जम्मू-कश्मीर. घाटी में जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का 5वां स्थापना दिवस गुरुवार को मनाया गया. हैरानी की बात ये रही कि इस जश्न से प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ही गायब रहे. राज्य सरकार के इस कदम के लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) मनोज सिन्हा ने राज्य सरकार की निंदा की. बता दें कि घाटी में 10 साल के बाद हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सत्ता में लौटे उमर अब्दुल्ला सहित उनकी सहयोगी पार्टियां कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी.
एलजी सिन्हा मुख्यमंत्री अब्दुल्ला और बॉयकाट करने वाली सभी पार्टियों जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश है और सभी को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए. जब यह फिर से राज्य बनेगा, तो उस दिन भी जश्न मनाया जाएगा. एलजी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन्होंने भारतीय संविधान के तहत शपथ ली है, वे जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे का विरोध कर रहे हैं. यह उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है.
केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे से संतुष्ट नहीं-NC
वहीं, विरोध जताते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम कभी भी केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे से संतुष्ट नहीं होंगे. हमारी मांग दृढ़ है: पूर्ण राज्य का दर्जा…’ वहीं, मीडिया से बात करते हुए एलजी ने कहा, ‘चीजें पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वादे के अनुसार आकार ले रही हैं. पहले परिसीमन होगा, फिर विधानसभा चुनाव होंगे और फिर उचित समय पर राज्य का दर्जा मिलेगा.’
आज काला दिन है-मुफ्ती
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी ने पीडीपी ने इसका विरोध जताया है. पार्टी प्रमुख मुफ्ती ने पुलवामा में कहा, ‘जम्मू कश्मीर के साथ जो हुआ, वह पहले कहीं नहीं हुआ. मैं उपराज्यपाल से कहना चाहती हूं कि जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए और खासकर पीडीपी के लिए आज का दिन काला दिन है. हम इसे तब तक काला दिन मानेंगे, जब तक जम्मू कश्मीर के विशेषाधिकार बहाल नहीं हो जाते हैं. मुझे उम्मीद है कि नवनिर्वाचित सरकार सभी लोगों को साथ लेकर चलेगी और जम्मू कश्मीर को वर्तमान स्थिति से बाहर निकालने के लिए संघर्ष करेगी.’
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FIRST PUBLISHED :
November 1, 2024, 07:48 IST