‘राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया है.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार 25 नवंबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वो इस मामले पर की गई कार्रवाई की जानकारी दे. इस याचिका में राहुल गांधी के नागरिकता मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई थी. जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 16 दिसबंर को रखी गई है.
कौन हैं विग्नेश शिशिर?
कोर्ट ने यह निर्देश कर्नाटक के रहने वाले एस. विग्नेश शिशिर की याचिका पर दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रोफाइल में उन्होंने खुद को बीजेपी कार्यकर्ता और डॉ. अंबेडकर का फैन बताया है.
इस साल जुलाई में हाई कोर्ट ने शिशिर को इसी तरह की एक याचिका वापस लेने को कहा था. उन्होंने फिर से अपने एप्लिकेशन पर निर्णय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. शिशिर ने अदालत को बताया कि हाई कोर्ट के समक्ष अपनी पिछली याचिका वापस लेने के बाद, उन्होंने गृह मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी को दो दस्तावेज प्रस्तुत किए. अदालत ने स्पष्ट किया था कि उसका ध्यान अभी केवल इस बात पर है कि क्या केंद्र सरकार को दस्तावेज प्राप्त हुए हैं और वह क्या निर्णय या कार्रवाई करने का प्रस्ताव करती है.
सुब्रमण्यम स्वामी भी पहुंचे कोर्ट
इससे पहले 6 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया था कि नागरिकता मामले की सीबीआई जांच शुरू कर दी गई है. दिल्ली हाई कोर्ट के सामने यह मामला बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर था. उन्होंने गृह मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की थी कि वो राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग वाले उनके प्रतिवेदन पर फैसला करे. अपनी याचिका में उन्होंने मंत्रालय को लोकसभा में विपक्ष के नेता के खिलाफ दायर उनके प्रतिवेदन पर एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने की भी मांग की थी.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 19:38 IST