राजस्थान में विधानसभा की 6 सीटों के उपचुनावों में बीजेपी की होगी कड़ी परीक्षा

1 month ago
 x.com/BhajanlalBjp)उपचुनाव के नतीजे पक्ष में रहे तो भजनलाल और ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे. वहीं मदन राठौड़ से भी पार्टी का आलाकमान जरूर खुश होगा. (Photo credit : x.com/BhajanlalBjp)

जयपुर. राजस्थान में आगामी दिनों में छह विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होंगे. नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के नेतृत्व में यह पहला चुनाव होगा. माना जा रहा है कि उपचुनावों की तारीखों का ऐलान इसी माह हो सकता है. उपचुनावों को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस तैयारियों में जुटी हैं. बीजेपी ने अपने कद्दावर नेताओं को महीनेभर पहले ही जिम्मेदारियां देकर अब तक चुनावी तैयारियों में कांग्रेस के मुकाबले काफी बढ़त हासिल कर ली है.

बीजेपी ने दौसा सीट का जिम्मा उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा, अरुण चतुर्वेदी और पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को सौंप रखा है. झुंझुनूं की कमान मंत्री अविनाश गहलोत, सुमित गोदारा और प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी ने संभाल रखी है. देवली उनियारा में मंत्री हीरालाल नागर, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जितेंद्र गोठवाल और देवनारायण बोर्ड के चैयरमेन ओम भड़ाना चुनावी तैयारियों का मोर्चा संभाले हुए हैं.

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सलूंबर सीट विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण खाली हो गई
खींवसर सीट की जिम्मेदारी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, विधायक बाबूसिंह राठौड़ और अशोक सैनी के पास है. वे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के गढ़ में भाजपा की जीत की संभावनायें तलाश रहे हैं. आदिवासी बाहुल्य चौरासी में जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, मिथलेश गौतम और नाहर सिंह जोधा पार्टी की जीत के लिए दिन रात काम में जुटे हैं. ये पांच सीटें वो हैं जो लोकसभा चुनाव के बाद खाली हो गई थी. इन सीटों के विधायक सांसद बन गए थे. अब सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद वह सीट भी खाली हो गई है.

पांचों सीटों पर बीजेपी चुनाव हारी थी
सलूंबर को छोड़कर शेष पांच विधानसभा सीटें बीजेपी में विधानसभा चुनाव में हारी थी. इसलिए माना जा रहा है कि कुछ सीटों पर पार्टी चेहरे बदलेगी. दौसा में शंकर शर्मा की तबियत ठीक नहीं है और वो लगातार दो चुनाव हार चुके हैं. पार्टी वहां नये चेहरे की तलाश में जुटी है. देवली उनियारा में पार्टी के बड़े नेता प्रभुलाल सैनी को जिताऊ चेहरा मानकर उन्हें उम्मीदवार बनाने की पैरवी कर रहे हैं. खींवसर में विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल को कड़ी टक्कर देने वाले रेंवत राम डांगा को टिकट देने पर पार्टी में विचार चल रहा है.

डबल इंजन की सरकार की कड़ी परीक्षा है
झुंझुनूं में बृजेंद्र ओला के सामने प्रयोग करते करते बीजेपी थक गई है. यहां पार्टी किसी नये चेहरे पर दांव लगा सकती है. चौरासी में बीजेपी को बीएपी की युवा ब्रिगेड से मुकाबले के लिए जोश और जज्ब से लबरेज युवा चेहरे की दरकार है. सलूंबर में बीजेपी दिवंगत विधायक के किसी परिवारजन को चुनाव में मौका दे सकती है. फिलहाल बीजेपी का पूरा फोकस विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी से छिटकी उन जातियों को अपने करीब लाने पर है जिनके कांग्रेस में शिफ्ट हो जाने से पार्टी न केवल इन सीटों पर विधानसभा चुनाव हारी बल्कि लोकसभा चुनाव में भी उसे ग्यारह सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. अब डबल इंजन की सरकार की इन चुनावों में कड़ी परीक्षा होनी है.

बीजेपी का बूथ को मजबूत करने का अभियान अंतिम चरण में है
बहरहाल बीजेपी का पांच विधानसभा सीटों पर बूथ को मजबूत करने का अभियान अंतिम चरण में है. शक्ति केंद्रों पर भी पार्टी ने विरोधियों को घेरने के लिए पुख्ता रणनीति बनाई है. लेकिन उसके हाथ से खिसके वोट बैंक को अपने पाले में लाने के लिए पार्टी को खास रणनीति बनानी होगी. लाख टके का सवाल यही है कि क्या बीजेपी सभी सीटों पर जीताऊऔर टिकाऊ उम्मीदवारों की तलाश कर पायेगी. नतीजे चाहे जो हों पर ये उपचुनाव नये प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और सीएम भजनलाल शर्मा की साख से जुड़े हैं. नतीजे थोड़े बहुत भी पक्ष में रहे तो भजनलाल और ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे. वहीं मदन राठौड़ से भी पार्टी का आलाकमान जरूर खुश होगा.

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FIRST PUBLISHED :

August 9, 2024, 15:57 IST

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