जब अंधेरे में टकरा गई भारतीय नौसेना के सबमरीन से मछली पकड़ने वाली नाव... 

4 hours ago
नौसेना ने बताया कि मछली पकड़ने की नौका 'मर्थोमा' में चालक दल के 13 सदस्य थे. (सांकेतिक तस्वीर)नौसेना ने बताया कि मछली पकड़ने की नौका 'मर्थोमा' में चालक दल के 13 सदस्य थे. (सांकेतिक तस्वीर)

नई दिल्ली. सबमरीन को किसी भी देश की नौसेना का एक साइलेंट किलर के तौर पर जाना जाता है. पानी के अंदर रहकर कई दिनों तक दूर-दूर दुश्मन के खतरे की निगरानी करते हैं, लेकिन एक हादसा भारतीय नौसेना के साथ हो गया जब गोवा तट के पास एक मछली पकड़ने वाली नाव नौसेना के सबमरीन से जा टकराई. इस दुर्घटना पर नौसेना की तरफ से एक बयान जारी किया गया, जिसमें बताया गया कि गोवा तट के पास ‘मरथोमा’ नाम का फिशिंग बोट उस इलाके से गुजर रहे नौसेना के सबमरीन से  टकरा गई. फिशिंग बोट पर मौजूद 13 में से 11 को बचा लिया गया है, जबकि दो की तलाश जारी.

नौसेना के 6 शिप और हैलिकॉप्टर राहत बचाव के काम में जुटे हैं. ये घटना गोवा तट से 70 नॉटिकल मील नॉर्थ वेस्ट पर हुई. साथ ही भारतीय कोस्ट गार्ड के असेट भी सर्च एंड रेस्क्यू में लगी है और घटना के जाँच के आदेश दिए गए है. सूत्रों के मुताबिक 21 नवंबर रात करीब  शाम 8 से 9 बजे के बीच गोवा तट के पास मरथोमा नाम के फिशिंग वेसेल ने नौसेना के सबमरीन को पीछे से टक्कर मार दी. जिस वक्त ये टकराव हुआ तक सबमरीन समुद्र की सतह पर था और एक पोर्ट से दूसरे पोर्ट की तरफ जा रही थी. इस टकराव के बाद सबमरीन अपने डेस्टिनेशन पोर्ट के लिए यात्रा जारी रखी. और पोर्ट में जाकर इस बात का पता चलेगा कि इस टकराव से सबमरीन को कितना नुक़सान पहुंचा है.

नौसेना में सबमरीन हादसों का इतिहास

अगर हम भारतीय नौसेना के सबमरीन हादसों की बात करें तो साल 2008 में किलो क्लास सबमरीन INS सिंधुघोष एक अभ्यास के दौरान जाते हुए विदेशी मर्चेंट वेसेल के साथ टकरा गया था. साल 2013 में मुम्बई तट के पास INS सिंधुरक्षक सबमरीन के टॉर्पिडों कंपर्टमेंट में धमाका हुआ, इसमें 3 अफ़सर और 15 नौसैनिकों की मौत हो गई थी. इसके अगले साल ही साल 2014 में किलो क्लास सबमरीन INS सिंधुरत्न दुर्घटना का शिकार हो गई थी और इस हादसे की ज़िम्मेदारी लेते हुए तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल डी के जोशी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.

अगर हम भारतीय नौसेना के सबमरीन फ्लीट की बात करें तो इस वक्त भारतीय नौसेना के पास कुल 16 कनवेशनल सबमरीन हैं जिसमें 7 रशियन किलो क्लास, 4 HWD जर्मन और 5 फ़्रैंच स्कॉरपीन क्लास सबमरीन है. इनमें किलो क्लास और HWD सबमरीन पुरानी हो चली है और नौसेना को जब तक नई सबमरीन नहीं मिल जाती तब तक इनका इस्तेमाल करते रहेगा. साथ ही सबमरीन के बेड़े को और मज़बूत करने के लिए भारतीय नौसेना बड़ी तेज़ी से नई आधुनिक सबमरीन को अपने बेड़े में शामिल करने में जुटी है. इसके अलावा भारत के पर जो परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत और INS अरिघात भी मौजूद है.

Tags: Arabian Sea, Goa, Indian navy

FIRST PUBLISHED :

November 22, 2024, 18:12 IST

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