भाई क्या जुगाड़ निकाला है! खाली तेल के डिब्बों से बना दी यह चीज

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Last Updated:December 03, 2025, 15:57 IST

Gujarat News: रात के किसान विहाभाई मेसुरिया ने खाली तेल की टिन और बैटरी से एक साधारण जुगाड़ बनाया है. यह नीलगाय और जंगली सूअरों को खेत से दूर रखता है और फसल को सुरक्षित रखता है. इसे बनाने में एक रुपया भी खर्च नहीं होता. बस घर-गांव में पड़ा कचरा ही काम आ जाता है.

भाई क्या जुगाड़ निकाला है! खाली तेल के डिब्बों से बना दी यह चीजगुजरात के किसान ने तेल की टिनों से जानवरों को भगाने का जुगाड़ निकाला

Gujarat News: जंगलों से सटे खेतों में किसानों की सबसे बड़ी समस्या नीलगाय, जंगली सूअर और अन्य आवारा वन्यजीव होते हैं, जो फसलें नष्ट कर देते हैं. किसानों को रात-दिन पहरा देना पड़ता है, क्योंकि मजबूत बाड़ लगाने का खर्च अधिकांश किसानों के बस से बाहर होता है. लेकिन गुजरात के एक साधारण किसान ने बिना एक रुपया खर्च किए ऐसा देसी जुगाड़ निकाल लिया है जो जानवरों को खेतों से दूर भगाने में माहिर है.

यह कहानी अमरेली जिले के खड़साली गांव के विहाभाई मेसुरिया की है. जिनकी यह खोज दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन रही है. विहाभाई मेसुरिया 17 बीघा जमीन पर मूंगफली और सोयाबीन की खेती करते हैं. जंगल के किनारे बसे उनके खेतों में नीलगाय और जंगली सूअरों का आतंक आम था. यह जानवर रातोंरात फसलें बर्बाद कर देते और भारी नुकसान होता.

पुरानी तेल की खाली टिनों से बना उपकरण 

पारंपरिक तरीके जैसे तारपॉलिन की बाड़, इलेक्ट्रिक फेंसिंग या शॉक मशीनें न सिर्फ महंगी पड़तीं बल्कि कभी-कभी जानवरों की मौत का कारण भी बन जातीं. विहाभाई ने सोचा, क्यों न घरेलू सामान से कुछ ऐसा बनाया जाए जो सस्ता हो और प्रभावी भी. फिर उन्होंने पुरानी तेल की खाली टिनों से बना एक साधारण लेकिन चमत्कारी उपकरण बनाया.

यह जुगाड़ इतना सरल और सस्ता है कि हर किसान इसे घर बैठे बना सकता है वो भी बिना एक पैसा खर्च किए. विहाभाई मेसुरिया ने पुरानी तेल की खाली टिनों को ही अपना हथियार बनाया. सबसे पहले टिन के दोनों सिरों को कैंची या चाकू से इस तरह काटा जाता है कि कट विपरीत दिशा में हों और टिन पंखे जैसी आकृति ले ले. फिर इन टिनों को खेत के बीच-बीच में लगे डंडों या तारों पर लटका दिया जाता है.

टिन के अंदर पुरानी चमकदार बैटरी

इतना ही काफी है. हवा का हल्का सा झोंका भी इन टिनों को तेजी से घुमाने लगता है. हर टिन के अंदर एक पुरानी चमकदार बैटरी (जो कचरे में फेंकी जाती है) रख दी जाती है, जिसकी चमक घूमते हुए दूर तक फैलती है. रात के अंधेरे में यह घूमती-चमकती रोशनी नीलगाय, जंगली सूअर और दूसरे जानवरों को किसी खतरे जैसी लगती है और वे खेत के आसपास भी नहीं भटकते.

इस तरह फसल पूरी तरह सुरक्षित रहती है और किसान को रात भर जागने की जरूरत नहीं पड़ती. नीलगाय हो या जंगली सूअर, ये जानवर चमकती रोशनी को खतरा समझकर खेत से तुरंत भाग जाते हैं. विहाभाई का कहना है कि अब रात को पहरा देने की जरूरत नहीं है और बोने से लेकर कटाई तक फसल सुरक्षित रहती है.

एक रुपया भी खर्च नहीं

यह देसी जुगाड़ किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे बनाने में एक रुपया भी खर्च नहीं होता. बस घर-गांव में पड़ा कचरा ही काम आ जाता है. यह पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि जानवरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता, सिर्फ चमकती-घूमती रोशनी से उन्हें दूर भगा देता है. इसे बनाना बेहद आसान है और एक बार लगा देने पर यह सालों-साल चलता रहता है क्योंकि इसमें न बिजली चाहिए, न ईंधन.

अमरेली जैसे जंगल से घिरे इलाकों में यह छोटी-सी खोज क्रांति ला सकती है.विहाभाई की यह साधारण-सी तरकीब अब उनके खेत ही नहीं बचा रही बल्कि पूरे गांव और आसपास के किसानों को नई उम्मीद दे रही है. सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें टिन काटने से लेकर रात में चमकती घूमती रोशनी तक सब साफ-साफ दिख रहा है.

First Published :

December 03, 2025, 15:57 IST

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