Last Updated:December 04, 2025, 10:47 IST
Parliament Winter Session LIVE: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है. आज चौथा दिन है जब देश की सबसे बड़ी पंचायत में देशभर के जनप्रतिनिधि जुटेंगे और विभिन्न मसलों पर बहस करेंगे. इस बार के विंटर सेशन में SIR के...और पढ़ें

Parliament Winter Session LIVE: संसद के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है. (फाइल फोटो)
Parliament Winter Session LIVE: संसद के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन सुबह 11 बजे से शुरू होगा. दो दिनों की तीखी बहस और हंगामे के बाद बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा में स्थिति सामान्य हो गई. मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच तीसरे दिन यह सहमति बनी कि अगले हफ्ते वंदे मातरम् और चुनावी सुधारों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी. बुधवार को प्रश्नकाल बिना किसी रुकावट के चला था. लोकसभा में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप को लेकर सफाई दी और कहा कि इस ऐप के जरिए जासूसी संभव नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता की राय के आधार पर सरकार ऐप को फोन में पहले से इंस्टॉल करने की अनिवार्यता में बदलाव करने को तैयार है. सिंधिया ने बताया कि इस ऐप की मदद से अब तक 26 लाख चोरी हुए मोबाइल फोन पकड़े गए हैं और कई धोखाधड़ी के मामलों को रोका गया है. उधर, विपक्षी दलों के बीच मतभेद भी सामने आने लगे हैं. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने संकेत दिया है कि वह गठबंधन की बैठकों से दूरी बना सकती है.
संसद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की बिगड़ती हवा पर गंभीर चिंता जताई गई. DMK के राज्यसभा सांसद पी विल्सन ने दिल्ली को गैस चैंबर बताते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में शीतकालीन सत्र दिल्ली में आयोजित करना ठीक नहीं है. विल्सन ने कहा, ‘दिल्ली ने 2025 में एक भी दिन WHO के सुरक्षित मानकों जैसी हवा नहीं देखी. प्रदूषण अब सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आपातकाल बन गया है. दिल्ली के लोग प्रदूषण की वजह से आठ साल तक की जीवन प्रत्याशा खो रहे हैं.’ उन्होंने पराली जलाने को अकेला कारण मानने से इनकार किया और कहा कि सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है. उन्होंने देश में सभी काम दिल्ली से चलाने की प्रवृत्ति को ओवर-सेंट्रलाइजेशन बताया.
उठाया सवाल
डीएमके सांसद ने सवाल उठाया कि क्या भारी स्मॉग के दिनों में शीतकालीन सत्र जरूरी है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक कामकाज अन्य सत्रों में पूरा किया जा सकता है. दिल्ली के बजाय अलग-अलग शहरों में कामकाज बांटा जाए. सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय बेंचें चेन्नई, मुंबई और कोलकाता में बनाई जाएं. मंत्रालयों और वैधानिक संस्थाओं का बोझ देश के अन्य राज्यों में बांटा जाए ताकि दिल्ली को राहत मिल सके. गुरुवार 4 दिसंबर को हवा की गुणवत्ता में मामूल सुधार देखा गया, लेकिन अभी भी एयर पॉल्यूशन की स्थिति नेशनल कैपिटल में बेहद ही खराब है. इसका प्रभाव हेल्थ पर भी पड़ रहा है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 04, 2025, 10:47 IST

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