How did Sukhi Chahal Die: अमेरिका के कैलिफोर्निया में बसे भारतवंशी बिजनेसमैन सुखी चहल की रहस्यमय परिस्थियों में मृत्यु हो गई है. वे सिख समुदाय के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे और खालिस्तान विरोधी विचारधारा के लिए जाने जाते थे. वे अपनी सेहत और राष्ट्रवादी सोच के लिए चर्चा में रहते थे. ऐसे में उनकी एकाएक मौत ने अफवाहों का बाजार गरम कर दिया है.
सुखी चहल की मौत कैसे हुई?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेफोर्निया में बसे सुखी चहल के नजदीकी दोस्त जसपाल सिंह ने उन्हें 31 जुलाई को अपने घर डिनर पर आमंत्रित किया था. भोजन के बाद उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई और वे अचेत हो गए. उन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
खालिस्तानी चरमपंथियों के निशाने पर थे
सुखी चहल 'खालसा टुडे' नाम की संस्था के फाउंडर और सीईओ थे. वे मूल रूप से अमृतसर के रहने वाले थे और बाद में अमेरिका में जाकर बस गए थे. वे भारत को एक बार फिर मजहबी विचारधारा के आधार पर बांटने वाली खालिस्तानी विचारधारा के कटु आलोचक थे और सार्वजनिक मंचों पर खुलकर अपने विचार व्यक्त करते थे. इसके चलते उन्हें अक्सर खालिस्तानी चरमपंथियों की ओर से धमकियां भी मिलती रहती थी.
सुखी चहल की मौत से उठ रहे कई सवाल
उनके मित्र जसपाल सिंह के मुताबिक, खालिस्तानियों 17 अगस्त को अमेरिका में खालिस्तान पर मत संग्रह कराने का ऐलान कर रखा है. सुखी चहल इस मत संग्रह के पूरी तरह खिलाफ थे और इसे देश विरोधी हरकत बता रहे थे. इस रेफरेंडम से कुछ दिन पहले ही उनकी संदेहास्पद मौत ने अनेक सवाल खड़े कर दिए हैं.
ऑटोप्सी रिपोर्ट से सच सामने आने की उम्मीद
कैलिफोर्निया में रहने वाले उनके दोस्त बूटा सिंह कलेर के मुताबिक, खालिस्तानी चरमपंथियों की ओर से जान से मारने की धमकियों के बावजूद सुखी चहल अपने विचारों को बेबाक तरीके से जाहिर करते थे. उनकी असमय और रहस्यमय मौत ने अमेरिका में बसे सभी भारतवंशियों में दुख भर दिया है. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और अब ऑटोप्सी रिपोर्ट से सच सामने आ सकेगा.
आखिरी पोस्ट में सुखी ने क्या लिखा था?
वे बताते हैं कि सुखी चहल अपने देश भारत से बहुत प्यार करते थे. साथ ही अमेरिका में बसे भारतवंशियों को वहां के कानूनों का पालन करने के बारे में भी समझाते थे. उन्होंने हाल ही में एक पोस्ट अपनी सोशल मीडिया पर शेयर की थी. जिसमें उन्होंने लिखा था कि अमेरिका में बसे बसे सभी आप्रवासी भारतीयों को किसी भी तरह के अपराध से दूर रहना चाहिए और अमेरिका के कानूनों का पालन करना चाहिए. ऐसा न करने पर उनका वीजा रद्द हो सकता है और उन्हें दोबारा अमेरिका में प्रवेश के अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है.