अगर आप ये मानते हों कि दुनिया में जितने भी जीव जंतु हैं, उनमें सबसे ताकतवर आंखें मनुष्य की हैं तो आप गलत हैं. आकाश में उड़ने वाले एक पक्षी की आंखें मनुष्य की आंखों से आठ गुना ताकतवर होती हैं. उसका विजन इतना साफ होता है कि 03 मील दूर से भी वह सबकुछ साफ साफ देख लेता है.
News18 हिंदीLast Updated :August 7, 2024, 12:02 ISTAuthorSanjay Srivastava
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दुनिया में आमतौर पर जितने भी क्रिएचर यानि जीव जंतु हैं, उन सबके पास आंखें हैं. जिससे वो देखते हैं, कुछ जीव जंतु हमारी तरह साफ साफ देखते हैं तो कुछ को चीजें रंगों के तौर पर नजर आती हैं. आंखों का आकार ऑप्टिकल रिज़ॉल्यूशन निर्धारित करता है. आंखें जितनी बड़ी होंगी, रिज़ॉल्यूशन उतना ही अधिक होगा. लेकिन इसके अपवाद भी हैं.
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मसलन बाज का वजन एक किलो से भी कम होता है. उसकी आंखें छोटी होती हैं. फिर भी वह हमसे कई गुना बेहतर देख सकता है, भले ही वह बहुत छोटा और हल्का हो. चील और बाज़ जैसे शिकारी पक्षियों की आंखें जानवरों के साम्राज्य में सबसे अच्छी होती हैं. उनकी आंखें आगे की ओर होती हैं, जो उन्हें बेहतरीन दूरबीन दृष्टि प्रदान करती हैं.
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हालांकि बाज की आंख का आकार इंसान के समान ही होता है, बाज की आंख का पिछला भाग चपटा होता है। वजन के हिसाब से उनकी आंखें उनके दिमाग से आकार में बड़ी बताई जाती हैं. ये उनकी आंख की ताकत ही है कि दुनिया में अच्छे कैमरों की परख को ईगलआई के तौर पर माना जाता है. (wiki commons)
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तेज-दृष्टि वाले लोगों को कभी-कभी "ईगल-आइड" कहा जाता है. ईगल्स पांच अलग-अलग रंग की गिलहरियों की पहचान कर सकते हैं. अपने शिकार का पता लगा सकते हैं, भले ही वे छिपे हुए हों.
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चील के अलावा, बाज , बाज़ और उल्लू जैसे पक्षियों को रैप्टर के रूप में भी जाना जाता है, जिनमें असाधारण दृष्टि होती है जो उन्हें अपने शिकार का आसानी से शिकार करने में सक्षम बनाती है. रैप्टर को "शिकारी पक्षी" के रूप में भी जाना जाता है. उन्हें उनके शिकारी शिकार शैली के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है. इसका मतलब है कि वे शिकार का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए अपनी तेज इंद्रियों का उपयोग करते हैं. (wiki commons)
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कहा जाता है कि एक बाज 3.2 किमी ( 2 मील) दूर से खरगोश को देख सकता है. जैसे ही बाज अपने शिकार पर हमला करने के लिए आसमान से उतरता है, आंखों की मांसपेशियां लगातार तेज फोकस और सटीकता बनाए रखने के लिए आंखों को समायोजित करती हैं.
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चील की दृष्टि काफ़ी विकसित होती है जो उन्हें शिकार को आसानी से देखने की अनुमति देती है. चील की दृष्टि 20/5 की बेहतरीन होती है, जबकि औसत इंसान की दृष्टि सिर्फ़ 20/20 होती है. इसका मतलब है कि चील 20 फ़ीट (या 6 मीटर) दूर से ऐसी चीज़ें देख सकती है जिन्हें हम सिर्फ़ 5 फ़ीट (या 1.5 मीटर) दूर से देख सकते हैं
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वैसे सबसे ज्यादा वजन वाली आंखें उल्लू की होती हैं. उल्लू की आंखें उसके शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में बहुत बड़ी होती हैं. उल्लू की दो आंखों का वजन करीब एक औंस होता है, जो 200 पाउंड के इंसान की आंखों से भी ज़्यादा होता है. बड़ी आंखें और बहुत सारी प्रकाश-संवेदनशील छड़ें उल्लू को पशु जगत में सबसे अच्छा रात का विजन देता है. रात में जितना साफ वो देख पाता है, उतना कोई नहीं, मनुष्य तो बिल्कुल नहीं.
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शार्क की आंखें रेटिना की छड़ों से घनी होती हैं वो भी उल्लू की तरह अंधेरे और गंदे पानी में अच्छी तरह से देख सकती हैं. उनकी आंखों में टेपेटम ल्यूसिडम नामक दर्पण क्रिस्टल ऊतक की एक परत होती है. टेपेटम ल्यूसिडम प्रकाश को रेटिना में वापस परावर्तित करने का कार्य करता है, जिससे उनके पानी के नीचे के प्रकाश में काफी बेहतर देख पाती हैं. अनुमान है कि सही परिस्थितियों में शार्क 30-50 फीट आगे तक देख सकती है. प्रतिकूल परिस्थितियों में पानी के भीतर देखने की उनकी क्षमता को ध्यान में रखते हुए, यह अनुमान लगाया गया है कि वे पानी के भीतर मनुष्यों की तुलना में लगभग 10 गुना बेहतर देख सकते हैं.
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व्हेल शार्क (राइनकोडोन टाइपस) की आंखें अपेक्षाकृत छोटी होती हैं जो उनकी कुल लंबाई का 1% से भी कम होती हैं. एक अध्ययन में पाया गया कि व्हेल शार्क की आंख की पुतली का व्यास 65 मिमी था यानि बहुत ही छोटा. जब कोई वस्तु पास आती है तो व्हेल शार्क अपनी आंखों को एक सेकंड से भी कम समय के लिए अपनी कक्षाओं में वापस ले सकती हैं, जिसमें अधिकतम वापसी दूरी आंख के व्यास के लगभग आधे हिस्से की होती है.