Last Updated:April 08, 2025, 11:29 IST
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट से विशाल ददलानी और तहसीन पूनावाल को राहत मिली है. जैन मुनि तरुण सागर पर टिप्पणी मामले में तहसीन पूनावाला और विशाल ददलानी पर हाईकोर्ट की ओर से लगाए गए जुर्माने को सुप्रीम कोर्ट ...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: तहसीन पूनावाला, विशाल ददलानी पर जुर्माना रद्द
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने ददलानी और पूनावाला पर जुर्माना रद्द किया.सुप्रीम कोर्ट ने कहा अदालत का काम रोजाना की पुलिसिंग करना नहीं है.हाईकोर्ट ने दोनों पर 10-10 लाख जुर्माना लगाया था.जैन मुनि तरुण सागर पर टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें तहसीन पूनावाल और विशाल ददलानी पर जैन मुनि का अपमान करने के लिए जुर्माना लगाया गया था. इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की और कहा अदालत का काम रोजाना की पुलिसिंग करना नहीं है. दरअसल, तहसीन पूनावाला और विशाल ददलानी के खिलाफ हाईकोर्ट ने भी कोई अपराध नहीं पाया था और एफआईआर को रद्द कर दिया गया था. मगर जुर्माना ठोका था.
दरअसल, तहसीन पूनावाला और विशाल ददलानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला जैन मुनि तरुण सागर पर उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों से जुड़ा था. इन दोनों ने हाईकोर्ट के जुर्माना के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. यह मामला काफी पुराना है. दरअसल, साल 2016 में तरुण सागर ने हरियाणा विधानसभा में प्रवचन दिया था. उनके इस कार्यक्रम पर तहसीन पूनावाला और विशाल ददलानी ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी. पूनावाला ने इसे ‘धर्म का राजनीतिकरण करार दिया था तो विशाल ददलानी ने इसे ‘संस्थानों का माखौल’ बताया था.
क्या है पूरा मामला
इन दोनों की टिप्पणियों को जैन समुदाय ने अपमानजनक माना और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया. इसके बाद अंबाला के रहने वाले पुनीत अरोड़ा ने 28 अगस्त 2016 को अंबाला छावनी पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. एफआईआर में धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 153ए (समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया. शिकायतकर्ता का कहना था कि इन टिप्पणियों से जैन समुदाय आहत हुआ. दोनों ने अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगी थी. हालांकि, मामला तब तक अदालत पहुंच चुका था.
क्या था हाईकोर्ट का फैसला
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दोनों ने अपनी एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी. हाईकोर्ट ने दोनों पर 10-10 लाख जुर्माना लगाते हुए उन पर दर्ज एफआईआर रद्द करने के आदेश दिए थे. दोनों ने 10-10 लाख जुर्माना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसे लेकर ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दोनों के लिए राहत लेकर आया है.
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
April 08, 2025, 11:29 IST