Last Updated:November 18, 2025, 22:23 IST
West Bengal SIR Latest Update: पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया के बीच मतुआ बहुल ठाकुरनगर में बेचैनी बढ़ गई है. कई लोग दस्तावेज और वोटर लिस्ट को लेकर चिंतित हैं. CAA सहायता शिविरों में उलझन और भ्रम है, जबकि TMC और BJP अलग-अलग आश्वासन दे रहे हैं. चुनाव आयोग ने अभी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं, जिससे मतुआ समुदाय में भविष्य को लेकर डर बना हुआ है.
चुनाव आयोग बंगाल में SIR की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है. कमलिका
नई दिल्ली/ठाकुरनगर. पश्चिम बंगाल के मतुआ बहुल इलाकों में SIR प्रक्रिया के बीच लोगों में बेचैनी बढ़ रही है. ठाकुरनगर और बोंगांव के कई मतुआ परिवार चिंतित हैं कि अगर उनका नाम वोटर लिस्ट से कट गया तो उनका वोट किसका होगा. कई लोगों के पास पुराने दस्तावेज नहीं हैं और CAA आवेदन भी SIR में मान्य नहीं माना जा रहा. स्थानीय निवासी और युवा इस प्रक्रिया को समझने में उलझन में हैं. TMC और BJP अलग-अलग आश्वासन दे रहे हैं जबकि चुनाव आयोग ने कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए हैं. इससे मतुआ समुदाय में भविष्य को लेकर डर और संशय गहरा गया है.
हिन्दू शरणार्थी है मतुआ समुदाय
हालात का जायजा लेने के लिए News18 की टीम ठाकुरनगर पहुंची और लोगों से बात की. मतुआ समुदाय मूल रूप से हिंदू शरणार्थी हैं, जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण दशकों पहले पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश से भारत आया है. मतुआ समुदाय सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र है. कई परिवारों के पास पुरानी नागरिकता संबंधी कागजात नहीं हैं लेकिन वर्षों से वे आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी के आधार पर भारत में जीवन बिता रहे हैं. SIR प्रक्रिया पहली बार 2002 के पैमाने हो रही है. दस्तावेजों का मिलान हो रहा है, जिसमें मतदाताओं से अपेक्षा की जा रही है कि या तो वे 2002 की वोटर लिस्ट से मिलान कराएं या उस अवधि के कागजात दिखाएं. इसी ने घबराहट बढ़ाई है. TMC का दावा है कि बड़ी संख्या में मतुआ मतदाताओं के नाम सूची से गायब हो सकते हैं जबकि BJP लगभग 700 CAA सहायता शिविर खोलकर आश्वासन दे रही है कि हिंदू शरणार्थियों की नागरिकता सुरक्षित है.
ठाकुरबाड़ी में दिखा डर और भ्रम
News18 जब ठाकुरबाड़ी पहुंचा तो वहां लोग दस्तावेजों को लेकर परेशान दिखे. एक स्थानीय निवासी बोले, “पुराने कागज मांगे जा रहे हैं जो हमारे पास हैं ही नहीं. पूरा इलाका भ्रम में है.” एक युवा ने कहा, “हम नहीं जानते कि CAA का आवेदन SIR में माना भी जाएगा या नहीं. डर है कि नाम कट न जाए.”
CAA कैंप में भी उलझन
ठाकुरबाड़ी में बने CAA हेल्प डेस्क पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं. यहां मौजूद प्रसंजित ने कहा, “हम लोगों को CAA के लिए आवेदन करने की सलाह देते हैं लेकिन ये SIR के 12 मान्य दस्तावेजों में शामिल नहीं है. इसलिए इसे सबूत के तौर पर नहीं माना जाएगा.” कई लोग बताते हैं कि वे रातों की नींद खो बैठे हैं क्योंकि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि कौन सा कागज मान्य है और कौन सा नहीं.
टीएमसी का प्रदर्शन
हाल ही में TMC नेता ममता ठाकुर के समर्थन से मतुआ समुदाय के लोगों ने 12 दिन की भूख हड़ताल की. उनकी मांग थी कि नागरिकता बिना पुराने दस्तावेज़ों के दी जाए. फिलहाल हड़ताल खत्म हो चुकी है और ममता ठाकुर अस्पताल में भर्ती हैं. उधर, गौघाटा के BJP विधायक सुब्रत ठाकुर ने News18 से कहा कि चुनाव आयोग को SIR सुनवाई में CAA आवेदन पर विचार करना चाहिए. उन्होंने आश्वासन दिया, “एक भी मतुआ का नाम नहीं कटेगा.”
EC ने अभी कोई निर्देश नहीं दिया
News18 को चुनाव आयोग के बंगाल सूत्रों ने बताया कि CEA आवेदन को SIR में मानने का कोई निर्देश नहीं मिला है, जिससे स्थिति और उलझ गई है. नतीजा मतुआ समुदाय के एक बड़े हिस्से में यह डर गहराता जा रहा है कि अगर CAA आवेदन भी नहीं माना गया, तो उनकी वोटर लिस्ट में मौजूदगी खतरे में पड़ सकती है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 18, 2025, 22:21 IST

1 hour ago
