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ऑनलाइन फ्रॉड का अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चार सदस्य काबू चारों नोएडा यूनिवर्सिटी के हैं आईटी के छात्र एक ट्रांजेक्शन होने पर मिलता था 3000, एक अन्य आरोपी को 13 राज्यों की पुलिस तलाश कर रही
एंकर- ऑल इंडिया में इस तरह के कई गिरोह सक्रिय हैं जो ऑनलाइन ठगी करते हैं। लोगों को फोन आता है कि आपका लड़का पकड़ा गया है, उसे छुड़ाना है तो एक लाख रुपए अकाउंट में डाल दो। लोग बिना सोचे समझे अपने परिजनों के लिए ऐसी राशि दे देते हैं। देश में इस तरह की कई मामले सामने आ चुके हैं। ताजा मामला यमुनानगर का है जहां थर्मल के एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन आया कि उनका बेटा जो पटियाला विश्वविद्यालय में छात्र है एक रेप केस में पकड़ा गया है, उसे छुड़ाना है तो एक लाख रुपए तुरंत खाते में डाल दो। थर्मल अधिकारी ने तुरंत एक लाख की राशि उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी। इसके कुछ समय बाद ही फिर से फोन आया कि लड़के का मेडिकल होना है अगर बचाना है तो एक लाख और जमा कर दो ।उन्होंने वह राशि भी जमा कर दी। और इस तरह करते-करते साढ़े 5 लाख रुपया थर्मल अधिकारी ने उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। लेकिन उसके बाद पता चला कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है।
वीओ- यमुनानगर साइबर थाना पुलिस की हिरासत में आए ये चारों आरोपी नोएडा विश्वविद्यालय के आईटी के छात्र हैं । जिन्होंने साइबर फ्रॉड में शामिल होना स्वीकार किया है। आपको बता दें कि यमुनानगर थर्मल के एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन आया कि उनका बेटा जो पटियाला विश्वविद्यालय में छात्र है एक रेप केस में पकड़ा गया है, उसे छुड़ाना है तो एक लाख रुपए तुरंत खाते में डाल दो। थर्मल अधिकारी ने तुरंत एक लाख की राशि उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी। इसके कुछ समय बाद ही फिर से फोन आया कि लड़के का मेडिकल होना है अगर बचाना है तो एक लाख और जमा कर दो ।उन्होंने वह राशि भी जमा कर दी। और इस तरह करते-करते साढ़े 5 लाख रुपया थर्मल अधिकारी ने उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। लेकिन उसके बाद पता चला कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है। मामला साइबर थाने तक पहुंचा। साइबर थाना ने मामले की गंभीरता को देखा समझा और जाल बिछाया। मामले की गहराई से जांच की गई। साइबर थाना प्रभारी रविकांत ने बताया कि फिलहाल जिन चार छात्रों के खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ था वह नोएडा विश्वविद्यालय के आईटी के छात्र हैं चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में बैंक अधिकारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल हो सकते हैं।
बाइट- रविकांत, साइबर थाना प्रभारी
वीओ- उन्होंने जानकारी दी की यह पैसा आरोपियों ने मंगवाया और आगे छात्रों के खाते में ट्रांसफर किया गया ।यह 18 लेयर का एक संगठित गिरोह है। जिसमें देश ही नहीं विदेश के भी लोग शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह राशि एक चैन के तहत खाते में आती है। फिर उस पैसे को नेपाल में भेज दिया जाता है। नेपाल से वह राशि वाइट मनी होकर वापस आती है। जिन चार लड़कों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें उन्हें खाते में पैसा आने पर एक लाख के 3000 दिए जाते थे। आरोपियों ने बताया कि उनसे खाते की डिटेल ली गई और उन्हें बताया गया कि यह एक गेम ट्रांजैक्शन है। लेकिन जब पैसे वापस मांगे जाने लगे और धमकियां आने लगी तो उन्हें पता लगा कि वह किसी साइबर फ्रॉड में शामिल है।बाइट रविकांत साइबर थाना प्रभारी
बाइट- आरोपी
वीओ- थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले में एक ऐसा व्यक्ति भी शामिल है जिसे 13 राज्यों की पुलिस तलाश रही है ।पुलिस लगातार उसे गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस गिरोह में और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं जिसके लिए विभिन्न टीमें रवाना की गई हैं। जो चार आरोपी पकड़े गए हैं वह झारखंड ,बिहार उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। जबकि देश के विभिन्न हिस्सों के रहने वाले अन्य आरोपी भी शामिल है। जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
FIRST PUBLISHED :
October 29, 2024, 02:08 IST