कौन हैं शालिनी गुप्ता जिन्होंने बिहार-झारखंड सीमा पर तेजस्वी का रथ रोक दिया?

2 hours ago

हाइलाइट्स

कोडरमा सीट पर आरजेडी की जीत की राह में रोड़ा बन गईं निर्दलीय शालिनी गुप्ता!कोडरमा विधानसभा सीट पर निर्दलीय शालिनी गुप्ता को करीब 70 हजार मत मिले.राजद के उम्मीदवार सुभाष यादव को बीजेपी की नीरा यादव ने 5 हजार मतों से हराया.

कोडरमा/रितेश लोहानी. झारखंड में सम्पन्न हुए 2024 के विधानसभा चुनाव में इंडि गठबंधन की झामुमो 34 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं इंडि अलायंस के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी झारखंड के राजनीति में अपनी वापसी की है. गठबंधन की सीट शेयरिंग के तहत आरजेडी झारखंड में 6 सीटों पर लड़ रही थी, जिनमें से 4 सीटों पर जीत भी हासिल करने में सफल भी हुई. वहीं 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में एकमात्र जीती हुई हुई सीट चतरा और राजद की गढ़ रही कोडरमा सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा. यहां कोडरमा सीट का विशेष तौर पर जिक्र करना जरूरी है क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव में ही यह सीट राजद के हाथ से फिसल गई थी और इस बार उसे जीत की उम्मीद थी. लेकिन, यहां निर्दलीय उम्मीदवार शालिनी गुप्ता ने राजद का खेल बिगाड़ दिया. कहा जा रहा है कि अगर वह न होतीं तो संभव था कि राजद के सुभाष यादव यहां से जीत जाते.

दरअसल, शालिनी गुप्ता ने 69, 537 वोट प्राप्त किया, जबकि नीरा यादव ने सुभाष प्रसाद को महज 5815 मतों से हराया है. बता दें कि सुभाष यादव बिहार में हुई ईडी के रेड के बाद मार्च महीने से लगातार बेउर जेल में बंद थे, बावजूद इसके कोडरमा में राजद के पक्ष में चुनावी माहौल तैयार था. लेकिन, शालिनी गुप्ता ने एनडीए के वोटरों को साधने के साथ साथ राजद के वोटरों पर भी अपनी पकड़ बना ली थी, जिस वजह से कोडरमा विधानसभा सीट पर राजद के हारने का एक कारण यह भी रहा. जाहिर है शालिनी गुप्ता के मत अगर बंटे नहीं होते तो सुभाष यादव की जीत की राह बन सकती थी. ऐसे में लिए जानते हैं कि कोडरमा सीट पर शालिनी गुप्ता कौन हैं जिन्होंने 70, 000 के करीब वोट लेकर और राजद का खेल बिगाड़ दिया.

कौन हैं शालिनी गुप्ता?
शालिनी गुप्ता ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2010 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खरखार पंचायत समिति सदस्य के रूप में जीत कर कोडरमा के डोमचांच प्रखंड के प्रमुख के रूप में की थी. साल 2015 में डोमचांच भाग 2 से जिला परिषद की सदस्य बनने के बाद कोडरमा जिला परिषद अध्यक्ष बनी थीं. बढ़ते राजनीतिक कद के साथ-साथ क्षेत्र में भी शालिनी गुप्ता की लोकप्रियता बढ़ती चली गई और उन्होंने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा का दामन थमते हुए 2019 के विधानसभा चुनाव में कोडरमा सीट पर टिकट का दावेदारी दी थी, लेकिन भाजपा ने दूसरी बार फिर से डॉ नीरा यादव पर ही विश्वास जताते हुए टिकट दिया था. इसके बाद शालिनी गुप्ता ने आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ा था और तीसरे स्थान पर रही थीं.

शालिनी फैक्टर से आरजेडी का बंटाधार
वहीं, इसबार के विधानसभा चुनाव में आजसू के एनडीए गठबंधन में शामिल होने के वजह से शालिनी गुप्ता ने निर्दलीय ही कोडरमा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने का मन बनाया और कोडरमा विधानसभा में परिवर्तन का नारा दिया. चुनावी घोषणा के बाद शुरुआती दौर से ही कोडरमा विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला बनता दिख रहा था और कहीं ना कहीं यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि शालिनी गुप्ता भाजपा प्रत्याशी डॉ नीरा यादव और राजद के प्रत्याशी सुभाष प्रसाद यादव के खेल को बिगाड़ सकती हैं. नतीजे पर ध्यान दें तो शालिनी गुप्ता ने भाजपा के वोटरों को तो अपने तरफ किया ही, लेकिन राजद खेमे के ओटो पर सेंध लगाने में भी सफल हुईं.

इस प्रोफेशन से जुड़ी हैं शालिनी
बता दें कि शालिनी गुप्ता शालिनी गुप्ता विधानसभा चुनाव 2024 में कोडरमा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ीं. व्यावसायिक रूप से शालिनी गुप्ता सामाजिक कार्यकर्ता हैं और कंप्यूटर ट्रेनिंग और आईटी ट्यूशन कार्य से जुड़ी हुई हैं. इसके अतिरिक्त 2012 में उन्हें झारखंड पंचायत महिला सम्मान से भी सम्मानित किया गया. 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से भी नवाजा था. कोडरमा जिला परिषद की अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने ग्रामीण विकास के कई महत्वपूर्ण कार्य किये. हालांकि, वह राजनीति में भी हाथ आजमाती रही हैं. जिल परिषद स्तरीय राजनीति में सक्रिय रही हैं. साफ सुथरी छवि की 40 साल की शालिनी गुप्ता पोस्ट ग्रेजुएट हैं. इस बार राजद के कद्दावर कैंडिडेट के हार का कारण बनकर चर्चा में हैं.

राजद ने झारखंड में दिखाई धमक
बता दें कि बिहार के उपचुनाव में लालू यादव और तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने जहां अपने प्रदर्शन से समर्थकों को निराश किया, वहीं झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल ने सभी को चौंका दिया. इंडिया अलायंस में जेएमएम, कांग्रेस, सीपीआईएमएल के साथ गठबंधन में राजद ने 6 सीटों पर चुनाव लड़कर चार सीटों पर जीत हासिल कर ली. विश्रामपुर में जहां राजद के नरेश प्रसाद सिंह ने भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी को हराया वहीं गोड्डा में आरजेडी के संजय प्रसाद ने भाजपा विधायक नारायण दास को हरा दिया.

राजद के लिए ज्दाया खुशी-गम कम
वहीं, देवघर सुरक्षित सीट पर राजद के सुरेश सुरेश पासवान ने भाजपा के विधायक नारायण दास को हराया तो वहीं हुसैनाबाद में आजेडी के संजय कुमार सिंह यादव ने भाजपा के कमलेश कुमार को हरा दिया. हालांकि, राजद को दो सीटों पर हार का सामना करना पड़ा जिसमें चतरा में राजद की रश्मि प्रकाश को लोजपा के जनार्दन पासवान ने मात दी, वहीं कोडरमा में नीरा यादव ने राजद के सुभाष प्रसाद यादव को हरा दिया.

Tags: Bihar News, Jharkhand Politics, RJD leader Tejaswi Yadav

FIRST PUBLISHED :

November 24, 2024, 15:44 IST

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