Tallest Buildings in world: दुनियाभर में बीते कुछ सालों में तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी जोर दिया गया है. आज करीब हर देश में ऊंची-ऊंची इमारतें बन रही हैं, जो वहां के आर्थिक विकास की गाथा लिखने में मददगार साबित हो रहीं हैं. दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग दुबई (Dubai) की 'बुर्ज खलीफा' जिसकी ऊंचाई 828 मीटर (2717 फीट) है. अब खबर आ रही है कि उसका टालेस्ट बिल्डिंग ऑफ द वर्ल्ड (Tallest Buildings of world) का तमगा छिनने जा रहा है. आपको बताते चलेंं कि बुर्ज खलीफा में 163 मंजिलें हैं, जिसका निर्माण 2010 में पूरा हुआ था.
एमिरेट्स चीफ के बयान के मायने क्या हैं?
एमिरेट्स टीफ टिम क्लार्क के एक बयान ने दुनिया में हलचल मचा दी है. पियर्स मॉर्गन के साथ बातचीत में, अमीरात के प्रेसिडेंट सर टिम क्लार्क ने संकेत दिया कि दुबई सरकार का अगला फैसला बुर्ज खलीफा को भी बौना साबित कर सकता है. उन्होंने धमाकेदार बयान देते हुए मानो ये कह दिया कि - 'जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है, हमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकि है. अभी तो नापी है सिर्फ मुट्ठी भर जमीन, अभी तो नापने के लिए सारा आसमान बाकी है.'
सर के बयान के मायने क्या हैं?
टिम क्लार्क ने कहा, 'मैं हिम्मत करके कह सकता हूं कि बुर्ज खलीफा से भी बड़ी और खूबसूरत अन्य चीजें आने वाली हैं'. आपको बताते चलें कि टिम क्लार्क ने दुबई को तराशने में अहम भूमिका निभाई है. उनका हालिया बयान दुबई के एक रीजनल कमर्सियल सेंटर से ग्लोबस सेंटर बनने के बारे में बातचीत के दौरान आया. जहां क्लार्क ने दुबई की सोच और उसके फैसलों यानी रणनीति का हिंट देते हुए कहा, 'एक विविध अर्थव्यवस्था का निर्माण होना चाहिए जो सीमित जीवाश्म ईंधन संसाधनों पर निर्भर न हो'.
उन्होंने इस बात पर फोकस किया कि मीडिया, तकनीक, एविएशन, हॉस्पिटैलिटी और बैंकिंग जैसे सेक्टर्स में कैसे महत्वपूर्ण आयाम बनाना यानी स्थापित करना होगा. अगला प्रोजेक्ट सरकार के लिए मनी मेकिंग मशीन साबित हो सकता है, मेरा मानना है कि वो दुबई के सभी नागरिकों के हित में होगा.'
क्लार्क ने दुबई के तेज़ विकास को 90 के दशक की शुरुआत से ही अद्भुत बताया. उन्होंने बेबाकी से स्वीकार किया कि वे दुबई की भविष्य की सफलता के मौजूदा वर्मतान स्तर तक पहुंचने का कभी अनुमान नहीं लगा सकते थे.
उन्होंने कहा, ' दुबई के शासक के विजन ने शहर के विकास की परियोजनाओं में सीधे धन का प्रवाह बढ़ा दिया और उनके फैसलों का लाभ वहां के नागरिकों तत पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. दुबई की महत्वाकांक्षा आकस्मिक नहीं रही है बल्कि ये ये शहर के संचालन के डीएनए का हिस्सा रही है. दुबई का विकास, निर्देशित और बेहतरीन तरीके से संचालित किया गया, ताकि ये केवल एक फैला हुआ विशाल और अनियंत्रित महानगर न बन जाए.