नई दिल्ली. केरल के वायनाड में लैंड्सलाइड पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कुछ ऐसा लिख दिया, जिसे लेकर ट्रोलर्स उनके पीछे पड़ गए. कहने लगे कि क्या आप हादसे का जश्न मना रहे हैं. थरूर बीजेपी के भी निशाने पर आ गए. अब थरूर ने खुद इस शब्द का मतबल बताया है. बताया कि उन्होंने आखिर इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया. फिर भी यूजर नहीं माने. उन्हें घेर लिया. पूछा, मैंने तो कभी नहीं सुना कि ‘किसी की मौत मेमोरेबल हो…’
दरअसल, थरूर लैंड्सलाइड से प्रभावित लोगोंं के लिए राहत सामग्री लेकर पहुंचे. उन्हें बांंटा और उनका दर्द साझा किया. बाद में उन्होंने इसी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की. लिखा, ‘वायनाड में एक ‘मेमोरेबल डे’ की कुछ यादें.’ उनके पोस्ट करते ही लोग बरस पड़े. लोगों ने पूछा, आपने ‘यादगार’ शब्द का इस्तेमाल क्यों किया. क्या आपदा आपके लिए जश्न की तरह है? दूसरे ने कमेंट किया, ‘शशि थरूर के लिए आपदाएं और मौतें यादगार हैं.’
Never have heard someone say “ I attended my father’s memorable funeral”
“9/11 was a memorable feat of Al Qaeda.”
Knowing English and when not to use that knowledge are two different things.
— Dr Rajesh Patil (@DrRajeshPatil20) August 4, 2024
राजनीतिक पिकनिक का मौका
बीजेपी ऐसे मौके पर कहां पीछे रहने वाली. बीजेपी आईटी से चीफ अमित मालवीय ने लिखा, शशि थरूर के लिए मौतें और आपदाएं ‘यादगार’ हैं. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने लिखा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर के लिए यह एक ‘यादगार दिन’ है. राहुल गांधी के लिए यह फोटो सेशन और राजनीतिक पिकनिक का मौका है. एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, यादगार? सैकड़ों लोग मारे गए, शशि थरूर, राहुल की तरह मत बनिए, जिनके लिए सब कुछ एक मौज-मस्ती है. केरल और तमिलनाडु के कई बीजेपी नेताओं ने उनसे सवाल पूछे. अब खुद थरूर ने इसका जवाब दिया. बताया कि उन्होंने आखिर इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया.
Do you really wants to consider a painful moment as memorable moment???
— Vikas (@vikasg26) August 3, 2024
थरूर का ट्रोल्स पर पलटवार
ट्रोल करने वालों पर पलटवार करते हुए थरूर ने लिखा, सभी ट्रोल्स के लिए: ‘मेमोरेबल’ शब्द की परिभाषा: जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता, जो हमेशा जेहन में रहेगा या जिसके याद रहने की संभावना है, क्योंकि वह विशेष या अविस्मरणीय है. मेरा बस इतना ही मतलब था.’ हालांकि, ट्रोलर्स उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए और फिर ट्रोल करने लगे. एक यूजर ने लिखा, ‘मैंने कभी किसी को यह कहते हुए नहीं सुना कि मैं अपने पिता के मेमोरेबल फ्यूनरल में शामिल हुआ था. 9/11 अल कायदा की एक मेमोरेबल उपलब्धि थी. अंग्रेजी जानना और उस ज्ञान का उपयोग कब नहीं करना, दो अलग-अलग बातें हैं.’ दूसरे ने पूछा, क्या आप वाकई किसी दर्दनाक पल को मेमोरेबल मोमेंट मानना चाहते हैं?
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FIRST PUBLISHED :
August 4, 2024, 18:05 IST