जनवरी 2027 में संयुक्त राष्ट्र को नया महासचिव और एंटोनियो गुटेरेस का नया उत्तराधिकारी मिल जाएगा. 25 नवंबर 2025 को इस पद के लिए उम्मीदवारों को नामित करने के लिए आमंत्रित किया. इस बार महासचिव का चुनाव पिछले सभी चुनावों से अलग है. 1945 में बनी इस संस्था में पहली बार महिलाओं को इस पद पर नामांकित करने का विकल्प दिया गया है. ऐसे में सवाल यह सवाल करना वाजिब हो जाता है कि क्या दुनिया में शांति, समानता और मानवाधिकारों का सबसे बड़ा मंच खुद कभी इन मूल्यों पर खरा नहीं उतर सका.
संयुक्त राष्ट्र, जो सारी दुनिया को सुधारों का पाठ पढ़ाता रहा, अपने ही सबसे ऊंचे पद पर 80 साल तक लैंगिक बराबरी लागू नहीं कर पाया. 1945 में बनी इस संस्था ने अब तक नौ महासचिव देखे और ये सभी पुरुष थे. इसे सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि उस वैश्विक व्यवस्था की नाकामी कहा जना चाहिए जो बराबरी की बात तो करती है लेकिन खुद के अंदर ही समानता की कमी नजर आ रही है.
इस बार 80 साल की परंपराओं से हटाकर उन्होंने अपने पत्र में साफ तौर पर सभी 193 सदस्य देशों को एक महिला को नामित करने के लिए प्रोत्साहित किया. शायद जो सवाल हम उठा रहे हैं इसका एहसास खुद उस संगठन को हो चुका है, तभी तो माफी मांगते हुए लिखा,'आज तक किसी भी महिला ने महासचिव का पद नहीं संभाला है और बड़े फैसले लेने वाले पदों तक पहुंच हासिल करने में महिलाओं और पुरुषों के लिए बराबर मौके देने के लिए सदस्य देशों को महिलाओं को उम्मीदवार के तौर पर नामित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. '
संयुक्त राष्ट्र के 80 साल के इतिहास में इससे पहले इसका नेतृत्व करने वाले सभी नौ व्यक्ति पुरुष रहे हैं. चलिए जानते हैं कि दुनिया के इस सबसे बड़े संगठन का नेतृत्व अब तक किन 9 लोगों के हाथों में रहा है.
| 1 | ट्रिगवे ली | नॉर्वे | 1946–1952 |
| 2 | डग हेमलेट | स्वीडन | 1953–1961 |
| 3 | उ थान | म्यांमार | 1961–1971 |
| 4 | कर्ट वाल्डहाइम | ऑस्ट्रिया | 1972–1981 |
| 5 | हवियर पेरेज़ डी क्यूएलार | पेरू | 1982–1991 |
| 6 | बुट्रोस बुट्रोस-घाली | मिस्र | 1992–1996 |
| 7 | कोफी अन्नान | घाना | 1997–2006 |
| 8 | बान की-मून | दक्षिण कोरिया | 2007–2016 |
| 9 | एंटोनियो गुटेरेस | पुर्तगाल | 2017–अब तक |
कई देशों ने उठाई आवाज
भले इस बार संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं को नामांकित करने का दरवाजा खोल दिया लेकिन ये यूंही नहीं हुआ, इसके लिए आवाजें उठी हैं. हाल ही में कम से कम 94 देशों ने संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष पदों पर लैंगिक असंतुलन के बारे में किसी न किसी रूप में चिंता जाहिर की है. जिसमें अप्रत्यक्ष समर्थन से लेकर महिला नेता के लिए वकालत तक शामिल है. साथ ही एस्टोनिया के राष्ट्रपति अलार कारिस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव के तौर पर एक महिला का चुनाव होना अब बहुत जरूरी है. इसके अलावा स्लोवेनिया की राष्ट्रपति नताशा पिरक मुसार ने भी यही बात दोहराते हुए कहा,'इस सत्र के आखिर तक एक महिला महासचिव का चयन हो जाना चाहिए.'
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव चुनने की प्रक्रिया क्या है
प्रस्तावना / Nominations
सभी सदस्य देशों से उम्मीदवार सुझाए जाते हैं. स्थायी सदस्य जिन्हें P5 भी कहा जाता है, की सहमति जरूरी होती है.
सुरक्षा परिषद / Security Council
सिफारिश करने के लिए उम्मीदवार का नाम Security Council में रखा जाता है. 15 सदस्यों में कम से कम 9 वोट चाहिए और किसी P5 के वीटो के बिना अप्रूवल. (सिक्योरिटी काउंसिल में 15 सदस्य होते हैं. 5 स्थाई यानी P5 और 10 अस्थाई. अस्थाई सदस्य हर 2 साल में बदलते हैं.)
महासभा / General Assembly
सिक्योरिटी काउंसिल की सिफारिश के बाद 193 सदस्य देशों की महासभा अप्रूव करती है. बहुसंख्यक वोट से मंजूरी मिलती है.
कार्यकाल / Term
महासचिव का कार्यकाल 5 साल का होता है.
राजनीतिक संतुलन / Political Balance
चयन प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय और राजनीतिक संतुलन पर निर्भर है.
किन पदों तक पहुंच चुकी हैं महिलाएं
हालांकि कुछ मुख्य पदों पर महिलाओं की भागीदारी रही है. महसभा के अध्यक्ष, अंडर सेक्रेटरी जनरल (USG, महासचिव के ठीक नीचे), असस्टेंट सेक्रेटरी जनरल (ASG) जैसे पदों तक महिलाएं पहुंची हैं लेकिन महासचिव UN का शीर्ष नेतृत्व है जो पूरे संगठन के प्रशासन, नीति निर्धारण और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिनिधित्व करता है. जबकि UNGA के अध्यक्ष का पद सिर्फ 1 साल के लिए होता है. जिसका काम महासभा की बैठकों का संचालन, एजेंडा तय करना और सदस्य देशों के बीच बातचीत को आसान बनाना होता है. इसके अलावा USG-ASG का कार्यकाल फिक्स नहीं होता है.

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