Bangladesh Coup: शेख हसीना के बांग्लादेश से भारत आने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि अब आगे उनका भविष्य क्या होगा? पहले ये कहा जा रहा था कि वो भारत के रास्ते लंदन जाएंगी और वहां पर शरण लेने का प्रयास करेंगी. लेकिन ब्रिटेन की हालत भी इस वक्त अस्थिर है और वहां भी कई शहरों में घरेलू मुद्दों को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं इसलिए सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि ब्रिटेन के मौजूदा हालात को देखते हुए उनको तात्कालिक रूप से वहां शरण मिलने की उम्मीद कम है.
अब दूसरा सवाल उठता है कि भारत उनको शरण दे सकता है? ऐसा इसलिए क्योंकि शेख हसीना के परिवार और उनकी पार्टी अवामी लीग से भारत का नाता रहा है. 1971 में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के नायक शेख मुजीबर रहमान का भारत से करीबी नाता रहा. सन 75 में जब वहां सेना ने उनकी हत्या कर दी तो शेख हसीना और उनकी बहन रेहाना जर्मनी में थीं. उस वक्त उनकी मदद करते हुए उनको वहां से भारत लाया गया और अगले कई साल उन्होंने यहां बिताए. अब दोनों बहनें एक साथ फिर अपने देश को छोड़कर भारत में हैं. इस पृष्ठभूमि को देखते हुए कई आवाजें ये उठ रही हैं कि उनको यहां शरण दी जानी चाहिए. गौरतलब है कि भारत ने आज तक केवल राजनीतिक निर्वासन में दलाई लामा को ही शरण दी है.
शेख हसीना की मदद करेगा भारत
अतीत और मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार को इस बारे में अब किसी ठोस नतीजे पर पहुंचना होगा. सरकार ने आज सुबह 10 बजे इस बारे में एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई. उसके बाद से ही ये खबर निकलकर आ रही है कि भारत, शेख हसीना की मदद करेगा और वह बांग्लादेशी सेना के संपर्क में है.
न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक में नेताओं को सूचित किया कि भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मदद का भरोसा दिलाते हुए उन्हें भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समय दिया है. संसद भवन में राजनीतिक दलों के नेताओं को बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत पड़ोसी देश में मौजूद 10 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी सेना के संपर्क में है.
बैठक के बाद विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “आज संसद में एक सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान जताए गए सर्वसम्मत समर्थन और तालमेल के लिए सभी दलों की सराहना करता हूं.”
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने एजेंसी को बताया कि सर्वदलीय बैठक में सरकार ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, “जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हित का सवाल है, कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से सरकार के साथ है.” हालांकि, कार्ति बैठक में मौजूद नहीं थे.
सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) नेता टी आर बालू, राष्ट्रीवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता सुप्रिया सुले सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.
गौरतलब है कि बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है. हसीना सोमवार रात बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंची थीं. बताया जा रहा है कि उनकी लंदन जाने की योजना है.