BJP ने लेफ्ट के गढ़ में सेंध लगाई, तिरुवनंतपुरम में 45 साल पुरानी सल्तनत ढहाई

2 hours ago

Last Updated:December 13, 2025, 16:52 IST

Kerala Elections Result: केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में बीजेपी ने इतिहास रच दिया. यहां के नगर निगम चुनाव में पार्टी ने 45 साल पुराने सीपीआई (एम) की अगुवाई वाले एलडीएफ को शिकस्त देकर सबको हैरान कर दिया. इस बार के तिरुवनंतपुरम चुनाव में एनडीए ने 50 सीटों पर जीत हासिल की.

BJP ने लेफ्ट के गढ़ में सेंध लगाई, तिरुवनंतपुरम में 45 साल पुरानी सल्तनत ढहाईएनडीए ने तिरुवनंतपरम नगर निगम के 101 वार्डों में से 50 पर जीत हासिल की है.

तिरुवनंतपुरम. केरल की राजनीति में शनिवार को एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए ने पहली बार तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार जीत दर्ज की. इस जीत के साथ ही भाजपा ने सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाले एलडीएफ के 45 साल पुराने किले को ध्वस्त कर दिया है. शनिवार को आए नतीजों ने सभी को चौंका दिया, जिसमें एनडीए ने निगम के 101 वार्डों में से 50 पर जीत हासिल की.

वहीं, सत्ताधारी एलडीएफ 29 सीटों पर सिमट गया और मुख्य विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ को सिर्फ 19 सीटें मिलीं. दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं. यह जीत इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि वामपंथी दलों का इस निगम पर पिछले साढ़े चार दशकों से एकछत्र राज था. राजधानी में मिली यह कामयाबी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के लिए संजीवनी का काम करेगी.

आंकड़ों में भाजपा की लंबी छलांग
तिरुवनंतपुरम निगम में भाजपा का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता गया है और इस बार उसने बहुमत का आंकड़ा छू लिया. आंकड़ों पर नजर डालें तो 2010 में भाजपा के पास यहां सिर्फ 6 पार्षद थे. 2015 में यह संख्या बढ़कर 35 हो गई थी, हालांकि 2020 में यह थोड़ी घटकर 34 रह गई थी, लेकिन तब भी पार्टी मुख्य विपक्षी दल बनी रही. इस बार 50 सीटें जीतकर पार्टी ने स्पष्ट बहुमत के करीब पहुंचकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है. वहीं, कांग्रेस के शशि थरूर के संसदीय क्षेत्र में मिली यह हार यूडीएफ के लिए चिंता का विषय है.

राजीव चंद्रशेखर और विकास का एजेंडा
इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय काफी हद तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर की रणनीति को दिया जा रहा है. यह उनके पदभार संभालने के बाद पहला स्थानीय निकाय चुनाव था. चंद्रशेखर ने चुनाव प्रचार को पूरी तरह से ‘विकसित तिरुवनंतपुरम’ के नारे पर केंद्रित रखा. उन्होंने पार्टी के लिए एक विशेष घोषणापत्र जारी किया और राजधानी के विकास का रोडमैप पेश किया. पार्टी ने वादा किया था कि जीतने पर 45 दिनों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य की राजधानी के लिए विकास योजना की घोषणा करेंगे.

विवादों के बीच संगठन की मजबूती
चुनाव से ठीक पहले भाजपा को कुछ अंदरूनी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा था. एक मौजूदा पार्षद अनिल कुमार की आत्महत्या और टिकट न मिलने पर एक आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा जान देने की घटनाओं ने पार्टी को बैकफुट पर ला दिया था. विरोधियों ने इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाया, लेकिन भाजपा ने अपने कैडर को एकजुट रखा और आरएसएस कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने में सफल रही. पार्टी ने सबरीमाला मंदिर से जुड़े सोने की चोरी के आरोपों और कांग्रेस विधायक के खिलाफ रेप केस जैसे मुद्दों को भी प्रभावी ढंग से भुनाया.

भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा
भाजपा ने अपने प्रचार में एलडीएफ शासन के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार को भी प्रमुखता से उठाया. सबसे युवा मेयर आर्या राजेंद्रन के नेतृत्व वाली पिछली परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर भाजपा ने ‘करप्शन फ्री सिविक बॉडी’ का वादा किया. भाजपा ने न सिर्फ हिंदुत्व वोट बैंक को साधा, बल्कि विकास के वादे के साथ शहरी मतदाताओं को भी अपनी ओर खींचने में कामयाबी हासिल की. नेमोम, वट्टियोरकावु और कझाकूटम जैसे विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की यह बढ़त आगामी चुनावों के लिए एक बड़ा संकेत है.

About the Author

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

Location :

Thiruvananthapuram,Kerala

First Published :

December 13, 2025, 16:44 IST

homenation

BJP ने लेफ्ट के गढ़ में सेंध लगाई, तिरुवनंतपुरम में 45 साल पुरानी सल्तनत ढहाई

Read Full Article at Source