नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जबसे डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई है, चीन के हाथ-पांव फूल गए हैं. उसे लगातार एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. ट्रंप ने पहले तो चीन के उत्पादों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही और अब मैक्सिको से भी चीन के लिए बुरी खबर आ रही है. मैक्सिको को ट्रंप की जीत के बाद चीन की ई-वाहन निर्माता कंपनी BYD के नए प्लांट को लेकर संदेह पैदा हो गया है. मैक्सिको के अधिकारियों को डर है कि अगर BYD को अमेरिका की सीमा के दक्षिण में ऑटोमोबाइल फैक्ट्री बनाने की मंजूरी मिलती है, तो ट्रम्प नाराज हो सकते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह एलन मस्क भी हैं, क्योंकि उनकी ई-वाहन कंपनी टेस्ला चीनी कंपनी की सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी है.
चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता BYD मैक्सिको में एक फैक्ट्री बनाने के लिए योजनाओं को अंतिम रूप दे रहा है, जो डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों और मैक्सिको सरकार की राष्ट्रपति-चुनाव के साथ संघर्ष की भूख का परीक्षण करेगा. BYD के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी मैक्सिको राज्य के अधिकारियों के साथ एक समझौते पर पहुंचने की तैयारी में है, ताकि मध्य या उत्तरी मैक्सिको के एक ऑटोमोटिव हब के पास फैक्ट्री की नींव रखी जा सके.
दुविधा में पड़ा मैक्सिको
चीन की यह योजना मैक्सिको को एक दुविधा में डालती हैं, जिसे ट्रम्प की सोमवार को दी गई धमकी ने और भी बदतर बना दिया है. ट्रंप ने साफ कहा है कि वह मैक्सिको के सामानों पर 25% टैरिफ लगाएंगे. देश में पहले से ही एक प्रमुख कार-निर्माण केंद्र है और आमतौर पर विदेशी निवेश का स्वागत करता है क्योंकि इससे रोजगार मिलता है. BYD, जो दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं में से एक है, उसका प्लांट लगना सामान्यतः एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती. लेकिन, मैक्सिको के अधिकारियों को डर है कि BYD का प्लांट ट्रम्प और उनके व्यापारिक सलाहकारों को गलत संदेश भेजेगा.
चीन तलाश रहा पिछला दरवाजा
मैक्सिको के अधिकारियों को लगता है कि अगर चीनी कंपनी उनके यहां आई तो अमेरिकी प्रशासन को यही लगेगा कि मैक्सिको चीनी कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रवेश का पिछला दरवाजा बनना चाहता है. यह हालात इसलिए और भी गंभीर नजर आ रहे हैं, क्योंकि अवैध घुसपैठ और ड्रग्स को लेकर पहले से ही मैक्सिको अमेरिका के निशाने पर है.
चीनी निवेश को लेकर सतर्क
मैक्सिको के ऑटोमोटिव उद्योग संघ का नेतृत्व कर चुके एडुआर्डो सोलिस ने कहा, वह चीनी निर्मित सामानों के लिए एक मार्ग बनने का लक्ष्य नहीं रखता है और उसकी निगाह अगले साल यूएस-मैक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) पर टिकी है. इस समय, चीन से निवेशों का अत्यधिक सावधानी से विश्लेषण करना होगा. मैक्सिको उत्तरी अमेरिका का विश्वसनीय साथी है और ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहेगा, जिससे पड़ोसी देश के साथ रिश्तों में खटास पैदा हो.
200 फीसदी टैरिफ की धमकी
मैक्सिको का यह डर ऐसे ही नहीं है, बल्कि ट्रंप इसे लेकर पहले ही चेतावनी दे चुके हैं. ट्रंप ने पहले धमकी दी थी कि अगर चीनी कंपनियों की कारें मैक्सिको में निर्मित होती हैं, तो उन पर 200% टैरिफ लगाया जाएगा. BYD लंबे समय से अपने वाहनों को अमेरिका में लाने का सपना देख रहा है, जैसा पहले टोयोटा और हुंडई कर चुकी हैं.
चीन की ईवी पर लगा है 100 फीसदी टैरिफ
फिलहाल अमेरिका में चीन से निर्यात करना लगभग असंभव हो गया है, क्योंकि बाइडेन प्रशासन ने इस साल चीनी निर्मित ईवी पर लगभग 100% टैरिफ लगा दिया था. जापानी और दक्षिण कोरियाई ऑटोमेकर्स की तरह अमेरिका में एक यात्री-कार फैक्ट्री बनाने की कोशिश करना निश्चित रूप से कड़ी प्रतिरोध का सामना करेगा. BYD ने पिछले एक दशक से लैंकेस्टर, कैलिफोर्निया में एक इलेक्ट्रिक बस फैक्ट्री स्थापित की है और यह उत्तरी अमेरिका का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक बस निर्माता है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 1,500 वाहनों की है. एक मैक्सिकन अधिकारी ने कहा कि संघीय सरकार BYD के समय से खुश नहीं है और ट्रंप को उकसाना नहीं चाहती. अमेरिका और कनाडा की तुलना में मेक्सिको में बहुत कम चीनी निवेश जाता है. लिहाजा ऐसा कोई भी फैसला तीनों देशों की सहमति पर ही किया जाना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 15:09 IST