Sheikh Hasina News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद ने तख्तापलट के बाद देश के भविष्य पर चिंता जाहिर की. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाए जाने का दावा करते हुए कहा कि बांग्लादेश अब पाकिस्तान बन जाएगा. वाजेद ने अपनी मां का बतौर पीएम बचाव करते हुए कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मेरी मां की आलोचना करने में व्यस्त है. हसीना 15 साल तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं, इस दौरान स्थिरता देखी गई जिससे देश क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया.'
ZEE न्यूज के सहयोगी चैनल WION को दिए एक इंटरव्यू में कहा, बांग्लादेश में घट रही घटनाएं भयानक है. वहां अराजकता है, कानून का कोई राज नहीं है. वहां भीड़ सड़कों पर घूम रही है, घरों, कारखानों में तोड़फोड़ कर रही है.' उन्होंने कहा, 'मैंने जो सुना है उसके अनुसार वे अल्पसंख्यकों और हिंदू मंदिरों पर हमला कर रहे हैं.'
'मैंने आज सुबह उनसे बात की'
वाजेद ने बताया कि उन्होंने मंगलवार सुबह अपनी मां से बात की जो कि इस समय भारत में है. उन्होंने कहा, 'मैंने आज सुबह उनसे बात की. वह बहुत ठीक हैं, लेकिन वह बांग्लादेश के लोगों से बहुत निराश हैं. उन्होंने जो कुछ भी किया, जो भी विकास किया, लेकिन बांग्लादेश अब पाकिस्तान बन जाएगा.'
क्या राजनीति में होगी हसीना का वापसी?
वाजेद ने शेख हसीना की राजनीति में वापसी की संभावना से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'वह 77 साल की हैं. यह उनका आखिरी कार्यकाल होने वाला था. वैसे भी इसके बाद वह रिटायर होने वाली थीं. वे हमारे अवामी लीग नेताओं को निशाना बना रहे हैं और अंतरिम सरकार में भी लीग शामिल नहीं है, तो हम क्यों परेशान हों. लोगों ने अपनी पसंद बना ली है और उन्हें वह नेतृत्व मिलेगा जिसके वे हकदार हैं.'
'हम थक चुके हैं'
इसके साथ ही वाजेदे राजनीति में अपनी एंट्री से भी इनकार किया. उन्होंने कहा, 'मेरा परिवार तीन बार इस स्थिति से गुजर चुका है, तीन बार तख्तापलट हुआ, अब हम थक चुके हैं. हम बांग्लादेश को बचाते-बचाते थक चुके हैं. बांग्लादेश अब अपनी समस्याओं को खुद संभाल सकता है. यह हमारी समस्या नहीं है.'
शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को तोड़े जाने की तस्वीरों के वायरल होने पर वाजेद ने कहा, 'मैं इसे बांग्लादेश के लोगों के बहुत कृतघ्न होने के रूप में देखता हूं, वे बहुत, बहुत कृतघ्न हैं और उन्हें जो नेतृत्व मिला है, वे उसके हकदार हैं. यह उनकी समस्या है. अब मेरी नहीं.'
बता दें सोमवार को शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उन्हें देश छोड़कर भारत भागना पड़ा. आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन की वजह से हसीना को देश छोड़ना पड़ा. प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है.