Last Updated:October 26, 2025, 14:38 IST
इंडियन एयरफोर्स इन दिनों लड़ाकू विमान की सीमित संख्या से जूझ रही है. MiG-21 के रिटायरमेंट के बाद IAF की स्क्वाड्रन घटकर 29 रही गई है. उधर देसी फाइटर जेट तेजस की भी सुप्लाई में देरी हो रही है. ऐसे में सरकार अब सुपर सुखोई प्रोग्राम पर तेजी से कदम आगे बढ़ा रही है.
वायुसेना की रीढ़ माने जाने वाले सुखोई (Su-30MKI) लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया जाएगा. (File Photo)भारतीय वायुसेना (IAF) इन दिनों लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है. पिछले महीने MiG-21 लड़ाकू विमानों की रिटायरमेंट के बाद स्क्वाड्रन की संख्या घटकर 29 रह गई है. उधर देसी फाइटर जेट तेजस की सप्लाई में भी देरी हो रही है. ऐसे में सरकार अब वायुसेना की रीढ़ माने जाने वाले सुखोई (Su-30MKI) लड़ाकू विमानों के अपग्रेडेशन प्रोग्राम को तेज़ी से आगे बढ़ाने की तैयारी में है. खबर है कि यह प्रस्ताव फिलहाल रक्षा मंत्रालय के पास विचाराधीन है और इसे जल्द ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
‘सुपर सुखोई’ कार्यक्रम क्या है?
इस अपग्रेडेशन को ‘सुपर सुखोई प्रोग्राम’ कहा जा रहा है, जो विमान के मिड-लाइफ अपग्रेड के रूप में देखा जा रहा है. इस प्रोजेक्ट से इन मल्टीरोल फाइटर जेट्स की सर्विस लाइफ में 20 साल तक का इजाफा हो सकेगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के पास है. CCS से डिज़ाइन और डेवलपमेंट चरण की मंजूरी जल्द लेने की कोशिश जारी है. करीब 80 विमानों को अपग्रेड करने की योजना है.’
क्या-क्या होंगे अपग्रेड?
अधिकारियों के अनुसार, अपग्रेडेड सुखोई में नया कॉकपिट, अत्याधुनिक एवियोनिक्स, रडार, इंफ्रारेड सेंसर और एक नया इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट लगाया जाएगा, जिसमें जैमर पॉड्स भी शामिल होंगे. यह कार्यक्रम लगभग अंतिम चरण में है और CCS की मंजूरी मिलते ही हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पांच साल में विमान का ‘इनिशियल ऑपरेशनल क्लियरेंस’ (IOC) संस्करण और सात साल में ‘फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस’ (FOC) संस्करण वायुसेना को सौंपने की योजना पर काम शुरू कर देगा.
घटती स्क्वाड्रन ताकत के बीच अहम फैसला
MiG-21 विमानों की रिटायरमेंट के बाद वायुसेना के पास केवल 29 स्क्वाड्रन बचे हैं. ऐसे में सुखोई बेड़े का आधुनिकीकरण वायुसेना की ऑपरेशनल क्षमता को मजबूत करने के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है. वायुसेना को अब तक 83 तेजस Mk-1A लड़ाकू विमानों की पहली खेप HAL से नहीं मिली है.
नवंबर 2023 में डिफेंस एक्विज़िशन काउंसिल ने एचएएल की ओर से स्वदेशी रूप से सुखोई विमानों के अपग्रेडेशन को ‘एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी (AoN)’ दी थी.
दिसंबर 2024 में DAC ने इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जिसमें सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर पॉड्स, नेक्स्ट जेनरेशन रडार वॉर्निंग रिसीवर, और अन्य संबंधित उपकरण शामिल हैं.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये सिस्टम सुखोई विमानों को दुश्मन के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों से बचाने में मदद करेंगे. पिछले साल DAC ने सुखोई इंजनों के ओवरहॉल को भी हरी झंडी दी थी, जिससे उनकी सर्विस लाइफ बढ़ेगी.
IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में कहा कि सुखोई अपग्रेडेशन की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने बताया कि सिस्टम डेवलपमेंट और इंटीग्रेशन के कॉन्ट्रैक्ट पर काम चल रहा है, जिसमें कुछ चरणों में रूसी सहयोग भी शामिल रहेगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रोग्राम में आमतौर पर 70-75% विमान अपग्रेड किए जाते हैं. यह प्रोजेक्ट न केवल भारतीय वायुसेना की हवाई शक्ति को बढ़ाएगा, बल्कि स्वदेशी रक्षा निर्माण की दिशा में एक और बड़ा कदम साबित हो सकता है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 26, 2025, 14:38 IST

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