CBSE का बड़ा ऐलान, अब रटकर नहीं होगी पढ़ाई, टॉपिक समझकर ही पास कर सकेंगे Exam

3 hours ago

Last Updated:October 27, 2025, 09:11 IST

CBSE News: अगर आपको स्कूल में पढ़ाई गई चीजें समझ में नहीं आती हैं और आप रटकर अपना काम चला रहे हैं तो जरा रुक जाइए. नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए सीबीएसई टीचिंग मॉड्यूल में बदलाव कर रहा है.

CBSE का बड़ा ऐलान, अब रटकर नहीं होगी पढ़ाई, टॉपिक समझकर ही पास कर सकेंगे ExamCBSE News: सीबीएसई के बदलाव से पढ़ाई का तरीका बेहतर और आधुनिक होगा

नई दिल्ली (CBSE News). केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पढ़ाई और परीक्षा के तरीकों में बड़ा बदलाव ला रहा है, अब स्कूलों में सिर्फ रटकर पास होने की पुरानी आदत खत्म होगी. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत, सीबीएसई जल्द ही नया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू करने वाला है. इस प्लेटफॉर्म से पता चलेगा कि छात्रों ने विषयों को कितना समझा और वे उस ज्ञान का असल जीवन में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे स्टूडेंट्स को आज के जमाने की स्किल्स (21वीं सेंचुरी स्किल्स) के लिए तैयार किया जा सकेगा.

सीबीएसई की इस नई योजना में परीक्षा को पढ़ाई का जरूरी हिस्सा माना जाएगा, न कि सिर्फ आखिरी डर. NEP 2020 की सिफारिश है कि मूल्यांकन का तरीका बदलना चाहिए. यह नया प्लेटफॉर्म कक्षा 3, 5 और 8 के सभी बच्चों की खास तरह की परीक्षा लेगा, जिसे SAFAL (लर्निंग एनालिसिस के लिए स्ट्रक्चर्ड असेसमेंट) कहते हैं. SAFAL का मकसद बच्चों की बुनियादी समझ और सोच-विचार की शक्ति को परखना है. इससे स्कूलों को यह जानने में मदद मिलेगी कि बच्चों को कहां ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

नई परीक्षा का तरीका: काबिलियत पर फोकस

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) में स्पष्ट कहा गया है कि परीक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जो बच्चों को आगे बढ़ने में मदद करे, न कि सिर्फ याद करने की शक्ति चेक करे. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इसी बात को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है. उसने पहले ही कक्षा 6 से 10 के लिए भी योग्यता-आधारित परीक्षा का ढांचा (Competency-Based Assessment Framework) शुरू कर दिया है. इसमें विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों पर ज्यादा जोर दिया जाता है.

SAFAL: आपकी समझ की जांच

कक्षा 3, 5 और 8 के लिए लॉन्च किया जा रहा SAFAL मूल्यांकन बहुत खास कदम है:

मकसद: यह मुख्य रूप से बच्चों की मूल बातें (Core Concepts), ज्ञान का सही उपयोग और उनकी तेज सोचने की क्षमता को परखेगा.

ऑनलाइन तरीका: यह आकलन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होगा, जिससे नतीजे जल्दी और सही मिलेंगे.

फायदा: स्कूलों को बच्चों की कमजोरियों के बारे में पक्की जानकारी (Diagnostic Information) मिलेगी. इससे वे उन बच्चों पर सीधा ध्यान (Targeted Intervention) दे पाएंगे और अपनी क्लास में पढ़ाने के तरीके बदल पाएंगे.

बच्चों की तरक्की पर लगातार नजर

सीबीएसई की यह पहल एक बार का सुधार नहीं है, बल्कि पढ़ाई की गुणवत्ता को लगातार बेहतर बनाने की सोची-समझी योजना है. इस डिजिटल आकलन से मिलने वाले डेटा का इस्तेमाल पढ़ाई के नतीजों को सुधारने के लिए किया जाएगा. शिक्षकों से कहा गया है कि वे SAFAL रिपोर्ट का इस्तेमाल क्लास में मदद करने और माता-पिता से अच्छी बातचीत करने के लिए करें. भविष्य में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे सॉफ्टवेयर भी बच्चों की तरक्की पर नजर रखेंगे और उन्हें सही करियर चुनने में मदद करेंगे.

Deepali Porwal

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...

और पढ़ें

First Published :

October 27, 2025, 09:11 IST

homecareer

CBSE का बड़ा ऐलान, अब रटकर नहीं होगी पढ़ाई, टॉपिक समझकर ही पास कर सकेंगे Exam

Read Full Article at Source