UK Church Free Style Wrestling News: ब्रिटेन में ईसाई धर्म के प्रति लोगों का तेजी से मोहभंग होता जा रहा है. आलम ये है कि वहां पर चर्च खाली पड़े हैं लेकिन प्रेयर करने वाला कोई नहीं है. लोगों को चर्चों की ओर आकर्षित करने के लिए अब वहां के पादरी अजीबोगरीब हरकतें करने लगे हैं. एक पादरी ने अपने चर्च में रेसलिंग शुरू करवा दी है.
'जीसस के आशीर्वाद और रेसलिंग से बच गया'
उत्तरी इंग्लैंड के शहर शिपली में सेंट पीटर एंग्लिकन चर्च में पादरी गारेथ थॉम्पसन ने यह प्रयोग शुरू किया है. पादरी का दावा है कि वह मरने वाला था लेकिन फिर प्रो रेसलिंग से जुड़ने और जीसस के आशीर्वाद की वजह से वो बच गया. उसके बाद से चर्च में हर संडे को फ्री रेसलिंग फाइट होती है. जिसमें फाइटर भूखे शेर की तरह एक दूसरे पर टूट पड़ते हैं और किसी एक के गिर जाने तक जमकर पीटते हैं.
पादरी गारेथ थॉम्पसन का कहना है, इसे मूल बातों तक सीमित रखें. यह अच्छाई बनाम बुराई है. जब मैं ईसाई बन गया तो मैंने कुश्ती की दुनिया को ईसाई नज़रिए से देखना शुरू कर दिया. मैंने डेविड और गोलियत को देखना शुरू कर दिया. मैंने कैन और हाबिल को देखना शुरू कर दिया. मैंने एसाव को उसकी विरासत से वंचित होते देखना शुरू कर दिया. और मैं सोचने लगा, 'हम ये कहानियाँ बता सकते हैं.'"
ब्रिटेन में घटती रही चर्च जाने वालों की संख्या
बताते चलें कि ब्रिटेन में चर्च जाने वाले लोगों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है. वर्ष 2021 की जनगणना में पाया गया कि इंग्लैंड और वेल्स में आधे से भी कम लोग अब खुद को ईसाई मानते हैं. जो लोग कहते हैं कि उनका कोई धर्म नहीं है, उनकी संख्या एक दशक में 25% से बढ़कर 37% हो गई है. इससे चर्चों को अपने सर्वाइवल के लिए इस तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं.
ऐसा ही एक चर्च और है, जिसका नाम सेंट पीटर्स चर्च है. इस चर्च की प्रभारी पादरी नताशा थॉमस कहती हैं, हमारा चर्च सभी के लिए नहीं है. लेकिन यह लोगों के एक अलग समूह, एक अलग समुदाय को ला रहा है, जो खेल में रूचि रखते हैं. हाल ही में चर्च में ऐसी ही फ्री स्टाइल रेसलिंग हुई, जिसे देखने के लिए 200 लोग चर्च में पहुंचे.
फाइट देखने के लिए चर्च पहुंच रहे लोग
नताशा थॉमस ने इवेंट शुरू होने से पहले ईसाई धर्म के ऊपर छोटा सा प्रवचन दिया. इसके बाद चर्च में रेसलिंग शुरू हो गई. फाइट देखने के लिए चर्च में इकट्ठा हुए लोगों में गजब का जोश था. लोग अपने पसंदीदा खिलाड़ी पर दांव लगाकर विरोधी को नॉक आउट करने के लिए उकसा रहे थे.
चर्च में हुए इस बदाल कई लोगों ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि तरीका अलग ही सही लेकिन लोग अब चर्च में दोबारा वापस जुड़ने लगे हैं. अपनी जड़ों से जुड़े रहने का यह सही तरीका है. इसका विस्तार किया जाना चाहिए और नई-नई दिलचस्प गतिविधियां चर्चों में शामिल की जानी चाहिए.