Deportation: पोंजी योजना में करोड़ों रुपए की हेराफेरी करने जैसे आरोपों का सामना कर रहे 2 भगोड़ों को थाइलैंड और अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया है. इन दोनों के नाम पर इंटरपोल रेड नोटिस जारी हो चुका था. इनकी गिरफ्तारी के लिए सीबीआई के साथ मिलकर अभियान चलाया गया था. आरोपियों के नाम जनार्थनन सुंदरम और वीरेंद्रभाई मणिभाई पटेल हैं.
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पोंजी योजना में 87 करोड़ की हेराफेरी
इन दोनों आरोपियों पर तमिलनाडु और गुजरात में अलग-अलग मामले दर्ज थे. वे देश से बाहर गए थे. बुधवार को अमेरिका और थाईलैंड से इनके डिपोर्ट होकर लौटने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
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अधिकारियों ने बताया कि पोंजी योजना के माध्यम से निवेशकों के 87 करोड़ रुपये से अधिक के धन की हेराफेरी करने के आरोपी जनार्थनन सुंदरम को बैंकॉक से भारत लाया गया. तमिलनाडु पुलिस ने कोलकाता हवाई अड्डे पर उसे हिरासत में ले लिया. वह तमिलनाडु पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा आपराधिक षड्यंत्र, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जमा/ब्याज के पुनर्भुगतान में चूक तथा अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 के तहत किए गए अपराधों के लिए वॉन्टेड था.
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पटेल पर 77 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
वहीं दूसरे अभियान में, सीबीआई के वैश्विक परिचालन केंद्र ने धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के एक मामले में 20 साल से वांछित वीरेंद्रभाई मणिभाई पटेल की वापसी के लिए गुजरात पुलिस और अहमदाबाद हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया. चारोतर नागरिक सहकारी बैंक, आणंद का निदेशक पटेल गुजरात पुलिस द्वारा 2002 में दर्ज 77 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले में वॉन्टेड था.