Last Updated:December 04, 2025, 03:51 IST
India US Seahawk Deal: भारत ने MH-60R सीहॉक हेलिकॉप्टरों के लिए अमेरिका के साथ ₹7,995 करोड़ का सस्टेनमेंट पैकेज साइन किया है. इस डील से इन एडवांस सबमरीन-हंटर हेलिकॉप्टरों की रिपेयर और सपोर्ट फैसिलिटी अब भारत में ही विकसित होगी. यह पैकेज भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत बढ़ाने और हिंद महासागर में रणनीतिक बढ़त को मजबूत करने वाला है.
भारत ने MH-60R सीहॉक हेलिकॉप्टरों के लिए अमेरिका के साथ ₹7,995 करोड़ का सस्टेनमेंट पैकेज साइन किया. (फाइल फोटो Reuters)नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच हुआ ₹7,995 करोड़ का नया सस्टेनमेंट पैकेज भारतीय नौसेना को समुद्र में अभूतपूर्व शक्ति देने वाला साबित होने जा रहा है. MH-60R Seahawk को दुनिया का सबसे खतरनाक एंटी-सबमरीन हेलिकॉप्टर कहा जाता है, और अब इन हाई-टेक मशीनों का महत्वपूर्ण सर्विस सपोर्ट भारत में ही स्थापित होने जा रहा है. यह डील केवल मेंटेनेंस पैकेज नहीं, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की रणनीतिक बढ़त को मजबूत करने वाला बड़ा फैसला है.
24 सीहॉक हेलिकॉप्टर पहले ही भारतीय नौसेना का हिस्सा बन चुके हैं और कई युद्धपोतों पर तैनात होकर ऑपरेशन में सक्रिय हैं. लेकिन इस पैकेज के बाद इन हेलिकॉप्टरों को स्पेयर पार्ट्स, रिपेयर फैसिलिटी, मिड-लेवल सर्विसिंग और एडवांस टेक्निकल सपोर्ट देश के भीतर ही मिलेगा. इससे नौसेना की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता दोनों कई गुना तेज होने वाली है.
क्या है यह 5 साल का मेगा सपोर्ट पैकेज?
भारत ने अमेरिका से Foreign Military Sales फ्रेमवर्क के तहत LOA साइन किए हैं. इसके तहत अगले पांच वर्षों तक सीहॉक फ्लीट को फुल-स्पेक्ट्रम मेंटेनेंस, स्पेयर सपोर्ट और मिशन-सपोर्ट मिलेगा.
पैकेज में क्या-क्या शामिल है?
बड़ी मात्रा में स्पेयर पार्ट्स और रिप्लेसमेंट. टेक्निकल सपोर्ट और रिपेयर हब. ऑपरेशन ट्रेनिंग और मिशन तैयारी. कंपोनेंट रिपेयर फैसिलिटी भारत में. समुद्री और जहाज-आधारित मिशनों के लिए सपोर्ट. सिस्टम अपग्रेड और सेंसर-कैलिब्रेशन.भारत ने अमेरिका से ₹7,995 करोड़ का सीहॉक सस्टेनमेंट पैकेज साइन किया. (फाइल फोटो Reuters)
सीहॉक कितनी बड़ी गेम-चेंजर मशीन है?
MH-60R सीहॉक भारतीय नौसेना की ASW (एंटी-सबमरीन वॉरफेयर) क्षमता का भविष्य माना जाता है. यह पनडुब्बियों का पता लगाने, उनका पीछा करने और उन्हें खत्म करने में दुनिया का सबसे सक्षम हेलिकॉप्टर है.
सीहॉक किन-किन मिशनों में महारत रखता है
ASW मिशन: दुश्मन की पनडुब्बियों का पीछा और टॉरपीडो से हमला. ASuW ऑपरेशन: सतह पर मौजूद जहाज़ों को ट्रैक और टारेगट करना. SAR मिशन: समुद्र में खोज और बचाव अभियान. स्पेशल ऑपरेशन सपोर्ट: जहाज-बोर्न मिशन. ह्यूमैनिटेरियन मदद: मेडिकल इवैक्यूएशन और आपातकालीन सहायताGreat news in our defense relationship with India. India’s Ministry of Defense signed a sustainment package for its 24 MH-60R Seahawk helicopters, developed by Lockheed Martin. This $946 million dollar package will enhance the Indian Navy’s maritime capabilities, build…
सीहॉक की टॉप तकनीकी क्षमता:
| क्षमता | तकनीक / हथियार | उपयोग |
| Sonar System | AN/AQS-22 ALFS | 1,000+ मीटर तक पनडुब्बी की पहचान |
| Radar | मल्टी-मोड रडार | समुद्र में जहाज पहचान और निगरानी |
| Weapon | MK-54 Torpedo | अंडरवॉटर स्ट्राइक क्षमता |
| Sensors | Sonobuoys | बड़े क्षेत्र में सोनार डिटेक्शन |
| Data Link | Hawklink System | रियल-टाइम डेटा शिप–हेलिकॉप्टर ट्रांसफर |
डील क्यों इतनी अहम है?
इस डील का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सीहॉक अब भारत में ही सर्विस और रिपेयर हो सकेंगे. अभी तक इन हाई-टेक मशीनों के पुर्जे और तकनीकी सपोर्ट अमेरिका से आता था. इससे समय और लागत दोनों बढ़ते थे. लेकिन इस पैकेज के बाद नौसेना के पास-
तेज रिपेयर मिशन रेडी हेलिकॉप्टर लंबी अवधि तक ऑपरेशन क्षमता और तेज टर्नअराउंड टाइम -सभी कुछ एक छत के नीचे मिलने वाला है.कैसे बढ़ेगी भारतीय नौसेना की पनडुब्बी-रोधी ताकत?
भारतीय महासागर में चीन की पनडुब्बी गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं. ऐसे में सीहॉक का एडवांस सोनार, ALFS सिस्टम और MK-54 टॉरपीडो भारत को समुद्र में पहले से कहीं ज्यादा मजबूत बनाते हैं.
सीहॉक से नौसेना को मिलने वाले फायदे:
लंबी दूरी पर सबमरीन की खोज वारशिप से तुरंत लॉन्च मल्टी-डायरेक्शनल डेटा मिलान दुश्मन जहाज़ और पनडुब्बियों पर तुरंत कार्रवाईइस डील से सीहॉक हेलिकॉप्टरों की रिपेयर फैसिलिटी भारत में ही बनेगी. (फाइल फोटो Reuters)
क्या बदलने वाला है?
भारत में पहली बार सीहॉक की रिपेयर फैसिलिटी. 5 साल का भरोसेमंद मेंटेनेंस बैकअप. ट्रेनिंग और तकनीकी क्षमता का विस्तार. भारत-अमेरिका समुद्री सहयोग और मजबूत. IOR में भारत की रणनीतिक पकड़ और मजबूत.क्या यह भविष्य के डिफेंस इकोसिस्टम की शुरुआत है?
सीहॉक सपोर्ट पैकेज से भारत में पहली बार हाई-टेक नौसैनिक हेलिकॉप्टरों की मिड-लेवल रिपेयर सुविधा बन रही है. इससे न सिर्फ ऑपरेशन तेज होंगे, बल्कि भविष्य में भारत अमेरिकी प्लेटफॉर्म्स के लिए एक रीजनल मेंटेनेंस हब बन सकता है. यह आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता की दिशा में अहम कदम है.
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First Published :
December 04, 2025, 03:51 IST

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