबूती का सीधा असर राजद के प्रदर्शन पर पड़ेगा.

Tags: CM Nitish Kumar, Tejashwi Yadav

FIRST PUBLISHED :

July 24, 2024, 15:03 IST

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