Explainer: क्या होता है चिकन गन टेस्ट, जिसमें विमानों के कांच पर दागे जाते हैं जिंदा मुर्गे?

4 hours ago

Chiken Gun Test: हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस हादसे में 270 लोगों की मौत हुई थी. शुरुआती जांच में विमान का फ्यूल स्विच बंद होना इसकी प्रमुख वजह बताई जा रही है. ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए एयरलाइन कंपनियां और निर्माता कई स्तरों पर सुरक्षा परीक्षण (Safety Tests) करते हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण परीक्षण होता है इंजन की मजबूती और विश्वसनीयता की जांच. इसी सिलसिले में एक खास तरह का टेस्ट किया जाता है जिसे कहा जाता है 'Bird Hit Test' या आम भाषा में 'चिकन टेस्ट.'

इस टेस्ट के दौरान विमान के इंजन पर उड़ते पक्षियों के टकराने जैसी स्थिति को ऑर्टीफीशियल तरीके से बनाया जाता है. इसके लिए एक विशेष उपकरण से जिंदा मुर्गों को बहुत स्पीड से विमान पर फेंका जाता है यह प्रयोग इसलिए किया जाता है ताकि यह परखा जा सके कि विमान से पक्षी के तेजी से टकराने के बाद भी उसका इंजन सही तरीके से काम करता है या नहीं. इस प्रक्रिया का उद्देश्य होता है यह सुनिश्चित करना कि विमान उड़ान के दौरान अगर किसी पक्षी से टकरा भी जाए तो उसकी सुरक्षा और विमान के इंजन की कार्यक्षमता बनी रहे.

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How do you test an aircraft for potential bird strike? With a Chicken Gun! pic.twitter.com/Q5NLFo6xdd

— World of Engineering (@engineers_feed) March 8, 2019

कैसे होता है विमान का 'चिकन टेस्ट'?
विमान के इंजन की क्षमता और मजबूती की जांच के लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसे 'चिकन टेस्ट' या 'बर्ड स्ट्राइक टेस्ट' कहा जाता है. यह टेस्ट विमान निर्माण संयंत्रों (एयरोस्पेस लैब्स) में नियंत्रित माहौल में किया जाता है.इस प्रक्रिया में एक 'बर्ड कैनन' या हाई-स्पीड गन का इस्तेमाल होता है. एक मशीन में जिंदा मुर्गे को भरकर कई सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से विमान पर फेंकते हैं, हालांकि अब असली मुर्गे की जगह जेल या सिंथेटिक बर्ड सिम्युलेटर्स का भी उपयोग कर लेते हैं. इन्हें इंजन या विंडशील्ड की दिशा में फायर किया जाता है.

क्यों किया जाता है चिकन टेस्ट?
इसका उद्देश्य होता है यह जानना कि अगर उड़ान के दौरान कोई पक्षी विमान के इंजन या आगे के हिस्से से टकराए, तो विमान उस झटके को कितना झेल सकता है. दरअसल, जब कोई विमान उड़ान भरता है, तो उसकी गति सैकड़ों किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाती है. ऐसे में पक्षी के टकराने की संभावना भी उसी हाई स्पीड के लेवल पर होती है. चिकन टेस्ट में इसी परिस्थिति को ऑर्टीफीशियल तरीके से दोहराया जाता है ताकि इंजन की सुरक्षा, संतुलन और शक्ति का वास्तविक मूल्यांकन किया जा सके.

विमान से बर्ड स्ट्राइक होता है खतरनाक, जा सकती हैं यात्रियों की जानें
हम आए दिन ऐसी खबरें देखते हैं जिसमें किसी हवाई अड्डे से टेक-ऑफ या लैंडिंग करते विमान किसी पक्षी से टकरा गया. ऐसी घटना को हम बर्ड स्ट्राइक कहते हैं. बर्ड स्ट्राइक का खतरा उड़ान भरने या फिर विमान के उतरते समय, कम ऊंचाई या फिर ज्यादा ऊंचाई हर जगह पर समान रूप से बना रहता है. जब विमान ज्यादा ऊंचाई पर हो तब बर्ड स्ट्राइक का खतरा ज्यादा खतरनाक होता है. ऐसे में विमान में सवार सभी यात्रियों की जान का खतरा रहता है. इसी वजह से ये टेस्ट काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. आजकल यह टेस्ट पूरी तरह कंप्यूटर-नियंत्रित सिमुलेशन सिस्टम और नकली पक्षियों के जरिए किया जाता है, जिससे किसी जीव को नुकसान न पहुंचे और परिणाम भी वैज्ञानिक रूप से सटीक मिलें.

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