मुंबई. पिछले पांच सालों में 27 राज्य कैबिनेट मंत्रियों में से अधिकांश की नेटवर्थ वर्थ में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन कुछ मंत्रियों की संपत्ति में यह इजाफा कई गुना हुआ है. यह खुलासा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए दाखिल हुए हलफनामों से हुआ है. इन मंत्रियों के प्रॉपर्टी में यह इजाफा इसलिए हुआ है क्योंकि उन्होंने पिछले पांच सालों के दौरान जमीन और फ्लैट खरीदे हैं. किस मंत्री की संपत्ति में कितना इजाफा हुआ है जानने के लिए पढ़ें ये पूरी रिपोर्ट….
महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे की संपत्ति में 772% की वृद्धि हुई, जो 2019 में 39 लाख रुपये से बढ़कर 3.4 करोड़ रुपये हो गई. पब्लिक वर्क मिनिस्टर रविंद्र चव्हाण की संपत्ति 117% बढ़कर 7 करोड़ रुपये से 15.5 करोड़ रुपये हो गई. जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़ की संपत्ति 220% बढ़कर 5.9 करोड़ रुपये से लगभग 15.9 करोड़ रुपये हो गई है. खेल, युवा कल्याण और बंदरगाह विकास मंत्री संजय बंसोडे की संपत्ति 144% बढ़कर 2 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये हो गई. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की संपत्ति में 66% की वृद्धि हुई है.
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लोढ़ा एकमात्र महायुति मंत्री जिनकी संपत्ति घटी
महायुति सरकार के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस की संपत्ति में क्रमशः 44% और 56% की वृद्धि हुई है. जैसा कि उनके द्वारा दाखिल किए गए चुनावी हलफनामों से पता चलता है. तीन मंत्रियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच चल रही है – अजीत पवार और उनके एनसीपी सहयोगी हसन मुश्रीफ के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) मामले में, जबकि एनसीपी मंत्री छगन भुजबल को 2016 में आरटीओ भूमि और महाराष्ट्र सदन से संबंधित कथित घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे जमानत पर बाहर हैं. मुश्रीफ ने ईडी की छापेमारी और पूछताछ का सामना किया, जबकि अजीत पवार से इस मामले में कभी पूछताछ नहीं की गई. इन नेताओं ने विधानसभा चुनावों के लिए दाखिल किए गए अपने हलफनामों में इन मामलों के बारे में भी बताया है. भुजबल की संपत्ति में 17% की वृद्धि हुई, जबकि मुश्रीफ की संपत्ति में 34% की वृद्धि हुई है.
मंत्री के खिलाफ खत्म हुए सारे केस
आरटीआई कार्यकर्ता और विशेषज्ञ शैलेश गांधी ने कहा है कि आयकर विभाग और अन्य उच्च अधिकारी सभी चुनावी हलफनामों की जांच करें ताकि यह पता चल सके कि ये खुलासे पिछले पांच वर्षों में दाखिल किए गए मंत्रियों के आईटी रिटर्न के अनुरूप हैं या नहीं है. जब तक आय के स्रोत की जांच और समझ नहीं होती, यह प्रक्रिया केवल एक दिखावा बनी रहती है. यह जानने का उद्देश्य कि यह वृद्धि वास्तविक है या नहीं. यह हमारा अधिकार है कि हम जानें कि ये नेता देश की संपत्ति और खजाने के प्रति कितने ईमानदार रहे हैं. वहीं मंत्री विजयकुमार गवित, जिनके खिलाफ नौ मामले लंबित थे, सब खत्म हो गए हैं, जबकि उनकी कुल संपत्ति में 12% की वृद्धि हुई है.
किस मंत्री की संपत्ति गिरी
मंगल प्रभात लोढ़ा (मालाबार हिल विधायक) एकमात्र मंत्री हैं जिनकी संपत्ति में गिरावट आई है. उनकी संपत्ति में 11% की कमी आई है. इस गिरावट का मुख्य कारण मंत्री की बढ़ती देनदारियों हैं. आदिति तटकरे की शुद्ध संपत्ति में वृद्धि हुई है. उन्होंने 2020-21 में रोहा में 1 करोड़ रुपये मूल्य की 12 एकड़ से अधिक कृषि भूमि और 21 लाख रुपये मूल्य की 75,827 वर्ग फुट गैर-कृषि भूमि खरीदी थी. रविंद्र चव्हाण के परिवार की शुद्ध संपत्ति भी काफी बढ़ी, जो 7.1 करोड़ रुपये से बढ़कर 15.5 करोड़ रुपये हो गई. उनकी संपत्तियों में 1.5 लाख रुपये मूल्य की एक रिवॉल्वर भी शामिल है. संजय राठौड़ की कुल संपत्ति में भी वृद्धि हुई जब उन्होंने 2023 में प्रभादेवी में 13 करोड़ रुपये का फ्लैट खरीदा, जबकि उनकी पत्नी ने दिसंबर 2019 में नागपुर में 11 करोड़ रुपये की 37,452 वर्ग फुट की वाणिज्यिक संपत्ति खरीदी. इसके परिणामस्वरूप, उनकी देनदारियां भी 2.2 करोड़ रुपये से बढ़कर 24.4 करोड़ रुपये हो गईं.
धनंजय मुंडे ने दिसंबर 2023 में मालाबार हिल में 10 करोड़ रुपये का 2,151 वर्ग फुट का फ्लैट और 2022 में पुणे में 1.1 करोड़ रुपये का 930 वर्ग फुट का फ्लैट खरीदा, जिससे पिछले पांच वर्षों में उनके परिवार की शुद्ध संपत्ति में 81% की वृद्धि हुई.
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FIRST PUBLISHED :
November 1, 2024, 13:07 IST