17 माह से जेल में बंद... सिसोदिया की जमानत पर SC में सिंघवी ने रखी सॉलिड दलील

1 month ago

नई दिल्ली: मनीष सिसोदिया दिल्ली शराब घोटाला केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट में आज यानी सोमवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही है. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जमानत की गुहार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ इन दोनों याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. मनीष सिसोदिया सीबीआई और ईडी दोनों मामले में जमानत मांग रहे हैं. तो चलिए जानते हैं मनीष सिसोदिया की जमानत पर अदालत में क्या-क्या हो रहा.

मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में LIVE:
-मनीष सिसोदिया की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने पेश हुए. उन्होंने अपनी दलील की शुरुआत में सबसे पहले कहा कि जज साहब, पहली बात तो यह है कि आज मुझे हिरासत में बंद हुए 17 महीने हो गए हैं.

सीबीआई यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की ओर पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने 29 जुलाई को पीठ से कहा था कि सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की याचिका पर जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन वह रिकॉर्ड में अभी उपलब्ध नहीं है. एएसजी राजू ने मनीष सिसोदिया की दलीलों पर प्रारंभिक आपत्तियां भी जताई थीं और कहा था कि यह दिल्ली उच्च न्यायालय के एक ही आदेश को चुनौती देने वाली दूसरी विशेष अनुमति याचिका है.

एएसजी राजू ने पिछली सुनवाई में कहा था कि एक ही आदेश को दो बार चुनौती नहीं दी जा सकती है. मनीष सिसोदिया ने इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं. उन्होंने दोनों मामलों में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज करने के निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

सीबीआई ने शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया की कथित भूमिका को लेकर उन्हें 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था. ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. मनीष सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. मनीष सिसोदिया अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं.

पिछली सुनवाई के दौरान एएसजी राजू ने सुप्रीम कोर्ट के चार जून के आदेश का हवाला दिया था जिसमें सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईडी और सीबीआई द्वारा क्रमश: अंतिम अभियोजन शिकायत एवं आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सिसोदिया जमानत के लिए अपनी याचिका फिर से दायर कर सकते हैं. अभियोजन शिकायत, प्रवर्तन निदेशालय के आरोप-पत्र के समतुल्य होती है.

पिछले सप्ताह मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने राजू की दलीलों को ‘चौंकाने वाला’ करार दिया था. इसके बाद विधि अधिकारी ने शीर्ष अदालत के 30 अक्टूबर 2023 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें उन्हें दोनों मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने सिसोदिया को यह छूट दी थी कि अगर परिस्थितियों में कोई बदलाव होता है या मुकदमा लंबा खिंचता है तो वे राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

पीठ ने कहा था कि शीर्ष अदालत द्वारा 30 अक्टूबर के आदेश में निर्धारित अवधि समाप्त हो चुकी है और मामले की सुनवाई गुण-दोष के आधार पर की जा सकती है. पीठ ने कहा, ‘इस मामले की सुनवाई गुण-दोष के आधार पर होनी चाहिए. हमें दो चरण में सुनवाई क्यों करनी चाहिए, एक अंतरिम और एक अंतिम.’ पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए पांच अगस्त की तारीख तय की है.

Tags: Abhishek Manu Singhvi, Manish sisodia, Manish sisodia case, Supreme Court

FIRST PUBLISHED :

August 5, 2024, 12:37 IST

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