नई दिल्ली. भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार आने वाले वर्षों में कुछ धीमी पड़ सकती है, बावजूद इसके यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. यह बात ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने गुरुवार को कही, जिसने भारतीय बैंकिंग सिस्टम को काफी मजबूत बताया है. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि भारत की निजी खपत और फाइनेंशियल सिस्टम काफी स्थिर है, जिसका फायदा विकास दर को भी मिलेगा.
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था के मार्च 2027 तक यानी अगले तीन वित्त वर्षों में सालाना 6.5-7 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान लगाया है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि बुनियादी ढांचे पर खर्च और निजी खपत से वृद्धि को गति मिलना इसकी मुख्य वजह रहेगी और यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना रहेगा.
कम हो रहा वित्तीय जोखिम
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने अपनी वैश्विक बैंक परिदृश्य की रिपोर्ट में कहा कि अच्छी आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता को समर्थन देना जारी रखेंगी. इसके साथ ही स्वस्थ कॉर्पोरेट बही-खाते, सख्त ‘अंडरराइटिंग’ मानक और बेहतर जोखिम प्रबंधन की नीतियों से भी परिसंपत्ति गुणवत्ता को और स्थिरता मिलेगी.
इन्फ्रा पर खर्च ने बढ़ाई मजबूती
एसएंडपी ने कहा, ‘भारत का बुनियादी ढांचा व्यय और निजी खपत मजबूत आर्थिक वृद्धि को समर्थन देगा. हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-2027 (31 मार्च को समाप्त होने वाला वर्ष) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सालाना 6.5-7.0 प्रतिशत की वृद्धि होगी. भारत की अच्छी आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता का समर्थन करना जारी रखेंगी.’
पिछले साल से कम रहेगी विकास दर
भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा विकास दर को देखें तो यह पिछले वित्तवर्ष के मुकाबले काफी कम है. भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वित्तवर्ष 2023-24 के 8.2 प्रतिशत के मुकाबले करीब 1 फीसदी कम है. इतना ही नहीं एसएंडपी की मानें तो आने वाले वित्तवर्ष में इसमें और सुस्ती का अनुमान दिख रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 14, 2024, 13:27 IST