अमेरिका में छुपे बैठे भारत के मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल अनमोल बिश्नोई को भारत लाया गया है. कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इस छोटे भाई का प्लेन IGI एयरपोर्ट को NIA अधिकारी हिरासत में सीधा पटियाला हाउस कोर्ट ले जाने वाले हैं. अनमोल बिश्नोई के खिलाफ छोटे-बड़े 18 केस दर्ज हैं और NIA ने उसके खिलाफ 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
एनआईए के वकील ने बताया कोर्ट रूम में क्या हुआ?
अनमोल बिश्नोई केस में NIA की ओर से पेश हुए एडवोकेट राहुल त्यागी ने कोर्ट को बताया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और उसकी भूमिका बेहद अहम है. त्यागी ने दलील दी कि कस्टडी इसलिए जरूरी है ताकि खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों के इस नेटवर्क की गहराई तक जांच की जा सके. उन्होंने कहा कि बिश्नोई से पूछताछ के दौरान कई नए लिंक, फंडिंग के सोर्स और ऑपरेशन के तरीकों का खुलासा हो सकता है. कोर्ट ने दलीलें मानते हुए आरोपी को 11 दिन की NIA रिमांड में भेज दिया.
11 दिनों तक NIA की कस्टडी में रहेगा अनमोल बिश्नोई
पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को अगले 11 दिनों के लिए NIA की कस्टडी में भेज दिया है. अदालत ने माना कि बिश्नोई से पूछताछ सिंडिकेट की संरचना, फंडिंग और अन्य सदस्यों की पहचान उजागर करने के लिए बेहद अहम है. NIA ने दलील दी थी कि वह गैंग का 19वां सदस्य है और उसके खुलासों से बड़े नेटवर्क तक पहुंच संभव है. जांच एजेंसी की तरफ से 15 दिन की कस्टडी की डिमांड की गई थी. कोर्ट के आदेश के बाद अब एजेंसी उससे लगातार पूछताछ कर सकेगी.
अनमोल गैंग का 19वां सदस्य: NIA ने कोर्ट को बताया
एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट में अनमोल बिश्नोई की भूमिका का विस्तार से ब्योरा पेश करते हुए बताया कि वह पूरे गैंगस्टर सिंडिकेट का 19वां सदस्य है. एजेंसी ने कहा कि मामले की गहराई, फंडिंग के स्रोत, नेटवर्क के अन्य सदस्य और ऑपरेटिंग मॉड्यूल का पता लगाने के लिए उसकी कस्टोडियल इंटेरोगेशन बेहद जरूरी है. एनआईए का दावा है कि बिश्नोई की पूछताछ से गैंग के और सदस्यों की पहचान उजागर हो सकती है और पूरे सिंडिकेट का बड़ा नेटवर्क सामने आ सकता है. एजेंसी ने अदालत से इस आधार पर रिमांड मंजूर करने की मांग की है.
अनमोल को पटियाला हाउस कोर्ट ले जा रही NIA
लॉरेंस बिश्नोई के भाई और गैंग के अहम सदस्य अनमोल बिश्नोई को भारत डिपोर्ट किए जाने के बाद NIA उसे कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट लेकर जा रही है. अनमोल लंबे समय से अमेरिका में बैठकर गैंग की गतिविधियाँ चला रहा था और कई धमकी, वसूली व टारगेट किलिंग मामलों में वांछित था. उसके भारत पहुंचते ही एजेंसियों ने तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. इसी बीच News18 की टीम भी NIA के कॉनवॉय को सड़क पर फॉलो कर रही है, जहाँ कुछ देर में अनमोल को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
अमेरिका से अनमोल को लेकर आए इस विमान में उसके साथ पंजाब के दो और वांटेड आरोपी भी भारत भेजे गए हैं. इसके अलावा 197 अवैध प्रवासियों को भी डिपोर्ट कर भेजा गया है. कुल 200 लोगों की इस लिस्ट में सबसे बड़ा नाम अनमोल बिश्नोई का है, जिसकी गिरफ्तारी और डिपोर्टेशन पर भारतीय एजेंसियां लंबे समय से काम कर रही थीं.
अनमोल बिश्नोई वह नाम है, जिसने विदेश में बैठकर भारत में कई अपराधों, सुपारी किलिंग और एक्सटॉर्शन रैकेट को ऑपरेट किया. माना जाता है कि वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सबसे एक्टिव हैंडलर था, जो विदेश में रहते हुए शूटरों को असाइनमेंट देता था, धमकी भरी चिट्ठियां जारी करता था, फंडिंग मैनेज करता था और टारगेट किलिंग को अंजाम दिलाता था. उसके खिलाफ दर्ज ज्यादातर केस फिलहाल NIA के पास हैं और उसके भारत पहुंचते ही एजेंसी उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार करेगी.
बाबा सिद्दीकी की हत्या का मुख्य आरोपी अनमोल
अनमोल बिश्नोई पर NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल होने का आरोप है. 12 अक्टूबर 2024 की रात बांद्रा में ज़ीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि अनमोल, शुभम लोंकर और ज़ीशान मोहम्मद अख्तर को वांटेड घोषित किया गया था. मुंबई पुलिस ने इस केस में MCOCA लगाया है और अब अनमोल की भारत वापसी के बाद उसकी कस्टडी की मांग भी की जाएगी.
सलमान के घर पर भी करवाई थी फायरिंग
इसके साथ ही अनमोल बिश्नोई सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर हुए गोलीकांड में भी वांटेड है. अप्रैल 2024 में हुई इस घटना के बाद पुलिस जांच में अनमोल की भूमिका सामने आई थी. इसके अलावा वह सिद्धू मूसेवाला हत्या में भी संदिग्ध कड़ी के रूप में सामने चुका है. NIA ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
ट्रंप सरकार नई नीति से मिली कामयाबी
दिलचस्प बात यह है कि अनमोल को अमेरिका से भारत भेजे जाने के पीछे अमेरिकी आव्रजन नीति में बड़े बदलाव भी एक अहम कारण हैं. ट्रंप प्रशासन के तहत बनाए गए नए नियमों के अनुसार किसी भी अवैध प्रवासी की पहली इमिग्रेशन या शरण याचिका खारिज होते ही उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाता है. पहले की बाइडन सरकार वाली नीति में आवेदक नई याचिका दायर कर बाहर रह सकते थे, जिससे डिपोर्टेशन में वर्षों लग जाते थे. लेकिन नई नीति के कारण हिरासत अनिवार्य हो गई और कोर्ट इन मामलों को फास्ट-ट्रैक में निपटा रही है, जिससे केस टाइमलाइन 8–10 साल से घटकर करीब 18 महीने हो गई. अनमोल करीब डेढ़ साल से अमेरिकी डिटेंशन में था और उसे इन्हीं नए नियमों के तहत तेजी से बाहर भेज दिया गया.
सूत्रों के अनुसार यह पूरी कार्रवाई मल्टी-एजेंसी ऑपरेशन का हिस्सा है. अनमोल को कुछ समय पहले कनाडा में भी डिटेन किया गया था, जहां वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए रूसी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर रहा था. बाद में उसे अमेरिका में हिरासत में लिया गया और तब से उसके भारत प्रत्यर्पण पर जोर दिया जा रहा था.
बाबा सिद्दीकी के बेटे और पूर्व विधायक ज़ीशान सिद्दीकी ने पुष्टि की है कि उन्हें ईमेल मिला है जिसमें लिखा है कि अनमोल बिश्नोई को ‘यूएस से रिमूव’ कर दिया गया है. ज़ीशान के मुताबिक इसका मतलब है कि अब उसे भारत में उसके अपराधों के लिए ट्रायल का सामना करना होगा.
भारत पहुंचते ही गिरफ्तार होगा अनमोल बिश्नोई
भारत पहुंचते ही अनमोल बिश्नोई को NIA गिरफ्तार करेगी. इसके बाद केंद्र सरकार तय करेगी कि किस एजेंसी को उसकी कस्टडी पहले दी जाएगी, क्योंकि उसके खिलाफ देशभर में मर्डर, एक्सटॉर्शन, धमकी, टारगेट किलिंग और अंतरराष्ट्रीय गैंग ऑपरेशन जैसे कई मामले दर्ज हैं.
अनमोल की गिरफ्तारी को भारतीय सुरक्षा एजेंसियां बड़ी कामयाबी मान रही हैं, क्योंकि वह लंबे समय से देश के सबसे हाई-प्रोफाइल गैंगस्टर्स में से एक माना जाता था और विदेश में रहते हुए भी उसका अपराध नेटवर्क लगातार सक्रिय था. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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1 hour ago
