Last Updated:December 12, 2025, 16:08 IST
FPO Scheme : सरकार ने किसानों के लिए चलाई जा रही एफपीओ योजना का दायरा बढ़ाकर साल 2031 तक कर दिया है. यह स्कीम किसानों को अपनी कंपनी बनाकर खेती करने और अपने प्रोडक्ट अच्छी कीमत पर बेचने का मौका देती है.
सरकार ने एफपीओ स्कीम की डेडलाइन बढ़ाकर साल 2031 तक कर दी है. नई दिल्ली. सरकार ने किसानों के लिए चल रही एक बड़ी योजना की डेडलाइन बढ़ा दी है. अब इस योजना का फायदा साल 2031 तक लिया जा सकेगा. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए अपनी केंद्रीय योजना को 2026 से 31 तक अगले पांच वर्ष के लिए बढ़ाएगी, जिससे उन कमियों को दूर किया जा सके जिन्होंने संचालन के विस्तार को सीमित कर दिया है.
सीआईआई एफपीओ शिखर सम्मेलन में चतुर्वेदी ने कहा कि फरवरी 2020 में 10,000 एफपीओ गठित करने के लक्ष्य के साथ शुरू की गई इस योजना को अगले वित्त आयोग चक्र तक बढ़ाने की जरूरत है. अब तक करीब 10,000 परिवार कल्याण संगठन (एफपीओ) गठित किए गए हैं लेकिन उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है. इनमें से कई एफपीओ पिछले दो वर्ष में गठित किए गए हैं, लिहाजा हमें सामुदायिक संगठनों एवं कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ मिलकर उनका मार्गदर्शन करना होगा. मंत्रालय ने किसान संगठन (एफपीओ) को सफल बनाने में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों की पहचान की है, जिनमें क्षमता निर्माण और पूंजी ऋण तक पहुंच शामिल है.
किसानों को ज्यादा लाभ दिलाने की कोशिश
कृषि सचिव ने कहा कि हम नई योजना में इन कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करेंगे, ताकि वे किसानों को ज्यादा लाभ दिला सकें और पूरी प्रक्रिया को गतिशील बना सकें. किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के सामने एक बड़ी चुनौती कंपनी अधिनियम के तहत स्टैंडर्ड को फॉलो करना है. इस पर सचिव ने बताया कि विभाग ने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से शुरुआती तीन से चार वर्ष के दौरान जुर्माने में छूट देने का अनुरोध किया है. इससे किसानों को आसानी से कामकाज करने में मदद मिलेगी.
जुर्माने से मिलेगी छूट
सचिव ने बताया कि इन संगठनों को एक कंपनी के तौर पर माना जाता है, लिहाजा इससे जुड़े नियमों का पालन करना जरूरी है. हालांकि, उनके लिए जुर्माने से छूट दी जा सकती है और जब वे सक्षम हो जाएंगे तो फिर नियमों का पालन करने लगेंगे. चतुर्वेदी ने बताया कि चित्रकूट में साल 2020 में शुरू किए गए 10,000 एफपीओ ने वित्तवर्ष 2024-25 में 9,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जिसके जल्द ही 10 हजार करोड़ पहुंचने का अनुमान है. एफपीओ ने भारत के 12-13 करोड़ किसानों में से 52 लाख को अब तक फायदा पहुंचाया है.
कैसे मिलता है योजना का फायदा
एफपीओ से छोटे और मध्यम किसानों को बहुत बड़ा फायदा मिलता है. इसमें 10-15 या उससे अधिक किसान साथ मिलकर एक कंपनी बनाते हैं. एक अकेला किसान कमजोर होता है और बिचौलिये सस्ती कीमत पर उसका सामान खरीद लेते हैं. लेकिन, एफपीओ में किसान एक समूह में अपने सामान बेचते हैं, जिससे व्यापारियों से बेहतर दाम निकालने में आसानी होती है. मोटे तौर पर इस संगठन से किसानों को अपनी फसल का 20 से 50 फीसदी तक ज्यादा दाम मिलता है.
खेती की लागत भी कम
एफपीओ सिर्फ तैयार फसलों को अच्छे दाम में बेचने में ही मदद नहीं करता है, बल्कि खेती को भी आसान बना देता है. सामूहिक रूप से बीज, खाद और कीटनाशक सहित ईंधन आदि खरीदने से यह 10 से 30 फीसदी तक सस्ते पड़ते हैं. सरकार से खेती करने और खेती के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद करने के लिए अनुदान भी मिलता है. जब किसान एफपीओ के जरिये एग्री उपकरणों की खरीद करते हैं तो उन्हें सब्सिडी का फायदा दिया जाता है.
बिना गारंटी के मिलता है लोन
सरकार किसानों को कोल्ड स्टोरेज बनाने, सॉटिंग-ग्रेडिंग मशीन, पैकेजिंग यूनिट लगाने, ट्रांसपोर्ट वाहन खरीदने, प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए भी ग्रांट देती है. गोदाम के लिए तो 50 लाख तक इक्विटी ग्रांट मिलता है, जिसका मतलब है कि इसमें सरकार की हिस्सेदारी होगी और वह अपनी तरफ से पैसे लगाएगी. लोन भी बिना गारंटी के मिल जाता है और तीन साल में इसे चुकाना होता है. इसके अलावा एफपीओ के जरिये किसान सीधे बड़ी रिटेल कंपनियों जैसे Big Basket, ITC, अमेजन, फ्लिपकार्ट, जीयोमार्ट से संपर्क करते हैं और तैयार प्रोडक्ट बेचकर 5 गुना तक ज्यादा मुनाफा कमाते हैं. संगठन को लोन के ब्याज पर भी 3 फीसदी की सब्सिडी मिलती है. कुल मिलाकर इस योजना से किसान एग्री बिनजेसमैन बन जाते हैं.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 12, 2025, 16:08 IST

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