रूस के प्रेसीडेंट व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर से दो दिनों की भारत यात्रा पर हैं. क्या आपको मालूम है कि आजादी के बाद से ही रूस और भारत दोस्ती की ऐसी डोर में बंधे कि ये समय के साथ मजबूत होती चली गई. भारत की फिल्मों से लेकर खाने तक पूरे रूस में पसंद किए जाते हैं. हम आपको बताएंगे रूस में भारत की कौन सी चीजें सबसे ज्यादा हिट और पसंदीदा हैं.
रूस में भारत को लेकर एक नॉस्टेल्जिक लगाव है. ये लगाव सोवियत संघ के काल से चला आ रहा. वहां भारत की कई चीजें बहुत पसंद की जाती हैं. ऐसी ही 8 प्रमुख रूस में पसंदीदा भारतीय चीजें यहां दे रहे हैं, जो आज नहीं, लंबे समय से रूसियों की फेवरिट हैं. अलबत्ता समय के साथ कुछ और नई चीजें भी इसमें जुड़ती जा रही हैं.
1. भारतीय मसाले और चाय
– रूस में भारतीय चाय खासकर असम और दार्जिलिंग आज भी खूब लोकप्रिय है. रूसी खूब चाय पीने के लिए भी जाने जाते हैं. बहुत से रूसी घरों में “इंडियन टी” एक ब्रांड की तरह माना जाता है.
भारतीय चाय, विशेषकर मसाला चाय रूसियों को पसंद है क्योंकि यह गर्म जलवायु में आरामदायक और मसालों से युक्त होती है. रूसी घरों और कैफे में चाय का चलन बढ़ा है, ये भोजन के साथ परोसी जाती है।
इलायची, हल्दी, गरम मसाला की खूब मांग है. भारत से बासमती चावल लगातार रूस को निर्यात होता है, वहां खूब खाया और पसंद किया जाता है. दालों की मांग भी मजबूत है.
रूस में भारतीय मसाले सस्ते, प्राकृतिक और स्वादिष्ट माने जाते हैं, जिससे स्थानीय बाजारों और रसोई में इनका उपयोग बढ़ा है. पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद भारत से मसालों का निर्यात रूस को मजबूत हुआ, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान का हिस्सा बन गया.
2. बॉलीवुड फ़िल्में और म्यूज़िक
– राज कपूर जब भी रूस जाते थे, उन्हें देखने वालों की भीड़ लग जाती थी. उनकी फिल्में वहां बहुत लोकप्रिय थीं. आज भी रूसी लोग भारतीय हीरो के तौर पर राज कपूर को याद करते हैं. वैसे भारतीय फिल्में हमेशा वहां लोकप्रिय रही हैं. राज कपूर के अलावा मिथुन चक्रवर्ती और अमिताभ बच्चन की फिल्में भी वहां खूब देखी जाती रही हैं. पिछले सालों में 3 Idiots, बाहुबली, दंगल, पीके और शाहरुख खान की फ़िल्में रूसी OTT और सिनेमाघरों में अच्छा चलती देखी गई हैं. रूसी लोग भारतीय डांस, गाने और रोमांस को गर्मजोशी से भरा और इमोशनल सिनेमा कहते हैं.
3. योग और आयुर्वेद
– बीते 20 वर्षों में सबसे बड़ा भारतीय “सॉफ्ट पावर” यदि कोई है तो वह योग है. रूस में योग टीचर्स की भारी मांग है. आयुर्वेदिक मसाज, हर्बल आयल और भारतीय नेचुरल स्किनकेयर खूब पसंद किये जाते हैं.
4. भारतीय फैशन और कपड़े
– रूसी महिलाएं चाव से भारतीय कपड़े पहनती हैं, जिसमें साड़ियां, कुर्ता-ट्यूनिक, भारतीय ज्वैलरी, हैंडीक्राफ्ट बैग शामिल हैं. मॉस्को में इंडियन हैंडीक्राफ्ट बाज़ार बहुत लोकप्रिय हैं.
5. भारतीय भोजन
– मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में कई भारतीय रेस्तरां हैं, जो बहुत सफल हैं. सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाले भारतीय खाने में बटर चिकन, तंदूरी चिकन, पनीर टिक्का, नान और दाल मक्खनी पसंद किया जाता है. रूस में वेज खाने वालों का बढ़ना भी भारत के पक्ष में गया है.
भारत का खाना रूस में समय के साथ काफी लोकप्रिय हुआ है, खासकर मॉस्को में जहां भारतीय रेस्टोरेंट्स की संख्या बढ़ी है. वहां करीब 80% ग्राहक स्थानीय रूसी होते हैं जो भारतीय मसालों और नॉर्थ इंडियन व्यंजनों जैसे कबाब, करी और ब्रेड्स को पसंद करते हैं. भारतीय मसाले और खानपान को लोग लेकर खुश हैं और यह भारतीय संस्कृति के करीब होने का एक उदाहरण भी है.
भारत-रूस के बीच बढ़ते सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों के कारण भारतीय भोजन की लोकप्रियता में वृद्धि पैमाने पर आई है. रूसी लोग भारतीय खाना पसंद करते हैं. यह वहां के बड़े शहरों में एक स्थायी स्वाद बनता जा रहा है.
6. भारतीय IT और प्रोफेशनल सर्विसेज़
– रूस में भारतीय IT एक्सपर्ट्स की इमेज बहुत अच्छी है. यहां सॉफ्टवेयर, साइबर सिक्योरिटी और इंजीनियरिंग में भारतीयों ने अपनी जगह बनाई है. कई भारतीय आईटी कंपनियां यहां अच्छा काम कर रही हैं.
7. भारतीय संस्कृति
– मॉस्को के इस्कॉन कृष्ण मंदिर में बड़ी संख्या में रूसी भक्त जाते हैं. भारतीय शास्त्रीय संगीत के कंसर्ट भी लोकप्रिय हैं. रूस में हिंदी सीखने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
8. भारतीय दवाइयां और जेनेरिक मेडिसिन
– रूस में भारतीय फार्मा कंपनियों पर भरोसा जबरदस्त है. कम कीमत और गुणवत्ता के कारण भारतीय मेडिसिन की बिक्री तेज़ी से बढ़ती रही है. भारतीय दवाएं रूस में तेजी से जगह बना रही हैं, खासकर जेनेरिक दवाओं, टीकों और कैंसर रोधी दवाओं के निर्यात में वृद्धि के कारण, जहां भारत अब जर्मनी को पीछे छोड़कर सबसे बड़ा सप्लायर बन चुका है. पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद रूस ने भारतीय दवाओं पर निर्भरता बढ़ाई है, जिससे 2023 में भारत ने रूस को 294 मिलियन पैकेज दवाएं भेजीं.
भारतीय कंपनियां जैसे ऑक्सफोर्ड लैबोरेटरीज और इप्का लैबोरेटरीज ने रूस को आपूर्ति में 67% और 58% की वृद्धि की. अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते जब रूस में यूरोप और अमेरिका से आने वाली दवाओं में कमी आई तो भारत 41-45 अरब डॉलर के रूसी फार्मा बाजार का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन गया, जिसमें ऑन्कोलॉजी, एंटीबायोटिक्स और वैक्सीन शामिल हैं.
रूस भारतीय दवाओं को सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली और विश्वसनीय मानता है, जिसके चलते अस्पताल और वितरक इन पर निर्भर हो गए. रूस-भारत संबंधों और रूबल-रुपया व्यापार ने डॉलर बायपास कर विश्वास बढ़ाया. भारतीय कंपनियां रूस में संयुक्त उद्यम और उत्पादन इकाइयां स्थापित कर रही हैं, जो बाजार पहुंच को मजबूत करेगा.
रूस में आज भी “इंडिया को लेकर गर्मजोशी, दोस्ती वाली मजबूत भावनाएं मौजूद हैं. रूसी लोग भारतीयों को दोस्त देश मानते हैं. सोवियत किताबों में भारत को “मित्र राष्ट्र” के रूप में पढ़ाया गया, उसका असर आज भी दिखता है.
सोवियत काल से ही भारत और सोवियत संघ के बीच मजबूत दोस्ती वाले संबंध रहे हें. सोवियत संघ ने अगर संकट के समय में भारत का पूरा साथ दिया तो अब भारत अब रूस के साथ खड़ा है. पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस के साथ व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहयोग जारी रखा, जिससे रूसियों में गहरा विश्वास पैदा हुआ. रूसी मीडिया भारत को “असली दोस्त” कहकर तारीफ करता है. रूस में भारतीय समुदाय मॉस्को और अन्य शहरों में बढ़ रहा है, जहां वे छात्र, व्यवसायी और पर्यटक के रूप में सम्मानित हैं.

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