BJP-RSS के टॉप लीडरशिप के साथ 4 बैठकें और फिर यूपी के सीएम योगी की मजबूत वापसी

2 weeks ago

लोकसभा चुनाव में उत्‍तर प्रदेश में विफलता के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अफवाहें जोरों पर थीं. अंदरुनी खींचतान और विपक्ष की ओर से आरक्षण पर अभियान को दबाने में असलफ रहने की चर्चा के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यूपी में 36 सीटों पर सिमट गई थी. पिछले पखवाड़े में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के बाद भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शीर्ष नेताओं के साथ सीएम योगी की चार प्रमुख बैठकें दिखाती हैं कि सीएम पूरी मजबूती और कंट्रोल के साथ वापस आ गए हैं. उन्होंने मंगलवार को झारखंड में विधानसभ चुनाव के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया. उन्‍होंने जेल में बंद कांग्रेस मंत्री आलमगीर आलम को ‘औरंगजेब’ से जोड़कर पहले ही माहौल तैयार कर दिया है और दोहराया है: यह समय बांटने का नहीं है.

सीएम योगी ने यूपीएससी रूट को दरकिनार करते हुए डीजीपी के चयन के लिए उत्‍तर प्रदेश का अपना नियम लाकर भी अपना दबदबा कायम कर लिया है. यह 20 नवंबर को यूपी में महत्वपूर्ण 9 विधानसभा उपचुनावों से पहले आया है. इन उपचुनावों में अगर बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करती है तो सीएम योगी की स्थिति मजबूत हो सकती है.

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सीएम योगी की चार बैठकें
सीएम योगी आदित्‍यनाथ की चार महत्वपूर्ण बैठकों में से पहली 22 अक्टूबर को आरएसएस की एक महत्वपूर्ण बैठक की पूर्व संध्या पर मथुरा में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ थी. भागवत ने योगी को दो घंटे से अधिक का समय दिया. हालांकि, इस बैठक में क्या हुआ, यह पता नहीं चला है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह अच्छी रही क्योंकि आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने दो दिन बाद हिंदू एकता पर जोर देते हुए योगी की ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाली टिप्पणी दोहराई. हरियाणा चुनावों के दौरान योगी के इस नारे ने बीजेपी के लिए अद्भुत काम किया था.

आरएसएस से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी योगी के नारे का समर्थन किया था. तीन नवंबर को पीएम मोदी ने दिल्ली में योगी के आवास पर एक घंटे से अधिक समय तक मुलाकात की, जो लोकसभा नतीजों के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली आमने-सामने की मुलाकात थी. हालांकि, योगी पिछले महीने हरियाणा के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्रियों के एनडीए सम्मेलन का हिस्सा रहे थे. उसी दिन सीएम योगी ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लंबी बैठकें की थीं. योगी खेमे ने कहा कि तीनों बैठकें सीएम द्वारा अगले साल महाकुंभ के लिए निमंत्रण देने के बारे में थीं. हालांकि, इन बैठकों का महत्व और समय कहीं अधिक के बारे में बताता है.

दिलचस्प बात यह है कि ये चार बैठकें पिछले चार महीनों में यूपी में भाजपा के हर सांसद और विधायक से एक-एक करके मिलने के बाद हुईं. इससे योगी के और अधिक मजबूत होने का संदेश भी गया है.

योगी: प्रभावी प्रचारक
योगी खेमे का कहना है कि झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में यूपी के सीएम की काफी मांग है. योगी मंगलवार को अपने चुनावी दौरे की शुरुआत की, जिसमें उनका पहला पड़ाव झारखंड रहा. ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा योगी के अभियान में गूंजा क्योंकि भाजपा का लक्ष्य दोनों राज्यों में दलितों, ओबीसी और आदिवासियों के बीच हिंदू एकजुटता का है. झारखंड के हज़ारीबाग़ रैली में योगी ने कहा, ‘यह समय बंटने का नहीं है. कांग्रेस 1947 से ही देश को बांट रही है.’

योगी अपने अभियान के दौरान सुरक्षा और माफिया के खिलाफ कार्रवाई पर अपने रिकॉर्ड पर बोल रहे हैं और अयोध्या राम मंदिर को भाजपा की सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने ला रहे हैं. उन्होंने हालिया एलएसी समझौते का हवाला देते हुए हज़ारीबाग़ में यह भी कहा कि चीनी सेना अब पीछे जा रही है और भारतीय सेना वहां जाकर गश्त कर रही है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि योगी भाजपा के टॉप इक्‍वेशन में अपनी स्थिति फिर से स्थापित कर रहे हैं और दिखा रहे हैं कि 2027 की यूपी की लड़ाई में पार्टी के पास उनके अलावा कोई विकल्प नहीं है.

Tags: CM Yogi Adityanath, News

FIRST PUBLISHED :

November 5, 2024, 19:59 IST

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