यूपी में योगी की 76वां जिला बनाने की घोषणा, कैसे बनते हैं नए जिले, कितना खर्च

3 hours ago

यूपी में अब 76वां जिला बनाने की तैयारी है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बारे में घोषणा की. नए जिले का नाम कल्याण सिंह नगर होगा. हालांकि यूपी में सरकार ने अब तक इस तरह का कोई प्रस्ताव विधानसभा में पेश नहीं किया लेकिन माना जा सकता है कि अगर मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है तो इस बारे में प्रस्ताव भी विधानसभा में आ ही जाएगा. नया जिला अलीगढ़ और बुलंदशहर के क्षेत्रों को काटकर बनाया जाएगा. चूंकि ये इलाका पूर्व सीएम कल्याण सिंह की जन्मभूमि और कर्मभूमि रहा है, लिहाजा इसे उनके नाम पर ही बनाया जा रहा है. जानते हैं कि नया जिला बनाने पर कितना खर्च आता है और इसकी प्रक्रिया क्या है.

भारत में फिलहाल 797 जिले हैं, जो 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं. जब भारत वर्ष 1947 में आज़ाद हुआ, तब देश में करीब 230 जिले थे, जिनमें ब्रिटिश भारत के 17 प्रांतों और सैकड़ों रियासतों के क्षेत्रों को मिलाया गया था. आज़ादी के समय उत्तर प्रदेश में 35-38 जिले थे; उस समय इसे संयुक्त प्रांत कहा जाता था, बाद में इसका नाम उत्तर प्रदेश रखा गया.

पिछले दस सालों (2015-2025) में देशभर में सबसे ज्यादा नए जिले राजस्थान राज्य में बने, जहां 19 नए जिलों का गठन हुआ है. इसी दौरान आंध्र प्रदेश ने भी जिलों की संख्या एक बार में 19 बढ़ाई. मध्य प्रदेश में पिछले करीब 24 सालों में 10 नए जिले बने हैं, जिसमें 2015-2025 के बीच भी कुछ जिले शामिल हैं. पश्चिम बंगाल की सरकार ने 2022 में 7 नए जिलों के गठन का निर्णय लिया. देशभर में पिछले दस सालों में 40 से अधिक नए जिलों का गठन हुआ.

सवाल – नये जिले कैसे बनाये जाते हैं?

नए ज़िले बनाने या मौजूदा ज़िलों में बदलाव या उन्हें समाप्त करने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है. यह या तो एक कार्यकारी आदेश के ज़रिए या राज्य विधानसभा में क़ानून पारित करके किया जा सकता है. कई राज्य केवल आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करके कार्यकारी मार्ग अपनाते हैं.

सवाल – नए जिले कैसे मदद करते हैं?

राज्यों का तर्क है कि छोटे ज़िले बेहतर प्रशासन और शासन का मार्ग प्रशस्त करते हैं. इसी वजह से देश में पिछले कुछ सालों में नए जिलों का सृजन किया जाता रहा है. हालांकि प्रशासनिक तौर पर इससे कितना कामकाज पर फर्क पड़ा है, ये कहना मुश्किल है.

सवाल – क्या नए जिले बनाने में केंद्र सरकार की भी कोई भूमिका होती है?

– ज़िलों के नाम बदलने या नए ज़िलों के निर्माण में केंद्र की कोई भूमिका नहीं होती. राज्य इस पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. जब कोई राज्य किसी ज़िले या रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहता है, तो गृह मंत्रालय इसमें शामिल होता है. राज्य सरकार का अनुरोध पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो, डाक विभाग, भारतीय भौगोलिक सर्वेक्षण और रेल मंत्रालय जैसे अन्य विभागों और एजेंसियों को मंज़ूरी के लिए भेजा जाता है. उनके उत्तरों की जांच के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है.

सवाल – वैसे देश में नए जिलों को बनाने का क्या रुझान रहा है?

– 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में 593 जिले थे. जनगणना के परिणामों से पता चलता है कि 2001-2011 के बीच राज्यों द्वारा 46 जिले बनाए गए थे. पिछले दस सालों में करीब 40 नए जिले बने. हालांकि 2021 की जनगणना अभी होनी बाकी है.

सवाल – एक नया जिला बनाने पर कितना आता है खर्च?

– एक नया जिला बनाने पर आम तौर पर लगभग 2000 करोड़ रुपये का खर्च आता है, जिसमें प्रशासनिक भवन, सड़कें, पानी-विद्युत व्यवस्था, स्टाफ की नियुक्ति और अन्य आधारभूत सुविधाएं शामिल हैं.​ जिला मुख्यालय, न्यायालय, जिला परिषद, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के भवनों के निर्माण में ही अकेले लगभग 500 करोड़ रुपये तक आ सकते हैं. सड़क नेटवर्क, पानी, सफाई, अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बचा हुआ खर्च अनुमानित 1500 करोड़ रुपये तक होता है.

राज्य सरकारें जरूरत और इलाके के हिसाब से बजट तय करती हैं; खर्च थोड़ा कम या ज्यादा परिसर, सुविधाओं एवं स्थानीय व्यवस्था पर भी निर्भर करता है.​राजस्थान सरकार ने 2023-2025 में नए जिलों के लिए करीब 1000 करोड़ रुपये की बजट घोषणा की थी, जिसमें आधारभूत निर्माण प्राथमिकता थी।.

सवाल – देश का सबसे बड़ा जिला कौन सा है और छोटा कौन सा?

– भारत का सबसे बड़ा जिला गुजरात का कच्छ है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 45,674 वर्ग किलोमीटर है. वहीं सबसे छोटा जिला केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में (केन्द्र शासित प्रदेश) का माहे है, जिसका क्षेत्रफल मात्र 9 वर्ग किलोमीटर है. कच्छ तो इतना बड़ा जिला है कि भारत के 9 राज्यों केरल, हरियाणा, गोवा, सिक्किम, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश से भी बड़ा है.​

सवाल – एक नए जिले के लिए कौन सी चीजें जरूरी होती हैं और राज्य सरकार की घोषणा के कितने दिनों बाद नया जिला बन जाता है?

– एक नया जिला बनाने के लिए प्रशासनिक, आधारभूत, और सामाजिक सुविधाएं जरूरी होती हैं. राज्य सरकार की अधिसूचना के जारी होने के बाद आमतौर पर 3-6 महीने के भीतर नया जिला प्रशासनिक रूप से काम करना शुरू कर सकता है.
राज्य सरकार जब किसी नए जिले की घोषणा के बाद उसके कार्यकारी आदेश पर मुहर लगा देती है या इस आशय का प्रस्ताव विधानसभा में पास हो जाता है तो उसके बाद नए जिले के सीमांकन, बजट, स्टाफिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट पर काम शुरू होता है.

नए जिले के लिए ये आवश्यक चीजें हैं
– न्यूनतम आबादी आमतौर पर करीब 2 लाख होनी चाहिए हालांकि क्षेत्र विशेष के अनुसार ये अलग-अलग हो सकता है.
– पर्याप्त क्षेत्रफल और सिंचाई -संपर्क साधनों की उपलब्धता होनी चाहिए.
– उसमें प्रशासनिक सुविधाएं होनी चाहिए. जैसे जिला मुख्यालय, कलेक्ट्रेट, पुलिस थाना, न्यायालय. शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पंचायत/नगरपालिका भवन, सड़क और जल व्यवस्था. कम से कम 3-4 उपखंड या तहसीलें.

सवाल – नए जिले में सबसे पहले किसकी तैनाती होती है?

– नए जिले में प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर डीएम और एसपी की तैनाती सबसे पहले होती है.​ फिर बजट और संसाधनों का आबंटन होती है. जिन जिलों से काटकर इसे बनाया जा रहा है, वहां से पुरानी संपत्ति और स्टाफ का बंटवारा होता है.

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