Last Updated:November 05, 2025, 10:55 IST
Bihar Chunav 2025: समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुर में जीएमआरडी कॉलेज के मैदान पर धूल उड़ रही थी. लोग बेसब्री से तेजस्वी यादव की चुनावी जनसभा का इंतज़ार कर रहे थे. मंच पर सजावट चमक रही थी, लेकिन असली चमक तो एक छोटे से बच्चे की दिख रही थी. तेजस्वी के आने से ठीक पहले मंच पर खड़े होकर उसने जो कहा, वह कोई गीत या गाना नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति का आईना था.
तेजस्वी की जनसभा से ठीक पहले मंच पर खड़े एक बच्चे जो गीत गाया, बल्कि बिहार की राजनीति का आईना था.समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुर में जीएमआरडी कॉलेज के मैदान पर धूल उड़ रही थी. लोग बेसब्री से तेजस्वी यादव की चुनावी जनसभा का इंतज़ार कर रहे थे. मंच पर सजावट चमक रही थी, लेकिन असली चमक तो एक छोटे से बच्चे की दिख रही थी. तेजस्वी के आने से ठीक पहले मंच पर खड़े होकर उसने जो कहा, वह कोई गीत या गाना नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति का आईना था.
‘बउआ हम्मर चलावल गोली, तेजस्वी भैया के बोलल बोली कहियो ना खाली जाय छैय हो.
गे छउड़ी गे लाठिया ले के घुमछी त कहय छही गवार गे.
बन दही CM तेजस्वी भैया के त कट्टा लेके घुमबऊ ने त कहिहन रंगदार गे.’
आसान भाषा में इसका मतलब समझें तो बच्चा कह रहा था, ‘बाबू, हमारी चलाई हुई गोली और तेजस्वी भैया की कही गई बोली कभी खाली नहीं जाती. ऐ लड़की, लाठी लेकर हम घूमते हैं तो हमें गंवार कहती हो. जीतने दो तेजस्वी भैया को, फिर हम कट्टा लेकर घूमेंगे तो कहोगी हम रंगदार हैं.’
ये शब्द एक बच्चे के मुंह से निकले, लेकिन इनमें छिपा है बिहार का वो जंगलराज, जो 90 के दशक में लालू-राबड़ी काल के नाम से कुख्यात हो चुका था. ये सिर्फ एक मासूम की नुक्कड़ नाटकी नहीं, बल्कि महागठबंधन की छवि का खुला चित्रण है. इस गीत ने पीएम नरेंद्र मोदी के उस हालिया बयान की यादें ताजा कर दीं, जो जंगलराज के डर को चेतावनी की तरह दोहराता है.
पीएम मोदी का कट्टा कल्चर पर प्रहार
बिहार चुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान पीएम मोदी ने पहले मुजफ्फपुर और फिर आरा में इसी कट्टा कल्चर को लेकर आरजेडी और कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया था. उन्होंने कहा था कि राजद ने अपनी बात मनवाने के लिए कनपटी पर कट्टा रख दिया था. पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के लोग एक बार फिर ऐसे ‘अंधेरे और डर के दौर’ में नहीं लौटना चाहते जहां भय, कट्टा और करप्शन ही पहचान बन गए थे. उन्होंने दावा किया कि आज बिहार में एनडीए का सुशासन बनाम जंगलराज का कुशासन का मुकाबला है.
पीएम मोदी ये शब्द सिर्फ़ राजनीतिक तीर नहीं थे, बल्कि बिहार की जनता को सचेत वाली घंटी थी. और मोहनपुर का ये बच्चा, अनजाने में उसी डर को आवाज़ दे रहा है.
क्या महागठबंधन ने सीख नहीं ली?
तेजस्वी यादव की सभाओं में भीड़ तो खींची जा रही है. वह बड़े-बड़े वादे भी कर रहे हैं. लेकिन उनके मंच पर मौजूद एक बच्चा ही कट्टे की धमकी दे रहा हो तो उसका असर कोई अच्छा तो पड़ने वाला नहीं है.
बिहार की जनता अब समझदार हो चुकी है. बिहार के युवा अब विकास, नौकरी, रोजगार की मांग कर रहे हैं, लेकिन तेजस्वी के मंच से एक बच्चे का इस तरह गीत गाने से यह तो साफ है कि महागठबंधन ने कोई सबक नहीं सीखा है. अब इस कट्टा वार का लोग पर कितना असर होता है यह तो 14 नवंबर को बिहार चुनाव के रिजल्ट से ही साफ हो पाएगा.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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First Published :
November 05, 2025, 10:55 IST

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