7 मिनट तक थमी रही धड़कन, फिर अचानक लौट आई जान; 22 वर्षीय युवती ने सुनाई मौत से वापसी की कहानी

1 hour ago

The story of life after death: भागवतगीता में कहा गया है कि जिसने भी इस दुनिया में जन्म लिया है, उसका एक दिन मर जाना भी तय है. लेकिन एक युवती के साथ बड़ा चमत्कार हो गया है. वह मरने के बाद फिर से जिंदा हो उठी है. करीब 7 मिनट के लिए उसका शरीर एक बेजान लाश में बदल चुका था और सभी ने मान लिया था कि वह अब मर चुकी है. तभी अचानक उसके शरीर में कंपन हुई और दिल में धड़कन लौट आई. अब उस लड़की ने अपना डरावना अनुभव दुनिया के सामने शेयर किया है. उसने बताया है कि मरने के बाद उन 7 मिनट में उसके साथ क्या-क्या हुआ. मरकर फिर से जिंदा होने की युवती की ये कहानी अब पूरी दुनिया में वायरल हो रही है.

नशे से दूर, रोजाना चलती हैं 10 हजार कदम

डेली मिरर यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के डर्बीशायर के इल्केस्टन में रहने वाली 22 वर्षीय कोर्टनी स्टॉक्स (Courtney Stocks) डॉग ग्रूमिंग का काम करती हैं. फिटनेस फ्रीक होने की वजह से वे रोज करीब 10,000 कदम पैदल चलती हैं. साथ ही स्मोकिंग, वेपिंग और शराब से भी दूर रहती हैं. 

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कोर्टनी बताती हैं कि 16 नवंबर को अपने घर पर अकेली थी. तभी उसके माता-पिता उससे मिलने के लिए आए. वे सोफे पर पैरंट्स से बात कर रही थी. इसी दौरान पापा का कॉल आया और वे बात करने के लिए बाहर बगीचे में आ गए. कुछ मिनट बाद वह उनसे मिलने बाहर गई तो अचानक बगीचे में गिर पड़ी.

पिता ने तुरंत देनी शुरू कर दीं सीपीआर

जैसे ही पिता क्रिस वॉचर्न ने बेटी को गिरते देखा, वे तुरंत दौड़कर आए. उन्होंने नब्ज और धड़कन देखी तो वे पूरी तरह बंद हो चुकी थीं और कोर्टनी इस दुनिया को छोड़कर जा चुकी थी. घबराए पिता को कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने तुरंत सीपीआर देना शुरू कर दिया. जबकि मम्मी ने तुरंत एंबुलेंस को कॉल कर दिया. 

पिता के लगातार सीपीआर की वजह से 7 मिनट बाद उनकी दिल में फिर से हल्की धड़कन शुरू हो गई. तब तक एंबुलेंस भी वहां पहुंच गई. अचेत पड़ी कोर्टनी को तुरंत पास के रॉयल डर्बी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. वहां पर उसे तीन दिनों तक आईसीयू में भर्ती रखकर इलाज किया गया. फिर कार्डियक वार्ड में शिफ्ट किया गया.

जन्म से दिल से जुड़ी बीमारी से थीं ग्रस्त

जांच के दौरान डॉक्टरों को पता चला कि कोर्टनी जन्म से ही दिल से जुड़ी एक बीमारी से ग्रस्त थीं. इस बीमारी को वैज्ञानिक भाषा में माइट्रल एनुलर डिसजंक्शन (Mitral Annular Disjunction) कहा जाता है. यह दिल की एक संरचनात्मक गड़बड़ी होती है, जो कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती है. उसे फिर से ऐसी समस्या न हो, इसलिए उसके बचाव के लिए  इम्प्लांटेबल डिफाइब्रिलेटर (Implantable Defibrillator) फिट किया गया.

कोर्टनी बताती हैं कि उन्हें इस मौत से पहले कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई थी. हालांकि वे पिछले कुछ हफ्तों से दिल की धड़कन तेज होने और चक्कर आने जैसी समस्याएं महसूस कर रही थीं. लेकिन वे इसे चिंता (एंग्जायटी) मानकर नजरअंदाज करती रहीं. डॉक्टरों ने बताया कि इसी वजह ने उनका कार्डियक अरेस्ट ट्रिगर कर दिया. 

पापा की वजह से आज जिंदा हूं- कोर्टनी

मौत के मुंह से वापस आई कोर्टनी अब अपना अनुभव दुनिया को बता रही हैं. वे कहती हैं, 'मुझे यह बीमारी जन्म से थी, इसलिए कभी न कभी ऐसी स्थिति आनी ही थी. लेकिन तनाव ने इसे समय से पहले ही ट्रिगर कर दिया. वे बताती हैं, मैं काफी तनावग्रस्त रहती हूं. छोटी-छोटी बातें मुझ पर भारी पड़ जाती हैं. मैं कभी नहीं सोच सकती थी कि यह इतना गंभीर है.'

अपने पिता को भगवान का रूप बताते हुए कोर्टनी कहती हैं, 'पापा की वजह से मैं आज जिंदा हूं. अगर वे उस वक्त घर पर नहीं होते तो मैं आज यहां नहीं होती. मैं मर चुकी होती.' 

कोर्टनी अब इस अनुभव से सबक लेकर दुनिया को अपनी सेहत के लिए जागरूक कर रही हैं. वहीं कोर्टनी के परिवार और डॉक्टरों का कहना है कि पिता का तुरंत सीपीआर देना ही उनकी जान बचाने वाला फैक्टर था.

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