क्या आपने ऐसे पहाड़ के बारे में सुना है जो आम लोगों को मालामाल कर देता हो. जहां रत्न पत्थरों की वर्षा होती हो. अगर नहीं, तो जान लीजिये कि बिहार के गया में एक ऐसा पहाड़ है जो बारिश के दिनों में कीमती मोतियों की वर्षा करता है! शायद विश्वास न हो, लेकिन यह सोलह आने सच है. यहां से मिलने वाले मोतियों को आम लोग 5 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक में बेच चुके हैं. आगे इस पहाड़ के बारे में पूरी जानकारी पढ़िये और तस्वीरें देखिये. (रिपोर्ट-एलेन लिली)
News18 BiharLast Updated :August 13, 2024, 14:30 ISTEdited byVijay jha
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बिहार के गया में एक ऐसा पहाड़ है जिसे मोतियों का पहाड़ कहा जाता है. जब बारिश होती है तो इस पहाड़ से बारिश के पानी के साथ-साथ कीमती मोतियां और मूंगा भी निकलती हैं और जब किसी को मिलती है तो वह व्यक्ति मालामाल हो जाता है. यहां से मिले मोतियों को खरीदने के लिए बोधगया और दूसरे राज्यों से भी खरीदार आते हैं और मोती औऱ मूंगा के हिसाब से उसे खरीदते हैं.
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बताया जाता है कि यहां 5 हजार से लेकर 50 हजार तक छोटी-छोटी कीमती मोतियां और मूंगा बिक चुके हैं. यह पहाड़ गया जिले के वजीरगंज प्रखंड के हंसराज और सोमनाथ पहाड़ी है. दोनों पहाड़ी आपस में सटे हुए हैं और इस पहाड़ी के नीचे हसरा गांव बसा हुआ है. जब यहां मूसलाधार बारिश होती है तो पहाड़ की तराई से मोतियां निकलते हैं. मोतियां बहकर गांव की ओर चली आती है और खेतों में समा जाते हैं.
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इस इलाके के लोगों को मूसलाधार बारिश का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस दौरान यहां के ग्रामीण डटे रहते हैं और अपनी जगह छोड़ना नहीं चाहते. हालांकि, मोतियों को खोजना उतना आसान नहीं होता है और आसानी से नहीं मिलते. लेकिन, जो मेहनत करता है उसे जरूर मिल जाता है. ज्यादातर यहां के बच्चे और नौजवानों को यह मोतियां मिलते हैं.
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यहां के जानकार बताते हैं कि इस पहाड़ के गर्भ में कीमती पत्थर हैं. वहीं, इस पहाड़ पर अष्ट धातु की मूर्तियां होने की बात कही जाती है. इस पहाड़ के अंदर बेशकीमती संपदा है. हंसराज पर्वत के आसपास राजा के महल होने के अवशेष हैं, जिसे माना जाता है कि यहां पहले राजा महाराजाओं का महल हुआ करता था. इसके अवशेष अभी बचे हैं.
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हालांकि, अधिकांश लोग ऐसे होते हैं जो मोतियां पाकर उसे छुपा लेते हैं गांव के लोग भी अब जागरूक हुए हैं और मोतियों को बेचने सीधे खुद जौहरी के पास जाते हैं. पहले जौहरी खुद यहां गांव में आया करते थे. अब भी आते हैं, लेकिन अब गांव के लोग मोती खुद कीमत पता करके उसे महंगे दामों में बेचते हैं.
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खसरा गांव के ग्रामीण बताते हैं की जब बारिश आती है तो पहाड़ से मोती गिरता है. पहाड़ का मोती गांव की ओर और खेतों में चला जाता है. किसान जब खेत में हल चलाते हैं तो मोती मिलता है. काफी मेहनत के साथ ग्रामीण भी ढूंढते हैं. कई लोग तो अपने गले में मोती को धागे के सहारे बांधकर पहनते हैं.