Samosa Caucus: अमेरिकी चुनावों पर सबकी नजर है. कुछ घंटों में वहां के स्थानीय समयानुसार राष्ट्रपति चुनावों के लिए वोटिंग शुरू होने वाली है. ऐसे में भारतीय-अमेरिकियों की नजर अमेरिकी कांग्रेस में सीट पाने या फिर दोबारा चुनाव जीतने पर है. हालिया वर्षों में भारतीय मूल के लोगों की अमेरिकी संसद में संख्या बढ़ी है. ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में 'समोसा कॉकस' की संख्या बढ़ सकती है. 'समोसा कॉकस' अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय-अमेरिकी सांसदों के ग्रुप को दिया गया एक निकनेम है.
यह दक्षिण एशियाई मूल के लेजिस्लेचर की बढ़ती संख्या को संदर्भित करता है, विशेष रूप से भारतीय मूल के. 'समोसा' एक लोकप्रिय भारतीय स्नैक है. यह शब्द 2018 के आसपास राजा कृष्णमूर्ति द्वारा अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया गया. कृष्णमूर्ति, इलिनोइस से यूएस रिप्रेजेंटेटिव हैं.
'समोसा कॉकस' में प्रतिनिधि सभा और सीनेट दोनों के सदस्य शामिल हैं, जिनकी जड़ें भारत या दक्षिण एशिया में हैं. ये सदस्य, अक्सर भारतीय-अमेरिकी समुदाय से संबंधित मुद्दों या अमेरिका में दक्षिण एशियाई लोगों के हित के व्यापक मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं.
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दलीप सिंह सौंद
दलीप सिंह सौंद (Dalip Singh Saund) अमेरिकी कांग्रेस में चुने गए पहले भारतीय-अमेरिकी थे. वह 1957 से 1963 पद पर रहे. उन्होंने डेमोक्रेट के रूप में प्रतिनिधि सभा में कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व किया.
बॉबी जिंदल
इसके बाद सदन में अगले भारतीय-अमेरिकी की एंट्री 40 साल बाद 2004 में लुइसियाना से बॉबी जिंदल के रूप में हुई. वे रिपब्लिकन थे, उन्होंने एक और कार्यकाल पूरा किया. आगे उन्होंने अपने गृह राज्य के गवर्नर पद के लिए चुनाव लड़ा और जीते.
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए अगले भारतीय-अमेरिकी के आने में पांच साल लगे. एमी बेरा ने 2013 में पहली बार सदन में प्रवेश करने के बाद से लगातार कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व किया है. 2017 में उनके साथ इलिनोइस से राजा कृष्णमूर्ति, वाशिंगटन स्टेट से प्रमिला जयपाल और कैलिफोर्निया से ही रो खन्ना भी सदन में शामिल हुए. कृष्णमूर्ति ने ग्रुप का वर्णन करने के लिए 'समोसा कॉकस' नाम दिया, जो भारतीय विरासत को दर्शाता है.
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'समोसा कॉकस' की पांचवीं सदस्य कमला हैरिस थीं, जो दूसरों के विपरीत, अमेरिकी सीनेट के लिए चुनी गईं और ऊपरी सदन में शामिल होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बन गईं. उन्होंने कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व किया.
हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडेन के रनिंग मेट के रूप में उप-राष्ट्रपति पद के लिए उनके चुनाव की वजह से दो साल में कॉकस की संख्या पांच से चार हो गई. लेकिन जल्दी ही समोसा कॉक्स की संख्या फिर से पांच हो गई. 2021 में मिशिगन से श्री थानेदार यूएस रिप्रेजेंटेटिव चुने गए. ये सभी फिर से चुनावी दौड़ में शामिल हैं. अगली कांग्रेस में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं.
इंडियन अमेरिकी कम्युनिटी की वर्जीनिया राज्य की एक कंपीटेटिव डिस्ट्रिक्ट में भारतीय-अमेरिकी सुहास सुब्रमण्यम की चुनावी दौड़ पर समुदाय की करीबी नजर है. उम्मीद है कि अमेरिकी कांग्रेस में समुदाय का प्रतिनिधित्व छह तक बढ़ जाए. ऐसा माना जा रहा है कि उनके जीतने की काफी संभावनाएं हैं.
(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)