B-1B Specifications: अगर पिछले कुछ हफ्तों की बात करें तो अमेरिकी वायुसेना के B-1B बमवर्षक विमानों ने लगातार वेनेजुएला तट और आसपास के कैरिबियाई द्वीपों के पास उड़ान भरी है. जब से B‑1B लांसर सर्विस में आया है, उसके दशकों बाद भी वह साबित कर रहा है कि वह किसी से पीछे नहीं है.
अलग-अलग जगहों पर उसकी मौजूदगी न सिर्फ अमेरिका की तेजी से अटैक करने की काबिलियत दिखाती है, बल्कि एडवांस एयर ऑपरेशन्स में उसकी बादशाहत को दर्शाती है.
यह विमान लगातार उड़ सकता है. किसी भी तरह के ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. सटीक निशाने लगा सकता है. अमेरिकी वायुसेना के लिए यह 'अंगद' से कम नहीं है.
क्यों खास है B-1B?
इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका डिजाइन है. टेक ऑफ के दौरान इसके पंख आगे की ओर आ जाते हैं जिससे लिफ्ट करने के लिए बड़ा विंग एरिया मिलता है. हाई स्पीड, धीमी रफ्तार या सुपरसॉनिक फ्लाइट के दौरान पंख पीछे की तरफ झुकते हैं, जिससे प्रतिरोध कम होता है और गतिशीलता बढ़ती है. इससे विमान की रफ्तार और ऊंचाई पर उसे उड़ाने में मदद मिलती है.
इस प्लेन में हाई स्ट्रेस वाली फ्लाइट वाली स्थितियों के दौरान वाइब्रेशन और झुकाव को कम करने के लिए वैन और डैम्पर्स लैस एक स्ट्रक्चरल मोड कंट्रोल सिस्टम (SMCS) दिया गया है. इस विमान का ढांचा इस तरह का है कि इसमें वक्त के साथ थकान जैसी समस्याएं कम होती है, जिससे यह विमान लंबे वक्त तक काम करता है.
एडवांस इंजन
इसमें आफ्टरबर्नर्स के साथ 4 जनरल इलेक्ट्रिक F101-GE-102 टर्बोफैन इंजन दिए गए हैं. इससे B-1B को मैक 1.2 की स्पीड मिलती है. ज्यादा फ्यूल ले जाने की क्षमता होने के कारण यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक आसानी से जा सकता है. भले ही इसको अमेरिकी वायुसेना में आए 4 दशक हो चुके हैं लेकिन इसका हाई थ्रस्ट और एयरोडायनैमिक्स ऐसा है कि यह आज भी खुद को हर मोर्चे पर साबित किए हुए है.
B-1B बहुत नीचे आकर भी दुश्मन पर वार कर सकता है. इसमें डॉप्लर सेंसर्स, सिंथेटिक अपर्चर रडार लगे हुए हैं. यह हाइपरसॉनिक और लॉन्ग रेंज हथियार ले जाने में भी सक्षम है.

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