Last Updated:April 08, 2025, 21:42 IST
PM Modi At Rising Bharat Summit 2025: 'राइजिंग भारत समिट 2025' के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों का लेखा-जोखा पेश किया. उन्होंने पहली बार वक्फ कानून पर भी खुलकर विचार व्यक्...और पढ़ें

Rising Bharat Summit 2025 में पीएम नरेंद्र मोदी.
नई दिल्ली: ‘राइजिंग भारत समिट 2025’ के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ के मसले पर खुलकर बात की. पीएम ने कहा कि पहले का वक्फ कानून ऐसा था कि उसका नोटिस आते ही लोग डर के मारे कागज ढूंढने में लग जाते थे. उन्होंने कहा कि 2013 में वक्फ अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य मुस्लिम कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं को खुश करना था. PM ने कहा कि ‘नया वक्फ कानून वक्फ की पवित्रता और मुस्लिम संप्रदाय के गरीबों, पिछड़ों एवं महिलाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगा.’ मोदी ने यह भी कहा कि ‘हमारी सरकार ने इस वर्ष के शुरुआती 100 दिनों में भविष्य के लिए मजबूत नींव रखी है, भारत अब रुकने वाला नहीं है.’ पीएम ने ‘विकसित भारत’ के लिए मंत्र भी दिया- Delay is the enemy of development. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने विकास प्रोजेक्टस को तेजी से पूरा किया है.
‘राइजिंग भारत समिट 2025‘ में PM मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें
इस साल की शुरुआत में, विवेकानंद जी की जयंती के दिन, इसी भारत मंडपम में विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग का आयोजन हुआ था. उस समय मैंने युवाओं की आंखों में जो देखा — वह था सपनों की चमक, संकल्प की शक्ति और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जुनून. 2047 तक भारत को जिन ऊंचाइयों तक ले जाना है, और जिस रोडमैप पर हम चल रहे हैं, यदि उसके हर कदम पर मंथन हो, तो निश्चित ही अमृत निकलेगा. वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारत ने तेज़ी से प्रगति की और मात्र एक दशक में अपनी अर्थव्यवस्था को दुगुना कर दिया. जो लोग सोचते थे कि भारत धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा, वे अब एक तेज़ और निडर भारत को देख रहे हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. और इस असाधारण विकास का नेतृत्व कौन कर रहा है? भारत के युवा, उनकी महत्वाकांक्षाएं और आकांक्षाएं… आज दुनिया की नज़र भी भारत पर है और दुनिया की उम्मीद भी भारत से है. कुछ ही वर्षों में भारत 11वीं से 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है. और इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना तय है. पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के 52 करोड़ लोन दिए गए. यह स्केल और स्पीड अभूतपूर्व है. मुद्रा योजना की बदौलत 11 करोड़ लोगों को पहली बार स्वरोज़गार के लिए लोन मिला. हमने अपनी नीतियों के माध्यम से नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. अब 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री है. इस बदलाव से युवा प्रोफेशनल्स और उद्यमियों को भारी लाभ मिलेगा. जिस तरह हमने स्पेस सेक्टर को खोला, उसी तरह अब न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर को भी निजी उद्यमों के लिए खोल दिया गया है. गिग इकोनॉमी से जुड़े लोगों को अब सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा. जो लोग पहले नीतियों से अदृश्य थे, अब वही नीतियों के केंद्र में हैं. एससी, एसटी और महिलाओं के लिए 2 करोड़ रुपये तक के टर्म लोन की सुविधा दी जा रही है. समावेशिता अब सिर्फ वादा नहीं है, यह नीति है. भारत अब न झुकने वाला है और न ही थमने वाला. इन 100 दिनों में, भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बना जिसने सैटेलाइट की डॉकिंग और अनडॉकिंग की क्षमता हासिल की. भारत ने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण भी किया. पिछले 100 दिनों में सेना के लिए मेड इन इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की खरीदी को हरी झंडी दी गई और वक्फ कानून में संशोधन का विधेयक पास हुआ. यानी, सामाजिक न्याय की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया. ये 100 दिन 100 फैसलों से भी आगे की बात है. यह 100 संकल्पों की सिद्धि का समय है. परफॉर्मेंस का यही मंत्र… राइजिंग भारत की असली ताकत है. अभी दो दिन पहले मैं रामेश्वरम में था, जहां मुझे ऐतिहासिक पंबन ब्रिज के लोकार्पण का अवसर मिला. करीब 125 साल पहले अंग्रेजों ने वह पुल बनवाया था. उस पुल ने इतिहास देखा, तूफान झेले. एक बार एक साइक्लोन ने उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. सालों तक देश इंतज़ार करता रहा, जनता मांग करती रही, लेकिन पहले की सरकारें सोती रहीं. जब हमारी सरकार आई, तो नए पंबन ब्रिज का काम शुरू हुआ और अब देश को अपना पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज मिल गया है. परियोजनाओं को लटकाकर देश नहीं चलता. देश तभी चलता है जब काम समय पर पूरा हो. Delay is the enemy of development. और हमने इस दुश्मन को हराने की ठान ली है. बोगीबील ब्रिज की नींव 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा जी ने रखी थी, और वाजपेयी सरकार के समय इसका काम शुरू हुआ. लेकिन कांग्रेस सरकार आने पर यह अटक गया. अरुणाचल प्रदेश और असम के लोग सालों तक परेशान होते रहे, लेकिन तब की सरकार ने परवाह नहीं की. 2014 में जब हमें सेवा का अवसर मिला, तो हमने इसका काम फिर से शुरू किया और मात्र चार वर्षों में, 2018 में ब्रिज पूरा कर दिया. देश के 125 से ज़्यादा जिले कभी नक्सलवाद से प्रभावित थे. जहां-जहां नक्सलवाद था, सरकार की पहुंच वहीं तक सीमित थी. इसका सबसे अधिक असर युवाओं पर पड़ा, और हमने उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किए. पिछले 10 वर्षों में 8,000 से अधिक नक्सलियों ने हिंसा छोड़ दी है. आज नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 20 से भी कम रह गई है. इसी तरह पूर्वोत्तर भारत भी अलगाववाद और हिंसा से जूझ रहा था. पिछले दशक में हमारी सरकार ने 10 बड़े शांति समझौतों को पूरा किया, जिससे 10,000 से अधिक लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटे. दशकों तक भारत में डर, भय और आतंक का माहौल बढ़ता गया. इसका सबसे बड़ा खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ा. हिंसा और अलगाववाद की आग में सबसे ज्यादा युवा झुलसे. जम्मू-कश्मीर में अनेक पीढ़ियों के युवा बम, बंदूक और पत्थरबाज़ी में खप गए. लेकिन दशकों तक शासन करने वालों में इस आग को बुझाने का साहस नहीं था. हमारी सरकार की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण आज वहां हालात बदल गए हैं. आज जम्मू-कश्मीर का युवा विकास की धारा से जुड़ गया है. 2013 में वक्फ कानून संशोधन कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं को खुश करने की कोशिश थी। कानून ऐसा बना कि लोगों को अपनी ही ज़मीन के लिए डर लगने लगा। क्या यही न्याय है? तुष्टिकरण की राजनीति से कांग्रेस को सत्ता मिली, कुछ कट्टरपंथी नेताओं को दौलत मिली. लेकिन सवाल ये है कि आम मुसलमान को क्या मिला? गरीब पसमांदा मुसलमान को क्या मिला? उसे मिला उपेक्षा, अशिक्षा और बेरोजगारी. मुस्लिम महिलाओं को मिला शाहबानो जैसा अन्याय. मैं देश की संसद को, सर्वसमाज और मुस्लिम समाज के हित में एक ऐतिहासिक कानून पारित करने के लिए बधाई देता हूं. अब वक्फ की पवित्र भावना की रक्षा भी होगी और गरीब-पसमांदा मुसलमान, महिलाएं और बच्चे – सबके अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे. वक्फ बिल पर बहस संसद के इतिहास की दूसरी सबसे लंबी बहस रही. दोनों सदनों में इस पर 16 घंटे चर्चा हुई, संसद की संयुक्त समिति (JPC) की 38 बैठकें हुईं, कुल मिलाकर 128 घंटे की चर्चा हुई. देशभर से लगभग 1 करोड़ ऑनलाइन सुझाव भी प्राप्त हुए. यह बताता है कि लोकतंत्र केवल संसद की चार दीवारों तक सीमित नहीं है, बल्कि जनभागीदारी से और अधिक मजबूत और समृद्ध हो रहा है.Rising Bharat Summit 2025 में दूसरे दिन भी दिग्गज नेताओं, खिलाड़ियों और इंडस्ट्री लीडर्स का जमावड़ा लगेगा. लेटेस्ट अपडेट के लिए इस पेज को फॉलो करें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 08, 2025, 21:41 IST