Explainer: क्या होती है सोनिक बूम, जिसे जोधपुर में सुनकर लोग दहशत में आ गए

1 hour ago

जोधपुर में मंगलवार राज जोरदार धमाके जैसी आवाज सुनी गई. इसके साथ धरती में हल्का कंपन भी महसूस किया गया. इससे दहशत फैल गई. बाद में वायुसेना ने स्पष्ट किया कि ये आवाज सोनिक बूम की थी जो फाइटर जेट की सुपरसोनिक उड़ान से पैदा हुई. आइए जानते हैं कि क्या होता है सोनिक बूम. कैसे पैदा होती है ऐसी डरा देनी वाली आवाज.

दरअसल ऐसी आवाज समय समय पर देश में बेंगुलुरु से लेकर जोधपुर तक सुनी जा चुकी हैं. ये आवाज वाकई इतनी तेज और ऐसी होती है कि लोगों को डराने के लिए काफी होती है. ये आवाज तेज धमाके की तरह होती है. ये आवाज हमारे एय़रफोर्स के फाइटर जेट से जुड़ी होती हैं.

दरअसल जब फाइटर जेट मैच1 स्पीड से ज्यादा तेज गति में उड़ते हैं तो ये सोनिक बूम आवाज सुनी जा सकती है. दरअसल, जब कोई चीज ध्वनि या आवाज की रफ्तार से भी ज्यादा तेज गति से गुजरती है तो सोनिक बूम क्रिएट करती है. इसी वजह से जब ऐसी आवाज सुनी जाती है और इससे दशहत पैदा होती है तो वायुसेना तुरंत इसके बारे में स्पष्टीकरण भी देती है कि लोग डरें नहीं.

सोनिक बूम की आवाज शायद तब सुनाई पड़ती है जब एयरक्राफ्ट अपनी रफ्तार सुपर सोनिक से सबसोनिक स्पीड में बदल रहा होगा. एयरक्राफ्ट तब तकरीबन 36,000 से 40,000 फीट ऊंचाई पर रहा होगा.

क्या होता सोनिक बूम

जब किसी विमान की रफ्तार ध्वनि से ज्यादा तेज होती है तो उसे सुपरसोनिक रफ्तार कहते हैं. यानी जब कोई चीज 332 मीटर प्रति सेंकेंड की रफ्तार से भी तेज गति से चलती है तो इसकी रफ्तार को सुपरसोनिक स्पीड कहते हैं. अब अगर इसे एअरक्राफ्ट से मिलाकर देखें तो बात ज्यादा स्पष्ट होगी. अगर किसी एअरक्राफ्ट की रफ्तार 1225 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा तेज होती है तो वह सोनिक बूम उत्पन्न करता है.

दरअसल विमान हवा में चलते समय ध्वनि तरंगें पैदा करता है. जब तक इसकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से कम होती है तब तक कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन जैसे ही रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से तेज होती है तो जिस जगह से भी यह विमान क्रॉस करता है वहां विस्फोट जैसी आवाज होती है.

सोनिक बूम आवाज क्या यात्री विमान भी पैदा करते हैं

कोई भी विमान सोनिक बूम पैदा कर सकता है, बशर्ते वह ध्वनि की गति से तेज़ उड़ान भर रहा हो. वैसे फाइटर जेट्स ही अक्सर सोनिक बूम के लिए जाने जाते हैं. उनका डिज़ाइन ही सुपरसोनिक गति से उड़ान भरने के लिए बना होता है. उनके मिशन के लिए अक्सर तेज़ गति की जरूरत होती है. कामर्शियल यात्री विमान आमतौर पर सोनिक बूम पैदा नहीं करते हैं.

करीब सभी कामर्शियल जेट जैसे बोइंस और एयरबस विमान सबसोनिक विमान होते हैं. वो ध्वनि की गति से काफी धीमी गति से उड़ान भरते हैं, उनकी गति मैक 0.78 से 0.85 तक होती है. उन्हें जानबूझकर इसी गति सीमा में डिज़ाइन किया गया है क्योंकि यह ईंधन दक्षता और सुरक्षा के लिहाज से सबसे अनुकूल है.

दुनियाभर में सोनिक बूम से संबंधित नियम क्या हैं

दुनिया भर में आबादी वाले इलाकों के ऊपर सुपरसोनिक उड़ान पर प्रतिबंध है. इसका सीधा सा कारण यह है कि सोनिक बूम जमीन पर रह रहे लोगों के लिए एक बहुत तेज़, डरावनी और परेशान करने वाली आवाज होती है, जिससे खिड़कियां टूट सकती हैं, कभी दीवारें भी गिर सकती हैं. लोग डर सकते हैं.

हालांकि भारत में भारत में फाइटर जेट्स द्वारा सोनिक बूम पैदा करना आमतौर पर नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाता, बशर्ते यह एक नियंत्रित और आवश्यक परिस्थिति में हो. हालांकि भारत में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों के तहत आबादी वाले इलाकों के ऊपर सुपरसोनिक उड़ानें आमतौर पर प्रतिबंधित हैं ताकि सोनिक बूम से होने वाली परेशानी और संभावित नुकसान से बचा जा सके.

क्या इससे पायलट पर भी कोई असर होता है

क्या सोनिक बूम के संपर्क में आने से विमान के अंदर के यात्रियों और चालक दल पर भी प्रभाव पड़ सकता है. तेज़ आवाज़ से सुनने की समस्या, तनाव और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है. हालांकि आधुनिक विमान इतने मजबूत होते हैं कि सोनिक बूम से उन्हें सीधे कोई स्ट्रक्चरल नुकसान नहीं होता.

भारत में जगहें, जहां सोनिक बूम सुनाई दी

बेंगलुरु – बेंगलुरु में अक्सर सोनिक बूम सरीखी आवाजें सुनी जाती रही हैं. खासकर IAF की परीक्षण उड़ानों से दौरान. मई 2020 और जुलाई 2021 में यहां तेज धमाके जैसी आवाज़ें सुनी गई थीं.

अमृतसर – पाकिस्तान सीमा के पास भारतीय वायु सेना के अभ्यास के दौरान, यहां पर अक्सर सोनिक बूम की आवाज़ें सुनने की खबरें आई हैं.

जोधपुर – जोधपुर 11 नवंबर 2025 की रात में वायुसेना के प्रशिक्षण उड़ानों के दौरान, तेज धमाके जैसी आवाज़ और कंपन महसूस होने की खबरें सामने आईं.

देहरादून – यहां भी धमाके की आवाज़ से इमारतों के हिलने और खिड़कियों के शीशे चटकने की खबरें आई, जिसे सोनिक बूम माना गया.

सौराष्ट्र क्षेत्र – गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में वर्ष 2004 के आसपास यहां “ब्लास्ट” जैसी आवाज़ें सुनी गईं, जिसे बाद में ओवरफ्लाइंग जेट विमानों से पैदा हुआ सोनिक बूम बताया गया.

लुधियाना – यहां भी सोनिक बूम के कारण तेज धमाके जैसी आवाज़ें सुनी गईं. जिसका संबंध हलवारा एयर फ़ोर्स स्टेशन के पास लड़ाकू विमानों से जोड़ा गया था.

तिरुपुर – तमिलनाडु के इस क्षेत्र में भी 2020 में एक रहस्यमय तेज आवाज़ सुनी गई, जिसे तेजस विमान के सोनिक बूम होने की बात कही गईआ.

ये घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब कोई विमान ध्वनि की गति (मैक 1) से तेज़ उड़ान भरता है, जिससे हवा में एक शक्तिशाली शॉक वेव बनती है, जो ज़मीन पर एक तेज धमाके जैसी आवाज़ पैदा करती है.

जब इजरायल में सोनिक बूम से इमारतें धंस गईं

ये 1966-67 की बात है. इज़राइली वायु सेना के जेट विमानों द्वारा बनाए गए सोनिक बूमों ने कई इमारतों को नुकसान पहुंचाया. सोनिक बूम की शॉक वेव्स के कारण लगभग 70 इमारतों की दीवारें धंस गईं. कई खिड़कियां टूट गईं.

इसी तरह से 1960 के दशक में अमेरिकी वायु सेना के YF-12 जेट विमानों के परीक्षण के दौरान सोनिक बूमों ने आसपास के इलाकों में नुकसान किया. कई इमारतों की खिड़कियां टूट गईं. कुछ स्ट्रक्चरल क्षति भी हुई. इसके परिणामस्वरूप स्थानीय निवासियों ने वायु सेना पर कई मुकदमे दायर किए.

सुपर सोनिक फ्लाइट्स

सन 1947 में अमेरिकी सेना के पायलट चक यीगर दुनिया के पहले ऐसे पायलट थे, जिन्होंने ध्वनि की रफ्तार से तेज विमान उड़ाया था. इस एयर क्राफ्ट का नाम Bell X-1 था. इसके बाद बहुत सारे सुपर सोनिक फ्लाइट्स ने ध्वनि की रफ्तार को तोड़ा. इसके बाद कई अडवांस विमानों की रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना ज्यादा है. इंडियन एयरफोर्स की वेबसाइट के मुताबिक भारत के सबसे तेज जेट सुखोई 30MKI और मिराज-2000 हैं.

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