अमेरिका की शर्त नहीं मान रहे पुतिन.. भड़के डोनाल्ड ट्रंप, यूक्रेन मसले पर फंस गए क्या?

1 month ago

Donald Trump Putin Talk: इसे पुतिन की वर्क ऑफ स्टाइल कहें या फिर रूस-अमेरिकी रिश्तों की पेचीदगी कहें. यूक्रेन में मौजूद खनिजों पर नजर गड़ाए डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन से सरेंडर तो करवा लिया लेकिन अब पुतिन ने मामला फंसा दिया. ऐसा लग रहा है कि रूस अपनी ही शर्त पर युद्ध विराम करेगा. शायद यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप बेचैन नजर आ रहे हैं. ट्रंप ने कहा है कि उनके विशेष दूत रूस जा रहे हैं जहां 30 दिनों के सीजफायर पर चर्चा होगी. यह प्रस्ताव अमेरिका का है और यूक्रेन पहले ही इसे स्वीकार कर चुका है. हालांकि रूस ने अभी तक इस पर कोई क्लियर संकेत नहीं दिया है. ट्रंप ने इस बातचीत को युद्ध समाप्ति की दिशा में लगभग समाधान बताया और उम्मीद जताई कि रूस इसे स्वीकार करेगा. लेकिन बी गेंद पुतिन के पाले में है.

शांति को लेकर अमेरिका बेचैन!
असल में व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि उनके अधिकारी इस वक्त रूस की यात्रा कर रहे हैं ताकि युद्धविराम पर सहमति बनाई जा सके. अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ इस सप्ताह मास्को रवाना होंगे और इस मुद्दे पर रूसी अधिकारियों से बातचीत करेंगे. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज ने भी अपने रूसी समकक्ष से बातचीत की है. अमेरिका का मानना है कि यदि रूस इस युद्धविराम को स्वीकार कर लेता है तो यह संकट समाप्त होने की ओर एक बड़ा कदम होगा.

रूस पर निगाहें.. ट्रंप थोड़ा सा भड़क भी गए..
मजे की बात है कि पुतिन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने वाले ट्रंप थोड़ा गरम भी हो गए. उन्होंने कहा कि अगर रूस इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता तो अमेरिका आर्थिक प्रतिबंधों सहित कई कड़े कदम उठा सकता है. उन्होंने कहा कि मैं रूस को आर्थिक रूप से बर्बाद करने के कई तरीके जानता हूं लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता. मेरा उद्देश्य शांति स्थापित करना है. ट्रंप ने यह भी माना कि रूस की सहमति के बिना यह प्रस्ताव सफल नहीं हो सकता.

उधर यूक्रेन के पास अब कोई विकल्प नहीं.. 
इस मसले पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका के प्रयास को सकारात्मक बताया है. उन्होंने कहा कि यह 30 दिन का युद्धविराम शांति की दिशा में पहला कदम हो सकता है. हालांकि उन्होंने रूस पर अविश्वास भी जताया और कहा कि जब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाते तब तक इस पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता. अमेरिका ने यूक्रेन को सैन्य सहायता भी पहले ही बहाल कर दी है.

तो क्या रूस मान जाएगा? फैसला पुतिन के हाथ में
फिलहाल रूस ने इस युद्धविराम को लेकर कोई स्पष्ट सहमति नहीं दी है. क्रेमलिन का कहना है कि उन्हें अभी तक अमेरिका की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. पुतिन पहले भी कह चुके हैं कि रूस केवल तभी किसी शांति समझौते को स्वीकार करेगा जब उसके रणनीतिक हितों की गारंटी दी जाएगी. अब सवाल यह उठता है कि क्या ट्रंप की यह नई कूटनीतिक चाल रूस को बातचीत के लिए मजबूर कर पाएगी या फिर अमेरिका इस मसले पर कुछ फंस गया है.

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