Last Updated:November 28, 2025, 12:01 IST
Parliament Security & CISF: दिसंबर 2023 में संसद की सुरक्षा को लेकर कुछ गंभीर सवाल खड़े हुए थे. जिसके बाद, संसद की सुरक्षा को सीआईएसएफ के हवाले कर दिया गया था. संसद की सुरक्षा पूरी तरह से सीआईएसएफ के हाथों में आते-आते एक साल का वक्त और लग गया. वहीं पूरी तरह से सुरक्षा संभालने के बाद सीआईएसएफ ने पार्लियामेंट सिक्योरिटी को नए मुकाम तक पहुंचा दिया है. अब सीआईएसएफ ने संसद की सुरक्षा को लेकर कुछ नए फैसले किए हैं. वह फैसले क्या हैं और किस तरह से असरदार होंगे, जानने के लिए पढ़ें आगे...
Parliament House Complex Security & CISF: वह साल 2023 था और तारीख दिसंबर की 13 थी. सागर शर्मा और मनोरंजन डी नाम के दो नौजवान दर्शक दीर्घा से कूदकर लोकसभा के मेन हॉल में पहुंचे, फिर पीले रंग का धुआं छोड़ने वाला कैनिस्टर छोड़ दिया. अमोल शिंदे और नीलम देवी नाम के दो अन्य आरोपी नारे लगाते रहे. समय रहते चारों आरोपियों को पकड़ तो लिया गया, लेकिन उस दिन संसद की सुरक्षा पर गंभीर सवाल भी खड़े हो गए. इसके बाद एक बड़ा फैसला लिया गया और संसद की सुरक्षा को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के सुपुर्द कर दिया गया.
वहीं, डिटेल रिव्यू के बाद 20 मई 2024 को सीआईएसएफ ने पार्लियामेंट हाउस कॉम्प्लेक्स की सिक्योरिटी को पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया. साथ ही, पार्लियामेंट का एक्सेस कंट्रोल, पैरिमीटर सिक्योरिटी, इंटरनल सिक्योरिटी, काउंटर टेरर, काउंटर सबोटाज और फायर एंड डिजास्टर रिस्पॉन्स को पूरी तरह से अपने हाथों में लेने के बाद सीआईएसएफ ने बीते एक साल में पार्लियामेंट की सिक्योरिटी को एक नए लेवल पर शिफ्ट भी कर दिया है.
यह पहली बार है जब पार्लियामेंट की सिक्योरिटी को एयरपोर्ट की तरह एडवांस लेवल पर स्ट्रक्चर किया गया है. अब पार्लियामेंट में एंट्री हो या अंदर की मूवमेंट सब कुछ मल्टी-लेवल वेरिफिकेशन, एडवांस्ड फ्रिस्किंग और एक्स-रे बैगेज चेकिंग के तहत ही होता है. सीआईएसएफ ने पार्लियामेंट हाउस कॉम्प्लेक्स की सिक्योरिटी के लिए 3,300 से ज्यादा स्पेशल ट्रेंड पर्सनल तैनात किया हैं, जिनमें 200 से ज्यादा फायर एंड डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्सपर्ट भी शामिल हैं. आपको बता दें कि सीआईएसएफ ने इन पर्सनल्स का सेलेक्शन एक खास प्रोसेस के तहत किया है.
मॉडर्न थ्रेट्स के लिए एनएसजी के साथ स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग
मौजूदा समय में पार्लियामेंट जैसी जगह को सिर्फ फिजिकल सिक्योरिटी के जरिए सुरक्षित रख पाना संभव नहीं है. लिहाजा, सीआईएसएफ ने ड्रोन से लेकर साइबर थ्रेट तक हर लेवल पर तैयारी पूरी की है. सीआईएसएफ ने अपने जवानों की खास तौर पर ट्रेंड किया है. उन्हें रेगुलर तौर पर ड्रोन थ्रेट रिस्पॉन्स, साइबर सिक्योरिटी, सीबीआरएन हैंडलिंग, हाई-रिस्क बैटल इनोक्युलेशन जैसी ट्रेनिंग दी जा रही है. इनमें एनएसजी और इंडियन आर्मी के साथ की गई स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग भी शामिल है. यानी पार्लियामेंट की सिक्योरिटी अब कन्वेन्शनल नहीं, बल्कि पूरी तरह से मॉडर्न, मल्टी-लेयर्ड और टेक-इंटीग्रेटेड हो चुकी है.
पोस्टिंग में होगा 4 साल की टेन्योर और एक्सटेंशन भी संभव
पार्लियामेंट की सुरक्षा में लगातार रोटेशन से जवान जगह और पैटर्न से उतने परिचित नहीं हो पाते थे. इसे ठीक करने के लिए सीआईएसएफ ने नई पोस्टिंग पॉलिसी लागू की है. अब पार्लियामेंट हाउस कॉम्प्लेक्स में पोस्टेड जवानों की टेन्योर 3 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है. इसके अलावा, परफॉर्मेंस और सूटेबिलिटी अच्छी होने पर 1 साल का एक्सटेंशन भी दिया जा सकता है. सीआईएसएफ का मानना है कि लंबी टेन्योर से जवान सांसदों को बेहतर पहचानते हैं, पार्लियामेंट की मूवमेंट, रूटीन, हाउस प्रोटोकॉल और सिक्योरिटी पैटर्न को गहराई से समझते हैं. इससे थ्रेट रिकग्निशन और रिस्पॉन्स काफी मजबूत होता है. पॉलिसी के तहत हर साल एक फिक्स्ड परसेंटेज जवानों को बदला जाएगा, ताकि फ्रेश एनर्जी भी आती रहे और कॉन्टिन्यूइटी भी बनी रहे.
पार्लियामेंट ड्यूटी के लिए 5 शर्तें और 4 टेस्ट
पार्लियामेंट हाउस कॉम्प्लेक्स में तैनाती के लिए सीआईएसएफ ने ऑफिसर्स और नॉन-गजेटेड पर्सनल के लिए एलिजिबिलिटी नॉर्म्स लागू किए हैं. इन नॉर्म्स के तहत, जवानों और अधिकारियों को पांच तरह की शर्तें पूरी करनी होंगी. पांचों शर्त पूरा करने वाले अधिकारियों और जवानों को चार टेस्ट से गुजरना होगा. टेस्ट पास करने वाले जवानों को ही पार्लियामेंट हाउस कॉम्प्लेक्स में तैनाती दी जाएगी.
पीएससी में तैनाती के लिए कौन सी हैं पांच शर्तें?
क्लीन सर्विस रिकॉर्ड होना जरूरी शेप-वन मेडिकल कैटेगरी कोई डिसिप्लिनरी या विजिलेंस मामला नहीं कम से कम दो स्पेशलाइज़्ड कोर्स पूरे हों रैंक-स्पेसिफिक एज लिमिट्सपीएससी में तैनाती के लिए जरूरी है ये चार टेस्ट पास करना
साइकोलॉजिकल असेसमेंट बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट – बीपीईटी पीएचसी-स्पेसिफिक इंडक्शन ट्रेनिंग सिक्योरिटी क्लियरेंसAnoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...
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First Published :
November 28, 2025, 12:01 IST

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