नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नेप प्लेट विवाद में सुप्रीम कोर्ट जवाब दाखिल किया है. योगी सरकार ने जवाब में सिर्फ दलीलें ही नहीं दी है बल्कि कोर्ट में सबूत भी जमा करवाएं हैं. यूपी सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में अपनी दलीलों के समर्थन में कावंड़ यात्रा रूट के कुछ खाने पीने की दुकानों के फोटोग्राफ भी संलग्न किए है. योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जब के साथ तीन फोटो जो दाखिल की है उसमें बताया गया है कि ‘राजा राम भोज फैमिली टूरिस्ट ढाबा’ के नाम से ढाबा चलाने वाले दुकानदार का नाम वसीम है. ‘राजस्थानी खालसा ढाबे’ के मालिक फुरकान है. ‘पंडित जी वैष्णो ढाबे’ के मालिक सनव्वर राठौड़ है. सरकार का कहना है कि कावड़ रूट पर खाने पीने को लेकर गलतफहमी पहले भी झगड़े और तनाव की वजह बनती रही है. ऐसी कोई अप्रिय स्थिति न बने, नंगे पैर पवित्र जल ले जा रहे करोड़ों कावंड़ियों की धार्मिक भावना गलती से भी आहत न हो, इसलिए दुकान के बाहर नाम लिखने के निर्देश जारी किए गए थे.
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा कि इस तरह के इंतजामों में सभी धर्मों का ध्यान रखा जाता है. ईद और मुहर्रम के दौरान भी विशेष इंतजाम किए जाते हैं. यूपी सरकार ने कांवड यात्रा नेम प्लेट विवाद में जवाब दाखिल किया. उन्होंने कहा कि कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हुए ये फैसला लिया गया था. लाखों लोग पवित्र जल लेकर यात्रा करते हैं, उनके साथ गलती से भी कोई चूक ना हो.
राज्य सरकार ने जवाब में कहा है कि किसी छोटी सी कन्फ्यूजन के कारण भी कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को चोट लग सकती है. खासतौर से मुजफ्फरनगर जैसे संवेदनशील इलाके में. उन्होंने कहा कि किसी भी ऐसी जगह से खाने-पीने का सामान लेना जो उनके धार्मिक विश्वास के खिलाफ है, उससे परेशानी हो सकती है और पूरी यात्रा उसकी शांति प्रभावित हो सकती है. जिसे बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है. पिछले एक हफ्ते के दौरान प्याज और लहसुन के प्रयोग को लेकर यात्रा के मार्ग पर कुछ घटनाएं देखी गई हैं.
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा कि पूर्व की कुछ घटनाओं से देखा गया है कि खाने को लेकर हुए गलतफहमियों को लेकर टेंशन हुई है. यूपी सरकार ने ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए ही निर्देश दिये थे. इन निर्देशों से धर्म जाति या समुदाय आधारित किसी भी तरह का भेदभाव नहीं, बिना जाति, धर्म देखे यात्रा मार्ग पर सभी विक्रेताओं पर लागू हो रहे थे. कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यात्रा के दौरान उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन के मामले में पारदर्शिता के लिए यह निर्देश दिया गया है.
कांवड़ियों को पता होना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं और कहां खा रहे हैं? कांवड़ यात्रा में शांति, सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश लाए गए हैं.
Tags: Supreme Court, Yogi Aditya Nath
FIRST PUBLISHED :
July 26, 2024, 17:03 IST