महाराष्ट्र और हरियाणा के हालिया चुनाव नतीजे कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहे हैं. कांग्रेस ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठाया, लेकिन यहां बीजेपी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसे नारों के आगे यह टिक नहीं सका. हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अब भी जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अडिग हैं.
राहुल ने मंगलवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हो रहे संविधान रक्षक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जहां भी हमारी सरकार आएगी, वहां जाति जनगणना कराएंगे. उन्होंने कहा, ‘हम ये तेलंगाना में कर रहे हैं. तेलंगाना में कास्ट सेन्सस को जनता का एक्सरसाइज बना दिया गया है. लाखों दलित, आदिवासी, पिछड़े, गरीब जनरल कास्ट इस सेन्सस में डिजाइन किए गए है. जैसे ही हमारी सरकार केंद्र में आएगी, हम (पूरे देश में) जाति जनगणना कराएंगे.’
बत्ती गुल, माइक हुआ बंद
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जब यह बात बोल रहे थे, तभी लाइट चली गई. इस करीब 5 मिनट तक उनका माइक और डिजिटल एलईडी स्क्रीन बंद रहा, लेकिन राहुल मंच पर खड़े रहे. करीब 5 मिनट बाद जब माइक ऑन हुआ तो राहुल गांधी ने कहा, ‘देश में जो भी आदिवासियों, दलितों और गरीबों की बात करता है, उसका माइक ऑफ हो जाता है. लेकिन.. जितना चाहे माइक ऑफ कर लो, मुझे बोलने से कोई नहीं रोक सकता. यहां लोग बोल रहे थे बैठ जाओ लेकिन मैं नहीं बैठा. यहां रोहित वेमुला की तस्वीर लगी है, वो भी बोलना चाहते थे, लेकिन उनको मार दिया गया.’
इसके बाद उन्होंने आरक्षण का 50% बैरियर तोड़ने का दावा करते हुए कहा, ‘अगर हिंदुस्तान की जनगणना को देखें तो 15% दलित, 15% अल्पसंख्यक हैं, लेकिन पिछड़े वर्ग के कितने हैं, ये नहीं पता. पिछड़ा वर्ग 50% से कम नहीं है. लेकिन इनकी भागीदारी 5 से 10 प्रतिशत है. हिंदुस्तान की 90% आबादी इन्हीं वर्गों से है. जातिगत जनगणना को हम इसी लोकसभा में पास करके दिखाएंगे. 50 फीसदी बैरियर को खत्म करेंगे. बीजेपी और RSS कुछ भी कर ले.’
यूपीए सरकार के एक काम पर मलाल
कांग्रेस सांसद ने इसके साथ ही आरोप लगाया, ‘आरएसएस और मोदी को जब मौका मिलता है, इस दीवार को और मजबूत करते हैं. जिस मजबूती से दीवार कमजोर करना था, यूपीए सरकार ने नहीं किया. 25 अरबपति की जेब में देश का पैसा जाता है. इन 25 में एक दलित आदिवासी का नाम बता दो.’
उन्होंने कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती यूपीए सरकार का जिक्र करते हुए कहा, ‘यूपीए में मनरेगा, भोजन का अधिकार दिया. हमने (अमीर-गरीब की) दीवार को कमजोर करने की कोशिश की. यूपीए सरकार को जितना करना चाहिए था, उतना नहीं किया. हमने मजबूती से काम नहीं किया, लेकिन हमने दीवार तोड़ने की कोशिश की.’
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान नहीं पढ़ा है. अगर उन्होंने पढ़ा होता तो जो वह रोज करते हैं और कहते हैं वह नहीं कर रहे होते. नरेंद्र मोदी और बीजेपी की सरकार ने आज संसद में संविधान दिवस पर फंक्शन कराया. गांधी, फूले, शिवजी की सोच संविधान की किताब में मिलेगी, क्या सावरकर की सोच इसमें दिखती है? ये सत्य और अहिंसा की किताब है. संविधान में कहीं नहीं लिखा कि झूठ बोलकर सरकार चलाया जाए. किसी को मारने, काटने की बात भी नहीं लिखी.
Tags: Caste Census, Constitution Day, Rahul gandhi
FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 15:52 IST