Taliban Parade: पुरानी सरकार को मिले हथियारों का प्रदर्शन कर जश्न मना रहा तालिबान, परेड में शामिल किए भारतीय हेलीकॉप्टर

1 month ago

तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के तीन साल होने का जश्न मिलिट्री परेड के साथ मनाया. यह परेड बगराम एयरबेस से शुरू हुई और इसमें अमेरिकी हथियारों और वाहनों को शामिल किया गया.

बगराम एयरफील्ड कभी तालिबान को उखाड़ फेंकने और 9/11 के लिए जिम्मेदार अल-कायदा आतंकवादियों का पता लगाने के लिए अमेरिका के युद्ध का केंद्र था. तालिबान ने अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए इसी एयरबेस को चुना.

Bagram Airfield: Indian helicopters gifted to Afghanistan republic govt were part of Taliban parade to celebrate 3 years of Afghanistan takeover yesterday. pic.twitter.com/cMJQKsUXpo

— Sidhant Sibal (@sidhant) August 15, 2024

परेड में भारतीय हेलीकॉप्टर का भी प्रदर्शन किया गया. दरअसल यह हेलीकॉप्टर भारत ने अफगानिस्तान सरकार को भेंट किए थे.

कार्यक्रम के दौरान, तालिबान नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव के लिए अपनी अपील को दोहराया. तालिबानी नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने क्षेत्र और दुनिया के साथ 'अच्छे संबंधों' के लिए परिस्थितियाँ बनाई हैं.

'हमारा दुनिया को संदेश है कि…’
तालिबान के गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा, 'हमारा दुनिया को संदेश है कि वह चिंता न करने का है. हमने उनसे अपनी आज़ादी छीनी है, लेकिन हम बदला नहीं चाहते. हमारा इरादा अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में सहयोग करने का है.'

तालिबान को नहीं मिल सकी अतंर्राष्ट्रीय मान्यता
तालिबान अंतर्राष्ट्रीय मान्यता और सहयोग की मांग करता रहा है. हालांकि, सत्ता में इसके तीन साल के शासन में महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए. जो अलग-थलग पड़ जाने का बड़ा कारण बना.

किसी भी देश ने औपचारिक रूप से तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है. मानवाधिकारों, विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों का सम्मान और एक समावेशी सरकार का गठन क्षेत्रीय शक्तियों और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों की प्रमुख मांगें रही हैं.

उपमुख्यमंत्री का बड़ा दावा
तालिबान के उपमुख्यमंत्री अब्दुल कबीर ने भी बगराम कार्यक्रम में कहा, 'हम क्षेत्रीय और वैश्विक प्रतिद्वंद्विता को अफ़गानिस्तान से दूर रख रहे हैं. हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि हम चर्चा कर सकते हैं और किसी भी गलतफहमी को दूर कर सकते हैं.'  

कबीर ने दावा किया कि अफगानिस्तान के साथ कूटनीतिक जुड़ाव बढ़ रहा है, दूतावास फिर से खुल रहे हैं, विदेशी राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल आ रहे हैं और तालिबान के प्रतिनिधि विदेशों में लगभग 40 राजनयिक मिशनों में तैनात हैं.

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