15 साल पहले लापता हुआ बालक 29 की उम्र में मिला, टेढ़ी अंगुली से पुलिस ने ढूंढा

2 weeks ago

संदीप हुड्डा.

सीकर. सीकर पुलिस ने करीब 15 साल पहले बचपन में लापता हुए बालक को उसकी जवानी में ढूंढ निकाला. पुलिस ने उसे सीधी नहीं बल्कि टेढ़ी अंगुली से ढूंढा है. यह शख्स 15 साल पहले पढ़ाई के डर घर छोड़कर भाग गया था. उसके बाद उसने परिवार वालों से संपर्क ही नहीं साधा. यह युवक पुलिस को श्रीगंगानगर में मिला. अब इसकी 29 साल हो चुकी है. पुलिस ने 15 साल पुरानी एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए उसे उसके परिजनों को सौंप दिया है.

सीकर शहर कोतवाल विक्रांत शर्मा ने बताया कि यहां 28 अगस्त 2009 को 15 साल के किशोर के पिता ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. अपनी रिपोर्ट ने उन्होंने बताया कि उनका बेटा राकेश अपने ननिहाल नवलगढ़ के सरकारी स्कूल में पढ़ता था. वह 26 अगस्त 2009 को अपने घर सीकर आया था. वहां से शाम को वह फिर वापस नवलगढ़ के लिए निकला था. लेकिन वहां नहीं पहुंचा.

चोट के कारण अंगुली सीधी नहीं हो पाती थी
लापता छात्र की रिपोर्ट पर पुलिस ने उसे सीकर शहर समेत आसपास के जिलों में ढूंढा लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा. बाद में राजस्थान के उदयपुर, चित्तौड़गढ़,राजसमंद,अजमेर और मकराना समेत गुजरात के अहमदाबाद में भी उसकी तलाश की गई. लेकिन पुलिस के हाथ खाली रहे. पुलिस के पास उसकी केवल एक ही फोटो ही थी. उस फोटो में नाबालिग स्टूडेंट के दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली टेढ़ी नजर आ रही थी. पुलिस की पूछताछ में उसके पिता ने बताया कि उसकी तर्जनी में ऐसी चोट लगी हुई है कि वह कभी सीधी नहीं हो सकती.

पुलिस टीम ने 2 दिन श्रीगंगानगर में डेरा डाले रखा
बकौल कोतवाल शर्मा हाल ही लापता लोगों को ढूंढने के लिए चलाए गए अभियान में पुलिस को ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए पता चला कि टेढ़ी तर्जनी वाला एक शख्स श्रीगंगानगर में ट्रक चलाता है. इस पर सीकर पुलिस को वहां भेजा गया. टीम ने 2 दिन श्रीगंगानगर में बिताए. वहां पुलिस ने उस शख्स को ढूंढकर उससे पूछताछ की तो पता चला कि ये वहीं शख्स है जो 15 साल पहले सीकर से लापता हुआ था. इस पर पुलिस उसे श्रीगंगानगर से सीकर लाई.

कई बरसों तक बसें चलाने के बाद अब ट्रक चलाता है
युवक ने पूछताछ में बताया कि उसका पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था. इसलिए वह 15 साल पहले सीकर से अपने ननिहाल जाने की बजाय श्रीगंगानगर जाने वाली ट्रेन में बैठ गया. वहां जाकर उसने कई तरह के काम किए. पहले पेंटर का काम किया. फिर बसों में कंडक्टर बन गया. इसी दौरान बस चलानी सीख ली. कई बरसों तक बसें चलाने के बाद अब ट्रक चलाता है.

कभी भी परिवार से संपर्क करने की कोशिश नहीं की
उसके मन में पढ़ाई के प्रति इतना खौफ था कि इस दौरान उसने कभी भी परिवार से संपर्क करने की कोशिश नहीं की. 15 साल तक बेटा नहीं मिलने से परिजनों ने भी उसके मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन अब अचानक जब पुलिस ने परिजनों को उसके मिल जाने की सूचना दी तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा.

Tags: Rajasthan news, Rajasthan police, Sikar news

FIRST PUBLISHED :

August 30, 2024, 12:44 IST

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