US student visa: अमेरिका में विदेशी छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में इमिग्रेशन नियम काफी सख्त हो गए हैं और बड़ी संख्या में स्टूडेंट वीजा रद्द किए जा रहे हैं. कई छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें डर के मारे खुद ही देश छोड़ना पड़ रहा है. मौजूदा हालात में विदेशी छात्र डरे हुए हैं कि कहीं उनका वीजा रद्द न हो जाए और उनका भविष्य खतरे में न पड़ जाए.
दरअसल मेरिकी सरकार की तरफ से कई छात्रों के वीजा को नियमों के उल्लंघन या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर रद्द कर दिया गया है. कुछ मामलों में उन्हें अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया तो कुछ को हिरासत में ले लिया गया. यूनिवर्सिटीज में अब डर का माहौल है जहां छात्रों को चिंता है कि उनकी पढ़ाई और करियर दोनों अधर में न रह जाएं. इस बीच यह जानना जरूरी है कि अमेरिका का स्टूडेंट वीजा क्या होता है और इससे जुड़े अधिकार क्या हैं.
क्या है स्टूडेंट वीजा?
अमेरिका में पढ़ाई के लिए आने वाले विदेशी छात्रों को अधिकतर F-1 वीजा दिया जाता है. यह वीजा उन छात्रों को मिलता है जो ICE Immigration and Customs Enforcement से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज में फुल टाइम पढ़ाई करते हैं. वीजा की वैधता को बनाए रखने के लिए छात्रों को अच्छा अकादमिक प्रदर्शन करना होता है और पहले साल कैंपस के बाहर नौकरी करने की मनाही होती है. उन्हें यह भी दिखाना होता है कि पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे हैं. वीजा की अवधि कोर्स की अवधि तक वैध होती है और इसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है.
विदेशी छात्रों के क्या अधिकार हैं?
भले ही स्टूडेंट वीजा होल्डर्स अमेरिका में अस्थायी रूप से रहते हैं लेकिन अमेरिकी संविधान के तहत उन्हें कुछ बुनियादी अधिकार दिए गए हैं. इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि संविधान सभी व्यक्तियों पर लागू होता है चाहे उनके पास वैध दस्तावेज हों या नहीं. छात्रों को बोलने की आजादी, वकील की मदद लेने और जज के सामने सुनवाई का अधिकार है. हालांकि ये अधिकार उन्हें इमिग्रेशन अधिकारियों की कार्रवाई से पूरी तरह नहीं बचाते. यदि अधिकारी पाते हैं कि कोई छात्र वीजा की शर्तों का पालन नहीं कर रहा है तो उसका वीजा रद्द किया जा सकता है.