Sudan Conflict: आखिर क्यों खास है कडुगली? जहां ड्रोन हमले में मारे गए 6 UN शांति सैनिक, यहां बद से बदल हो चुके हैं हालत

5 hours ago

Drone attack hits UN facility in Sudan: सूडान पिछले कई सालों से हिंसा और गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है. 2023 से वहां सत्ता को लेकर देश की सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई जा रही है, जो अब खतरनाक होती जा रही है. वहां के हालात इतने खराब हो चुके हैं कि संयुक्त राष्ट्र की सुविधाएं भी सुरक्षित नहीं रहीं. ताजा मामला दक्षिण सूडान सीमा के पास का है, जहां UN शांति सैनिकों पर हुए ड्रोन हमने ने दुनिया को हैरान कर दिया. 14 दिसंबर को सूडानी अधिकारियों ने बताया कि साउथ कोर्डोफान राज्य की राजधानी कडुगली में संयुक्त राष्ट्र की एक फैसिलिटी पर ड्रोन हमला हुआ है, जिसमें 6 UN शांति सैनिकों की मौत हुई, जबकि 7 घायल हैं. ये हमला उस वक्त हुआ जब शांति सैनिक UN परिसर में मौजूद थे.

संयुक्त राष्ट्र की एक फैसिलिटी पर हुए इस ड्रोन हमले के लिए सूडानी सशस्त्र बल (SAF) ने सीधे तौर पर रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) को जिम्मेदार बताया है. SAF ने कहा कि ड्रोन से UN मुख्यालय और बांग्लादेश बटालियन पर तीन मिसाइलें दागी गईं, जिससे एक स्टोरेज फैसिलिटी में आग लग गई. मारे गए और घायल सभी शांति सैनिक बांग्लादेश बटालियन से थे.

इस पूरे मामले में सूडान की ट्रांजिशनल सॉवरेन काउंसिल, जो SAF का समर्थन करती है, ने हमले की निंदा की है. परिषद ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताते हुए कहा कि UN जैसी संरक्षित संस्था पर हमला करना बेहद खतरनाक और आपराधिक कृत्य है. वहीं RSF की तरफ से कहा गया कि उसने UN या किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन पर कोई हवाई हमला नहीं किया. उसने खुद पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

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क्यों खास है कडुगली, जहां हुआ ड्रोन अटैक?

जिसे साउथ कोर्डोफान राज्य की राजधानी कडुगली में यह ड्रोन हमला हुआ है वहां के हालात बेहद खराब हो चुके हैं. वहां ना तो लोगों के पास खाने पीने का सामान बचा और ना सुरक्षा की कोई गारंटी है. नवंबर 2025 की शुरुआत में इस इलाके को अकालग्रस्त घोषित कर दिया गया था. कडुगली वही जगह है, जो आमतौर पर खेती के लिए जाना जाता है और तीन राज्यों में बंटा हुआ है. ये क्षेत्र रणनीतिक रूप से बहुत अहम है, क्योंकि इसके पश्चिम में आरएसएफ के कब्जे वाला दारफुर है, जबकि उत्तर, पूर्व और मध्य हिस्सों में सूडानी सेना का नियंत्रण है. यही वजह है कि यह इलाका दोनों पक्षों के बीच एक तरह का रास्ता बनता है.

कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अप्रैल 2023 में युद्ध शुरू होने के बाद से आरएसएफ ने यहां अपने लड़ाके, ड्रोन और सहयोगी मिलिशिया तैनात कर दिए हैं, वहीं इसे लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि आरएसएफ इस इलाके के जरिए सेना की सुरक्षा को तोड़ना चाहता है, ताकि आगे चलकर राजधानी खार्तूम पर फिर से कब्जा करने की कोशिश की जा सके.

क्यों जंग की आग में जल रहा सूडान?

अब सवाल ये है कि आखिर सूडान जंग की आग में क्यों जल रहा है? यहां किसके बीच लड़ाई है? तो जान लीजिए कि अप्रैल 2023 से इस देश में सत्ता पर कब्जे को लेकर भीषण गृहयुद्ध चल रहा है. यह लड़ाई सूडान की नियमित सेना सूडानी सशस्त्र बल (SAF) और अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच है. दोनों ताकतें देश की सत्ता पर पूरा कंट्रोल चाहती हैं. इसी जंग ने सूडान को तबाही की ओर धकेल दिया है. अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है, लाखों लोग अपने घर छोड़ चुके हैं.

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